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Special: कोरोना काल में आवश्यकता बनी आविष्कार की जननी, छात्रों ने बनाई 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन - 360 degree disinfection machine Jaipur

जयपुर के MNIT में पढ़ने वाले छात्रों ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन, यूवी प्रोटक्शन मशीन और यूवी प्रोटेक्शन टावर बनाया है. जो शरीर को सैनिटाइज करने के साथ-साथ रोजमर्रा में इस्तेमाल आने वाली सामग्री, यहां तक की कमरों में मौजूद जर्म्स और वायरस का भी नष्ट करने में सक्षम है. देखें- ये स्पेशल रिपोर्ट..

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छात्रों ने बनाई 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन
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Published : Jul 13, 2020, 6:20 PM IST

जयपुर. कोरोना काल के दौरान भी देशभर में इनोवेशन का दौर जारी है. इस बीच लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए, जयपुर के MNIT कॉलेज के छात्रों ने नए आइडिया के साथ कोरोना से जंग जीतने के लिए नए आविष्कार किए हैं. छात्रों ने कैंपस में ही स्टार्टअप के दौरान 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन, यूवी प्रोटक्शन मशीन और यूवी प्रोटेक्शन टावर का निर्माण किया है.

छात्रों ने बनाई 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन

क्या है मशीन की खासियत..

अब तक शहर में कई जगह सैनिटाइजेशन टनल देखने को मिले, लेकिन इसमें इस्तेमाल होने वाले सोडियम हाइपोक्लोराइट को डब्ल्यूएचओ ने भी शरीर के लिए हानिकारक बताया. ऐसे में MNIT के छात्रों ने सिल्वर नैनो पार्टिकल्स बेस्ड आयुर्वेदिक सैनिटाइजर वाला 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन का निर्माण किया है. ये एक पेटेंटेड तकनीक पर कार्य करता है. इस मशीन में पैरों के पास ही बटन दिया गया है. जिसे दबाने के बाद ये मशीन 360 डिग्री के कोण पर कवर करते हुए एक व्यक्ति को ऊपर से नीचे तक पूरी तरह से सैनिटाइज करती है.

छात्रों ने बनाई 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन

इसे इनोवेट करने वाले आकाश मिश्रा ने बताया कि इसकी मार्केट प्राइस लगभग 80 हजार रखी गई है. और इसके जरिए एक व्यक्ति को सैनिटाइज करने में 1 रुपए से भी कम खर्च होगा. कोविड-19 पीरियड में लोग अपने साथ-साथ रोजमर्रा में इस्तेमाल आने वाली सामग्री को भी सैनिटाइज करना चाहते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए MNIT के छात्रों की ओर से UV प्रोटक्शन मशीन का भी इजाद किया गया है, जो अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से महज 45 सेकंड में जर्म्स, बैक्टीरिया और वायरस का खात्मा कर सकता है.

इस मशीन में दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं को सैनिटाइज किया जा सकता है. इस मशीन का इनोवेशन करने वाले हितेश पाठक ने बताया कि ये मशीन बी लाल पैथोलॉजी लैब से टेस्टेड है. चूंकि, यूवी लाइट स्किन और आंखों के लिए घातक है. इसमें व्यक्ति की सुरक्षा के लिए सभी प्रावधानों का ध्यान रखा गया है. और अलग-अलग वॉल्यूम कैपेसिटी में इसे डिजाइन किया गया है. यूवी प्रोटेक्शन टावर इसी कैंपस के छात्रों ने अल्ट्रा वॉयलेट टावर भी बनाया है, जिसे शुद्धि नाम दिया गया है.

पढ़ें- Special : गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करती शमा खान की 'कान्हा'...अप भी जानिए ये रूहानी कहानी

इस संबंध में MNIT के डायरेक्टर प्रोफेसर उदय कुमार यारागट्टी ने बताया कि अल्ट्रावॉयलेट रेज से एयरबोर्न पार्टिकल्स और वायु में उपस्थित वायरस को हवा में ही मार देता है. ये टावर हॉस्पिटल, ज्वेलरी शोरूम, कार शोरूम, इंस्टिट्यूट, ऑफिस में काम में लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि चूंकि ये किरणें शरीर के लिए हानिकारक है. ऐसे में व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से बचाने के लिए इसे मोबाइल ऑपरेटेड बनाया गया है. ये 15 मिनट में 10×10 के कमरे को पूरी तरह से सैनिटाइज करने में सक्षम है. इसकी मार्केट वैल्यू 30 से 32 हजार बताई जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर बनने के संदेश और वोकल से लोकल संदेश को मानते हुए, अब इन सभी उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग और असेंबलिंग भारत में ही होगी. जिसके लिए सारी तैयारियां पहले ही की जा चुकी है, और जल्द ही इनके वो पार्ट जो दूसरे देशों से उपलब्ध होते हैं, उन्हें भी अब इन हाउस ही बनाया जाएगा.

जयपुर. कोरोना काल के दौरान भी देशभर में इनोवेशन का दौर जारी है. इस बीच लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए, जयपुर के MNIT कॉलेज के छात्रों ने नए आइडिया के साथ कोरोना से जंग जीतने के लिए नए आविष्कार किए हैं. छात्रों ने कैंपस में ही स्टार्टअप के दौरान 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन, यूवी प्रोटक्शन मशीन और यूवी प्रोटेक्शन टावर का निर्माण किया है.

छात्रों ने बनाई 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन

क्या है मशीन की खासियत..

अब तक शहर में कई जगह सैनिटाइजेशन टनल देखने को मिले, लेकिन इसमें इस्तेमाल होने वाले सोडियम हाइपोक्लोराइट को डब्ल्यूएचओ ने भी शरीर के लिए हानिकारक बताया. ऐसे में MNIT के छात्रों ने सिल्वर नैनो पार्टिकल्स बेस्ड आयुर्वेदिक सैनिटाइजर वाला 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन का निर्माण किया है. ये एक पेटेंटेड तकनीक पर कार्य करता है. इस मशीन में पैरों के पास ही बटन दिया गया है. जिसे दबाने के बाद ये मशीन 360 डिग्री के कोण पर कवर करते हुए एक व्यक्ति को ऊपर से नीचे तक पूरी तरह से सैनिटाइज करती है.

छात्रों ने बनाई 360 डिग्री डिसइन्फेक्शन मशीन

इसे इनोवेट करने वाले आकाश मिश्रा ने बताया कि इसकी मार्केट प्राइस लगभग 80 हजार रखी गई है. और इसके जरिए एक व्यक्ति को सैनिटाइज करने में 1 रुपए से भी कम खर्च होगा. कोविड-19 पीरियड में लोग अपने साथ-साथ रोजमर्रा में इस्तेमाल आने वाली सामग्री को भी सैनिटाइज करना चाहते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए MNIT के छात्रों की ओर से UV प्रोटक्शन मशीन का भी इजाद किया गया है, जो अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से महज 45 सेकंड में जर्म्स, बैक्टीरिया और वायरस का खात्मा कर सकता है.

इस मशीन में दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं को सैनिटाइज किया जा सकता है. इस मशीन का इनोवेशन करने वाले हितेश पाठक ने बताया कि ये मशीन बी लाल पैथोलॉजी लैब से टेस्टेड है. चूंकि, यूवी लाइट स्किन और आंखों के लिए घातक है. इसमें व्यक्ति की सुरक्षा के लिए सभी प्रावधानों का ध्यान रखा गया है. और अलग-अलग वॉल्यूम कैपेसिटी में इसे डिजाइन किया गया है. यूवी प्रोटेक्शन टावर इसी कैंपस के छात्रों ने अल्ट्रा वॉयलेट टावर भी बनाया है, जिसे शुद्धि नाम दिया गया है.

पढ़ें- Special : गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करती शमा खान की 'कान्हा'...अप भी जानिए ये रूहानी कहानी

इस संबंध में MNIT के डायरेक्टर प्रोफेसर उदय कुमार यारागट्टी ने बताया कि अल्ट्रावॉयलेट रेज से एयरबोर्न पार्टिकल्स और वायु में उपस्थित वायरस को हवा में ही मार देता है. ये टावर हॉस्पिटल, ज्वेलरी शोरूम, कार शोरूम, इंस्टिट्यूट, ऑफिस में काम में लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि चूंकि ये किरणें शरीर के लिए हानिकारक है. ऐसे में व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से बचाने के लिए इसे मोबाइल ऑपरेटेड बनाया गया है. ये 15 मिनट में 10×10 के कमरे को पूरी तरह से सैनिटाइज करने में सक्षम है. इसकी मार्केट वैल्यू 30 से 32 हजार बताई जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर बनने के संदेश और वोकल से लोकल संदेश को मानते हुए, अब इन सभी उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग और असेंबलिंग भारत में ही होगी. जिसके लिए सारी तैयारियां पहले ही की जा चुकी है, और जल्द ही इनके वो पार्ट जो दूसरे देशों से उपलब्ध होते हैं, उन्हें भी अब इन हाउस ही बनाया जाएगा.

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