जयपुर. राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) को लेकर हर कोई इंतजार कर रहा है, लेकिन यह इंतजार सबसे ज्यादा विधायकों को है कि उन्हें अब सरकार में हिस्सेदारी मिलेगी. विधायकों के अलावा कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders) का एक तबका ऐसा भी है जो मंत्रिमंडल विस्तार से ज्यादा इस बात का इंतजार कर रहा है कि राजस्थान (Rajasthan Congress News) में करीब 3 साल से इंतजार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा कब मिलेगा.
पिछले साल राजनीतिक उठापटक (Political Crisis) के समय एक बार तो यह तय कर दिया गया था कि राजनीतिक नियुक्तियों (Political Meeting) में सबसे पहले विधायकों को तवज्जो दी जाएगी. लेकिन अब जब कांग्रेस पार्टी में सब कुछ सही है तो ऐसे में अब यह फॉर्मूला भी बना दिया गया है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी जो राजनीतिक नियुक्तियां देगी, उसमें किसी विधायक को शामिल नहीं करेगी.
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हालांकि, इक्का-दुक्का किसी विधायक को राजनीतिक नियुक्ति मिल सकती है, लेकिन यह केवल अपवाद में ही होगा. वहीं, कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार होते ही राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा, जिसके लिए कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता इंतजार कर रहे हैं.
विधायकों को नियुक्तियां नहीं, लेकिन 15 से 20 विधायक बनाए जा सकते हैं संसदीय सचिव...
कांग्रेस पार्टी ने यह तो तय कर लिया है कि राजनीतिक नियुक्तियों में विधायकों को नियुक्तियां नहीं मिलेगी, लेकिन इसके साथ ही यह भी तय माना जा रहा है कि गहलोत सरकार (Gehlot Government) 15 से 20 विधायकों को संसदीय सचिव बना सकती है. इन 15 से 20 विधायकों में ज्यादातर बसपा और निर्दलीय विधायक होंगे तो इसके साथ ही बाकी बचे वह कांग्रेस विधायक संसदीय सचिव बनाए जाएंगे जो पहली बार विधायक बने हैं.