जयपुर. बसपा विधायकों के कांग्रेस में दल-बदल के मामले में सोमवार को दल बदलने वाले विधायकों की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से भी हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर मामले में पक्षकार बनने की गुहार की गई है. एकलपीठ मामले पर 11 अगस्त को सुनवाई करेगी.
दल बदलने वाले विधायकों की ओर से अलग-अलग जवाब पेश कर कहा गया कि बसपा विधायक मंडल का कांग्रेस में मर्जर सही है. संविधान की अनुसूची 10 के पैरा 4 के अनुसार उन पर दलबदल की कार्रवाई नहीं हो सकती है.
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वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से प्रार्थना पत्र भेजकर कहा गया कि स्पीकर ने बसपा के 6 विधायकों को विधिवत रूप से कांग्रेस में शामिल किया है. ऐसे में यदि कांग्रेस पार्टी और मुख्य सचेतक का पक्ष नहीं सुना गया तो उनके हितों का विपरीत प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में उन्हें मामले में पक्षकार बनाया जाए.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गत दिनों बसपा और मदन दिलावर की अपील पर सुनवाई करते हुए बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों पर नोटिस तामील कराने के साथ ही एकलपीठ को कहा था कि वह मामले की गंभीरता को देखते हुए 11 अगस्त को स्टे एप्लीकेशन पर अपना फैसला दे.
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मदन दिलावर और बसपा की ओर से एकलपीठ में याचिकाएं दायर कर स्पीकर के 18 सितंबर 2019 के बसपा विधायकों के कांग्रेस में मर्जर को चुनौती दी गई है. इसके अलावा दोनों की ओर से स्टे एप्लिकेशन पेश कर याचिकाओं के निस्तारण तक स्पीकर के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की गुहार की गई है.