जयपुर. राजस्थान में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. जहां एक ओर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग के साथ कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री के साथ शुक्रवार को राजभवन में धरना दिया. वहीं शनिवार शाम 5 बजे फिर कैबिनेट की बैठक बुलाई गई और नया प्रस्ताव बनाकर राजभवन भेजने की तैयारी कर ली गई है. यह प्रस्ताव अब राजभवन भेजा जाएगा.
इसमें खास बात यह रही कि मंत्री परिषद की यह बैठक महज पांच मिनट चली और विधानसभा सत्र आहूत करने का संशोधित प्रस्ताव का मंत्री परिषद से अनुमोदन करवा लिया गया. इससे पहले शनिवार को हुई विधायक दल की बैठक से जो बातें निकल कर आ रही हैं, उससे कहीं ना कहीं यह साफ हो रहा है कि सरकार को यह अंदेशा हो गया है कि राज्यपाल भले ही विधानसभा सत्र आहूत करें. लेकिन इसके लिए वह 14 या 21 दिन के कम से कम समय में विधानसभा सत्र बुलाने की बात कर सकते हैं.
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वहीं विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने सभी विधायकों ने हाथ खड़े करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया. इस दौरान विधायकों ने कहा कि अगर इस लड़ाई में 21 दिन भी उन्हें होटल में रहना पड़ा तो वह इसके लिए तैयार हैं. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह न्याय और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे में अगर इस लड़ाई में उन्हें प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के निवास पर जाकर धरना देना पड़े तो वह इसके लिए भी तैयार हैं.