जयपुर. सचिन पायलट की अपने बागी विधायकों के साथ जयपुर वापसी हो गई है. पायलट के साथ दिल्ली से लौटे विधायक ने कहा कि हमारे नेता ने बड़ा मन रखते हुए मुख्यमंत्री के पद का सैक्रिफाइस किया है. साथ ही विधायक ने कहा कि हमने साहस किया है तो अब आने वाला सूरज और अधिक चमकने वाला होगा.
राजस्थान में अब भले ही सरकार पूरी तरीके से पायलट कैंप के लौटने के बाद नंबर गेम के लिहाज से सेफ हो गई है, लेकिन अब प्रदेश में सरकार को अपने ही विधायकों के दो गुटों में समांजस्य रखकर चलने की चुनौती होगी. साफ है कि अब विरोध के स्वर और तेज देखने को मिलेंगे. सचिन पायलट अब अपने सहयोगी विधायकों के साथ जयपुर आ चुके हैं और पार्टी के साथ होने की बात कह रहे हैं. मंगलवार रात को विधायक दल की बैठक में बगावती तेवर दिखाने वाले विधायकों को कोई पद संगठन या सरकार में नहीं देने की बात रखी गई है.
वहीं, पायलट के साथ वापस लौटे विधायक रामनिवास गावड़िया भी लौटे, जिन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में जयपुर से दूर रहने की बात पर कहा कि किसी को भी अपने घर से बाहर रहना अच्छा नहीं लगता. लेकिन राजस्थान की जनता से हमने जो वादे किए थे उन वादों को हम पूरा करें यह हमारा कर्तव्य था. इसीलिए हमने हमारी बात पार्टी फोरम पर रखी. हमने साहस किया है और निश्चित तौर पर इस साहस का नतीजा होगा कि आने वाला सूरज और अधिक चमकने वाला होगा.
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गावड़िया ने कहा कि हमने हमारी बात पार्टी में प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने रखी है. हमें आश्वासन मिला है और निश्चित समय में इस पर कार्रवाई होगी और राजस्थान के नौजवान और किसानों के काम होंगे. अपने किए गए ट्वीट को लेकर रामनिवास गावड़िया ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर हम गए थे, उसी हिसाब से हमारी प्रतिक्रिया थी. अब जब कांग्रेस पार्टी कमेटी बनाकर हमारी सुनवाई कर रही है तो हम अब सरकार के साथ हैं.
बड़ा मन रखकर पार्टी हित में काम किया...
वहीं, विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि पार्टी मजबूत होनी चाहिए. आम लोगों को न्याय मिलना चाहिए और प्रदेश में अच्छी गवर्नेंस होना चाहिए. हम लोग साथ मिलकर चलें, अनुभव और युवा मिलकर साथ काम करें. हमें कमेटी बनाकर यह आश्वासन दिया गया है और अब हम सब ने बड़ा मन रखकर पार्टी के हित में काम किया है.
हमारे नेता सचिन पायलट ने पार्टी के हित में मुख्यमंत्री के पद का सैक्रिफाइस किया है. जबकि हम लोग यही मांग लेकर आलाकमान के पास गए थे, लेकिन सचिन पायलट ने पद की लालसा नहीं दिखाई बल्कि जनता और हम जनप्रतिनिधियों के काम होने की बात आलाकमान के सामने रखी है.