जयपुर. राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच बीजेपी विधायक मदन दिलावर को राजस्थान हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मदन दिलावर की उस याचिका को सारहीन मानते हुए खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती पर विधानसभा स्पीकर द्वारा निस्तारित नहीं किया गया जा रहा है. हाईकोर्ट ने मदन दिलावर की याचिका को इस लिए खारिज कर दिया, क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष ने दिलावर की याचिका पर 24 जुलाई को ही निस्तारित कर दिया था.
दरअसल, भाजपा विधायक मदन दिलावर में हाईकोर्ट में यह कहते याचिका लगाई थी कि बीएसपी के सिंबल पर जीतकर आने वाले 6 विधायकों को अवैधानिक रूप से कांग्रेस में शामिल कर लिया गया है. विधायकों की सदस्यता समाप्त करने को लेकर उन्होंने विधानसभा स्पीकर के पास याचिका लगाई थी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पिछले 4 महीने से उनकी याचिका पर किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं कर रहे थे और ना ही कोई फैसला सुना रहे हैं.
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ऐसे में हाईकोर्ट इस मामले में दखल देते हुए उन विधायकों की सदस्यता समाप्त करे, लेकिन जब हाईकोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए बताया कि मदन दिलावर की याचिका को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 24 जुलाई को खारिज कर दिया गया है. इस याचिका का हाईकोर्ट में कोई औचित्य नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष की ओर से रखे गए पक्ष के बाद हाईकोर्ट ने माना कि मदन दिलावर की ओर से जो याचिका पेश की गई उसका अब कोई औचित्य नहीं रह गया है. उनके द्वारा जो मांग की गई थी वह पूर्ण हो चुकी है.
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वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी द्वारा याचिका में पक्षकार बनाए जाने के प्रार्थना पत्र को भी हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब वह मूल याचिका को निस्तारित हो रही है तो फिर आपको पक्षकार नहीं बनाया जा सकता. अगर आपको अपनी कोई बात हाईकोर्ट के समक्ष रखनी है तो अलग से याचिका दायर करें.