जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विधायक आवास का प्रोजेक्ट हाउसिंग बोर्ड को दे दिया है. इसके लिए पहले जेडीए को नोडल एजेंसी बनाया गया था. लेकिन हाउसिंग बोर्ड की परफॉर्मेंस को देखते हुए सीएम गहलोत ने ये प्रोजेक्ट हाउसिंग बोर्ड के हवाले कर दिया है, जिसमें जेडीए सहयोग करेगा.
दरअसल, विधायकों को आवंटित सालों पुराने आवास की जगह नए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बहुमंजिला आवास उपलब्ध कराने की कवायद राज्य सरकार ने शुरू कर दी है. प्रदेश के 200 विधायकों के लिए आवास बनाने की जिम्मेदारी पहले जेडीए को दी गई थी. लेकिन अब मुख्यमंत्री ने हाउसिंग बोर्ड की परफॉर्मेंस को देखते हुए इसका जिम्मा उन्हें सौंपा है.
इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि सीएम ने ये तय किया है कि 200 करोड़ रुपए की स्कीम से विधायकों के लिए 200 फ्लैट बनने थे, ये काम अब जेडीए के बजाय हाउसिंग बोर्ड करेगा. इस काम के लिए ढाई साल की समय सीमा निर्धारित की गई है.
उन्होंने बताया कि जालूपुरा और लाल कोठी स्थित विधायक आवास वाली जमीन के टाइटल जेडीए के नाम हैं. ऐसे में जेडीए इन दोनों जमीनों को बेचकर जो पैसा इकट्ठा होगा, वो हाउसिंग बोर्ड में जमा कराएगा और ये फैसला हाउसिंग बोर्ड की परफॉर्मेंस को देखते हुए लिया गया है.
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उधर, राजस्थान आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा ने इस मिशन में जल्द जुटने का आह्वान करते हुए कहा कि नए मॉडल्स के साथ विधायकों के आवास तैयार होंगे. हालांकि, जेडीए की इंजीनियरिंग विंग ने जालूपुरा स्थित 24 हजार वर्ग गज जमीन को विकसित करने की तैयारी कर ली थी. साथ ही जमीन पर आवासीय और व्यवसायिक भूखंड के लिए भी इसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली थी. लेकिन अब जेडीए की जगह इस काम को हाउसिंग बोर्ड देखेगा.