जयपुर. कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में तीनों सीटों पर जीत हासिल करने के लिए तमाम दावे कर रही है. उनके पास 126 विधायकों का समर्थन है. लेकिन एक के बाद जिस तरह के कांग्रेसी विधायक अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, उससे लगता है कि कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है.
जयपुर में शुक्रवार को कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने भी अपने ऊपर हुए मुकदमे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो मुकदमे उनके ऊपर दर्ज हुए हैं, वह सरकार बचाने का और वफादारी दिखाने का ही इनाम है. गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा की हम अब उदयपुर क्यों जाएंगे?. पहले घूमने गए थे सरकार बचाने के लिए, उसी का परिणाम है कि मेरे ऊपर ऐसे मुकदमे दर्ज हुए. जिनमें मेरा कोई लेना देना नहीं था.
सरकार बचाने का मिला इनामः यह सरकार बचाने का ही तो इनाम मिला है. मलिंगा ने कहा कि हमारे साथ भले ही कोई गद्दारी करे, लेकिन मुझे भगवान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मलिंगा ने कहा कि भले ही कोई यह समझ रहा हो कि वह हमारा मुकद्दर लिख रहा है, लेकिन हकीकत में तो यह उसकी गलतफहमी है. भगवान ही सब का मुकद्दर लिख रहा है और भगवान ही हमारे साथ भी न्याय करेगा. मलिंगा ने कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही उन्होंने सरेंडर किया था लेकिन उनके साथ न्याय नहीं हुआ.
मुझे विधायक बनाने वाली मायावती ना कि कांग्रेसः कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा भले ही दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हों. लेकिन साल 2008 में वह बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे और फिर कांग्रेस में शामिल हुए थे. अब मलिंगा का बसपा और बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रति प्रेम फिर दिखने लगा है. यही कारण है कि उन्होंने साफ कहा कि वह यहां तक पहुंचे हैं वह मायावती की देन है ना कि कांग्रेस की. मायावती ने ही हमें नेता बनाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी की तो मेरे सामने जमानत जब्त हो गई थी. अगर कांग्रेस ही जीत सकती तो वह मेरे सामने ही जीता देते.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे तो अब उनके सामने उम्मीदवार उतार कर देख ले. मलिंगा ने कहा कि मुझे नेता बसपा ने बनाया और मैं बसपा की टिकट पर ही चुनाव जीतकर आया. इसके बाद मैंने कांग्रेस की मदद की, लेकिन हम एहसान फरामोश नहीं हैं. कि जिसने हमारे ऊपर एहसान किया उसको हम मानते हैं. मायावती का एहसान जब तक जिएंगे तब तक मानेंगे.
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कांग्रेस से शादी नहीं की है लेकिन गद्दारी नहीं करूंगाः विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा सरकार से इतने ज्यादा नाराज नजर आए कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने के सवाल पर कहा कि हमने कांग्रेस से सात फेरे लेकर शादी नहीं की है. लेकिन मैं कोई बिकने वाला व्यक्ति भी नहीं कि पैसे में बिक जाऊं. ना ही ऐसा दाग मैं अपने जीवन में लगाऊंगा कि जनता मुझे गाली दे कि हमने भ्रष्टाचार किया और हम पैसे के लिए बिक गए. जिस जनता ने हम को जीताकर कर भेजा है, हम उसका पूरा सम्मान करेंगे.
नाराज छह विधायक जुटे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के निवास परः मंत्री राजेंद्र गुढ़ा समेत सरकार से नाराज चल रहे सभी छह विधायक शुक्रवार को मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के निवास पर बैठक करते दिखाई दिए. इन नाराज विधायकों में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब अली, लाखन मीणा और संदीप यादव तो शामिल थे ही. इनके साथ ही कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा भी शामिल हो गए. जब सभी विधायकों ने अपनी नाराजगी मीडिया में जाहिर करना शुरू की तो मुख्यमंत्री ने पर्यटन निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर को इन नेताओं की समझाइश के लिए भेजा. हालांकि अब भी यह नेता उदयपुर जाने को तैयार नहीं है और उन्होंने अपनी मांगे धर्मेंद्र राठौर को लिखकर दे दी हैं.