जयपुर. राजस्थान के करौली शहर में नव संवत्सर के मौके पर निकाले जा रहे जुलूस पर पथराव और उपद्रव की घटना को लेकर पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को डीजीपी एमएलए लाठर ने एसीएस होम अभय कुमार के साथ एक प्रेस वार्ता की. डीजीपी ने बताया कि उपद्रव के प्रकरण को लेकर अब तक 44 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है, जिसमें से अब तक 23 उपद्रवी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. शेष उपद्रवियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है और प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है.
साथ ही करौली के कोतवाली थाने में 10 प्रकरण दर्ज कर 105 असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, इस उपद्रव में 90 लोगों की संपत्ति को काफी (Rajasthan DGP on Karauli Violence) नुकसान पहुंचा है और जिन भी लोगों ने हिंसा भड़काई है, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. राज्य सरकार द्वारा होम सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है जो इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर रही है.
जुलूस में बजाए गए आपत्तिजनक गानों की वजह से हुई हिंसा : डीजीपी एमएल लाठर का कहना है कि करौली में वर्ष 2015 के बाद किसी भी तरह का कोई जुलूस नहीं निकाला गया. वहीं, इस वर्ष जुलूस निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई. हालांकि, जुलूस में डीजे और लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी. इसके बावजूद भी जुलूस निकालने वाले लोगों ने डीजे और लाउडस्पीकर का प्रयोग किया.
हटवाड़ा के पास डीजे और लाउडस्पीकर पर आपत्तिजनक गाने बजाए गए, जिसके कारण (DGP on Karauli Violence) माहौल बिगड़ा और हिंसा भड़की. जिसमें हर तरह की जाति के लोगों का नुकसान हुआ और उन्हें चोटें भी आईं. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच की जा रही है और दंगाई चाहे किसी भी जाती या वर्ग का हो, उसे बिल्कुल भी नहीं छोड़ा जाएगा.
साहब सिंह गुर्जर और राजाराम गुर्जर का FIR में नाम : लाठर ने बताया कि करौली में जो हिंसा भड़की, उसे लेकर जो प्रकरण दर्ज किया गया है. उसमें साहब सिंह गुर्जर और राजाराम गुर्जर का भी नाम शामिल है. साहब सिंह गुर्जर आयोजकों में शामिल था. ऐसे में इस पूरे प्रकरण में उसकी भारी लापरवाही रही है. इसके अलावा प्रकरण में जिन स्थानीय पार्षद व अन्य लोगों की भूमिका सामने आई है, उन सबके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. करौली में भड़के दंगे के बाद जो लोग फरार चल रहे हैं, उनकी तलाश में लगातार पुलिस टीम जुटी हुई है और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा.
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3 साल पुराना तेलंगाना और यूपी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर माहौल खराब करने वाले लोग SOG के रडार पर : लाठर ने बताया कि करौली हिंसा को लेकर 2 दिन से सोशल मीडिया पर तेलंगाना और उत्तर प्रदेश का 3 साल पुराना एक वीडियो वायरल किया जा रहा है. तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के वीडियो को करौली हिंसा का बताकर कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर वायरल कर लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं. जिन्हें चिन्हित किया गया है और उनके खिलाफ एसओजी में एफआईआर दर्ज की गई है. सोशल मीडिया के जरिए माहौल भड़काने का काम करने वाले तमाम असामाजिक तत्व एसओजी के रडार पर हैं, जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.