जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार डिजिटल शिक्षा पर आधारित ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम को प्रदेश के सभी जिलों में लागू करेगी. इस संबंध में चिल्ड्रन्स इनवेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (सीईईएफ) को संशोधित प्रस्ताव पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं. अब तक यह कार्यक्रम 6 जिलों में लागू है, लेकिन इसके अच्छे परिणामों को देखते हुए सरकार इसे सभी 33 जिलों में लागू करने जा रही (Mission Buniyaad implementation in 33 districts of Rajasthan) है.
सीएस ने दिए निर्देश: मुख्य सचिव उषा शर्मा ने सोमवार को फाउंडेशन की ओर से संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की गतिविधियों, उपलब्धियों और कार्यक्रमों के विस्तार संबंधी प्रस्तावों पर विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए जाएं. सीएस ने वर्तमान में प्रदेश के 6 जिलों में संचालित ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम की सफलता को फेखते हुए इसे सभी जिलों में लागू करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ सीएस ने फाउंडेशन के प्रतिनिधियों को इस संबंध में प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं, जिससे कार्यक्रम को शीघ्र राज्य के सभी 33 जिलों में संचालित किया जा सके.
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6 जिलों में प्रभावी मिशन बुनियाद: इस अवसर पर फाउंडेशन की ओर से प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्य सचिव को बताया कि डिजिटल शिक्षा को बढावा देने वाला ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम भीलवाड़ा, धौलपुर, सीकर, करौली, सिरोही और उदयपुर में संचालित किया जा रहा है. इसके अंतर्गत आठवीं से बारहवीं तक की छात्राओं को अध्ययन करने के लिए टेबलेट दिए जा रहे (Free Tablet to girl students under Mission Buniyaad) हैं. एक रिसर्च के अनुसार टेबलेट के उपयोग करने से छात्राओं के सीखने के स्तर में 20 प्रतिशत सुधार आया है.
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एसएमएस मेडिकल कॉलेज में चल रहा है आयरन इंजेक्शन का ट्रायल: मुख्य सचिव को फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन की वृद्धि के लिए फाउंडेशन के सहयोग से एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ट्रायल चल रहा है. इसके अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को ऑरल आयरन टेबलेट्स के स्थान पर इंजेक्शन (इंट्रावेनस) के माध्यम से आयरन दिया जा रहा है. इससे गर्भवती महिलाओं के हीमोग्लोबिन के स्तर में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सकती है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. सुधीर भंडारी ने बताया कि इंजेक्शन के माध्यम से आयरन देने से गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन के स्तर में सुधार होगा और राजस्थान एनिमिया मुक्त बनेगा.
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ये है मिशन बुनियाद: डिजिटल माध्यम से बालिका शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर मिशन बुनियाद कार्यक्रम की परिकल्पना की है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के 6 जिलों में 35 हजार छात्राओं के लिए डिजिटल लर्निंग इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त करना, सीनियर सेकंडरी छात्राओं के विद्यालय से जुड़ाव और ड्रॉपआउट को कम करने के साथ उनके लर्निंग आउटकम को बढ़ाना है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिक से अधिक बालिकाओं तक डिजिटल पहुंच बनाना है, जो डिजिटल शिक्षण माध्यमों से वंचित हैं. डिजिटल माध्यम में बालिकाओं की शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मिशन बुनियाद कार्यक्रम के तहत पाठ्य सामग्री से युक्त टेबलेट वितरण किये गए थे. गहलोत सरकार इसके अच्छे रिजल्ट को देखते 6 जिलों से अब सभी 33 जिलों में इसे लागू करने जा रही है.