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बजट से नाराज अल्पसंख्यक समुदाय ने जयपुर में किया प्रदर्शन, सीएम के खिलाफ की नारेबाजी

प्रदेश की गहलोत सरकार की ओर से बजट पेश करने के बाद सरकार की उपेक्षा से अल्पसंख्यकों में नाराजगी है. इस बीच जयपुर के ईदगाह इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय ने विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक रफीक खान सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Jaipur news, Minority community protested
बजट से नाराज अल्पसंख्यक समुदाय ने जयपुर में किया प्रदर्शन
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Published : Feb 25, 2021, 8:58 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की ओर से बजट पेश करने के बाद सरकार की उपेक्षा से अल्पसंख्यकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. इसी नाराजगी के चलते अल्पसंख्यक संगठनों ने सरकार का विरोध शुरू कर दिया है. इसी क्रम में जयपुर के ईदगाह इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय ने विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक रफीक खान सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय ने आने वाले उपचुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाने की भी चेतावनी दी.

बजट से नाराज अल्पसंख्यक समुदाय ने जयपुर में किया प्रदर्शन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को बजट पेश किया. इस बजट को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय को काफी उम्मीदें थीं. अल्पसंख्यकों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट में उर्दू तालीम और मदरसा पैरा टीचर्स को लेकर कोई घोषणा करेंगे, लेकिन बजट में अल्पसंख्यक समुदाय को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और उसी का नतीजा रहा कि मुस्लिम संगठनों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी के नेतृत्व में समुदाय के लोगों ने ईदगाह में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

अमीन कायमखानी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जन घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया है. बजट में अल्पसंख्यक समुदाय को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया और अपनी बात पर खरे नहीं उतरे. मुख्यमंत्री ने उर्दू तालीम मदरसा मदरसों को लेकर कोई घोषणा नहीं की है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए न तो मुख्यमंत्री और न ही शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कोई काम किया है. बजट की हम पूरी तरह से निंदा करते हैं. उन्होंने मांग की कि बजट बहस के जवाब में मुख्यमंत्री को अल्पसंख्यकों के लिए कोई बड़ी घोषणा करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- सदन में मंत्री बीडी कल्ला ने कहा- भारत माता के लिए दे सकता हूं अपनी जान...जानिए क्यों ?

उन्होंने मांग की कि मदरसा पैरा टीचर का मानदेय बढ़ाया जाए और उन्हें नियमित किया जाए. मदरसों के इन्फ्राट्रक्चर के लिए भी घोषणा की जाए. मुख्यमंत्री को दर्जा 1 से 5 तक की उर्दू तालीम को फिर से बहाल करनी चाहिए. कुछ महीनों पहले उर्दू तालीम बंद कर दी गई है. उर्दू के फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड ग्रेड की टीचरों की भर्ती की घोषणा भी सरकार को करनी चाहिए. उन्होंने 13 दिसंबर 2004 के शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना करने की भी मांग की है. अमीन कायमखानी ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होगा तो आने वाले उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाया जाएगा. जब तक अल्पसंख्यकों के काम नहीं होंगे तब तक उन्हें वोट भी नहीं दिए जाएंगे.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की ओर से बजट पेश करने के बाद सरकार की उपेक्षा से अल्पसंख्यकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. इसी नाराजगी के चलते अल्पसंख्यक संगठनों ने सरकार का विरोध शुरू कर दिया है. इसी क्रम में जयपुर के ईदगाह इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय ने विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक रफीक खान सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय ने आने वाले उपचुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाने की भी चेतावनी दी.

बजट से नाराज अल्पसंख्यक समुदाय ने जयपुर में किया प्रदर्शन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को बजट पेश किया. इस बजट को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय को काफी उम्मीदें थीं. अल्पसंख्यकों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट में उर्दू तालीम और मदरसा पैरा टीचर्स को लेकर कोई घोषणा करेंगे, लेकिन बजट में अल्पसंख्यक समुदाय को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और उसी का नतीजा रहा कि मुस्लिम संगठनों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी के नेतृत्व में समुदाय के लोगों ने ईदगाह में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

अमीन कायमखानी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जन घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया है. बजट में अल्पसंख्यक समुदाय को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया और अपनी बात पर खरे नहीं उतरे. मुख्यमंत्री ने उर्दू तालीम मदरसा मदरसों को लेकर कोई घोषणा नहीं की है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए न तो मुख्यमंत्री और न ही शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कोई काम किया है. बजट की हम पूरी तरह से निंदा करते हैं. उन्होंने मांग की कि बजट बहस के जवाब में मुख्यमंत्री को अल्पसंख्यकों के लिए कोई बड़ी घोषणा करनी चाहिए.

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उन्होंने मांग की कि मदरसा पैरा टीचर का मानदेय बढ़ाया जाए और उन्हें नियमित किया जाए. मदरसों के इन्फ्राट्रक्चर के लिए भी घोषणा की जाए. मुख्यमंत्री को दर्जा 1 से 5 तक की उर्दू तालीम को फिर से बहाल करनी चाहिए. कुछ महीनों पहले उर्दू तालीम बंद कर दी गई है. उर्दू के फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड ग्रेड की टीचरों की भर्ती की घोषणा भी सरकार को करनी चाहिए. उन्होंने 13 दिसंबर 2004 के शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना करने की भी मांग की है. अमीन कायमखानी ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होगा तो आने वाले उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाया जाएगा. जब तक अल्पसंख्यकों के काम नहीं होंगे तब तक उन्हें वोट भी नहीं दिए जाएंगे.

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