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निम्स के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर का आरोप आयुष मंत्रालय ने बोला झूठ, क्लिनिकल ट्रायल की ली थी अनुमति - Coronil medicine

कोरोना वायरस की दवा पतंजलि की ओर से लॉन्च की गई कोरोनिल दवा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसे लेकर अब NIMS के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर ने दावा किया है कि आयुष मंत्रालय को इसकी जानकारी पहले से थी. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर और आयुष मंत्रालय को इस बारे में पहले ही बता दिया गया था.

Clinical trial of coronil medicine, ICMR testing permission
NIMS के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर
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Published : Jun 26, 2020, 7:43 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 9:54 PM IST

जयपुर. पतंजलि की ओर से हाल ही में कोरोना वायरस के लिए बनाई गई कोरोनिल दवा लॉन्चिंग के बाद ही विवादों में आ गई. जिसे लेकर ये कहा जा रहा है कि बिना क्लिनिकल ट्रायल और बिना अनुमति के इस दवा को लॉन्च किया गया है. लेकिन दवा बनाने वाली संस्था पतंजलि और क्लिनिकल ट्रायल करने वाले निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि आईसीएमआर और आयुष मंत्रालय को इस बारे में पहले ही बता दिया गया था.

NIMS के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर से बातचीत

दवा लॉन्चिंग के साथ ही आयुष मंत्रालय ने कहा था कि दवा को लेकर मंत्रालय के पास किसी तरह की जानकारी नहीं है. लेकिन पतंजलि और निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी ने एक पत्र के जरिए दावा किया है कि आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर को इसकी जानकारी दे दी गई थी.

Clinical trial of coronil medicine, ICMR testing permission
NIMS की ओर से जारी लेटर

पढ़ें- राजस्थान में दवा बिकी तो जेल में होंगे बाबा रामदेव: रघु शर्मा

मामले को लेकर निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. बीएस तोमर ने भी कहा है कि कुछ समय पहले भारत सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी औषधियों को उपयोग में लाने की बात कहीं गई थी. साथ ही नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया था कि आईसीएमआर की सीटीआरआई विंग से पंजीकृत होने के बाद ही यह क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो सकेगा.

Clinical trial of coronil medicine, ICMR testing permission
कोरोनिल दवा की लॉन्चिंग के दौरान NIMS के चेयरमैन

पढ़ें- राजस्थान : अजमेर में बाबा रामदेव के खिलाफ याचिका दायर

जिसे लेकर डॉ. बीएस तोमर ने कहा है कि हमारी ओर से सभी तैयारी पूरी करने के बाद और सभी तरह की परमिशन लेने के बाद ही यह क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया गया था और भारत सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था उसी को ध्यान में रखते हुए क्लीनिकल ट्रायल किया गया.

जयपुर. पतंजलि की ओर से हाल ही में कोरोना वायरस के लिए बनाई गई कोरोनिल दवा लॉन्चिंग के बाद ही विवादों में आ गई. जिसे लेकर ये कहा जा रहा है कि बिना क्लिनिकल ट्रायल और बिना अनुमति के इस दवा को लॉन्च किया गया है. लेकिन दवा बनाने वाली संस्था पतंजलि और क्लिनिकल ट्रायल करने वाले निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि आईसीएमआर और आयुष मंत्रालय को इस बारे में पहले ही बता दिया गया था.

NIMS के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर से बातचीत

दवा लॉन्चिंग के साथ ही आयुष मंत्रालय ने कहा था कि दवा को लेकर मंत्रालय के पास किसी तरह की जानकारी नहीं है. लेकिन पतंजलि और निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी ने एक पत्र के जरिए दावा किया है कि आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर को इसकी जानकारी दे दी गई थी.

Clinical trial of coronil medicine, ICMR testing permission
NIMS की ओर से जारी लेटर

पढ़ें- राजस्थान में दवा बिकी तो जेल में होंगे बाबा रामदेव: रघु शर्मा

मामले को लेकर निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. बीएस तोमर ने भी कहा है कि कुछ समय पहले भारत सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी औषधियों को उपयोग में लाने की बात कहीं गई थी. साथ ही नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया था कि आईसीएमआर की सीटीआरआई विंग से पंजीकृत होने के बाद ही यह क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो सकेगा.

Clinical trial of coronil medicine, ICMR testing permission
कोरोनिल दवा की लॉन्चिंग के दौरान NIMS के चेयरमैन

पढ़ें- राजस्थान : अजमेर में बाबा रामदेव के खिलाफ याचिका दायर

जिसे लेकर डॉ. बीएस तोमर ने कहा है कि हमारी ओर से सभी तैयारी पूरी करने के बाद और सभी तरह की परमिशन लेने के बाद ही यह क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया गया था और भारत सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था उसी को ध्यान में रखते हुए क्लीनिकल ट्रायल किया गया.

Last Updated : Jun 26, 2020, 9:54 PM IST
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