जयपुर. प्रदेश के कमर्चारियों की वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर बनी सामंत कमेटी 16 महीने बाद भी सार्वजनिक नहीं होने से कमर्चारी संघों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ऐसे में शनिवार को मंत्रालय कर्मचारी संघ ने सामंत कमेटी को सार्वजनिक की मांग की है. संघ का आरोप है कि यह रिपोर्ट मंत्रालय कर्मचारियों की वेतन बढ़ाने के लिए सरकार को सौंपी गई थी. उसे 16 महीने से भी अधिक का वक्त हो गया है. सरकार उसे सार्वजनिक नहीं कर रही है.
मंत्रालय कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने बताया कि राज्य सरकार कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर करने के लिए डीसी सामंत सेवानिवृत्त आईएएस की अध्यक्षता में 30.11.2017 को सामंत कमेटी गठित की गई थी. इस समिति द्वारा अपना कार्यकाल पूर्ण करने के बावजूद दो बार कार्यकाल बढ़ाया गया. डीसी सामंत की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति निवारण समिति ने अपनी रिपोर्ट दिनांक 2019 को राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दी थी, लेकिन आज 16 माह से अधिक हो जाने के बावजूद भी इस रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं लेकर कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक किया गया है.
जिससे प्रदेश भर के कर्मचारियों में भारी रोष है. संघ के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत ने अवगत कराया कि सभी संगठन राज्य सरकार से बार-बार रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. सामंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करना यह दर्शाता है कि कर्मचारियों के प्रति सरकार की मंशा ठीक नहीं है. इस विषय में शुक्रवार को संघ की बैठक आयोजित हुई. जिसमें संघ के संभाग अध्यक्ष रसपाल सिंह, संघ के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री मधुसूदन सिंह, जिला अध्यक्ष प्रभु दयाल, विक्रांत जोशी, ताराचंद सिरोही, तरुण मोदी, हिमांशु खत्री शामिल हुए.