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आर-पार की लड़ाई के मूड में राजस्थान के मंत्रालयिक कर्मचारी, बोले- लिखित आदेश के बाद ही मानेंगे - ministerial staff movement

प्रदेश में लगातार कर्मचारियों के आंदोलन तेज होते जा रहे हैं और कर्मचारी संगठनों में सरकार के खिलाफ लगातार आक्रोश बढ़ रहा है. अब प्रदेश के बाबूओं ने भी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है और आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है. जयपुर शहर में बाबूओं ने सरकार को चेतावनी देने के लिए एक वाहन रैली भी निकाली और साफ कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक वे उठेंगे नहीं. प्रदेश के हजारों बाबू 15 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे.

ministerial staff movement
15 को करेंगे विधानसभा का घेराव
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Published : Sep 13, 2021, 4:50 PM IST

जयपुर. ग्रेड 3600 सहित अपनी 11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर प्रदेश के बाबू (मंत्रालयिक कर्मचारी) लगातार आंदोलन कर रहे हैं. मांग पत्र को लेकर सरकार को ज्ञापन भी दिया और कई बार वार्ता भी हुई, लेकिन अभी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं. इसी के चलते अब बाबूओं ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है.

सोमवार को राजधानी जयपुर में बाबूओं ने शिक्षा संकुल से लेकर जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय तक एक वाहन रैली निकाली और इस रैली के जरिए चेतावनी दी गई कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. शिक्षा संकुल से निकली वाहन रैली शहर के अलग-अलग रास्तों से होती जयपुर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची और यहां कलेक्टर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमित जैमन के नेतृत्व में वाहन रैली का स्वागत किया गया.

प्रदेश के बाबूओं ने एलान किया है कि 15 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे, जिसमें प्रदेश के हजारों बाबू शामिल होंगे और जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तब तक वे घेराव से उठेंगे नहीं. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह ढाका ने बताया कि 15 सितंबर को प्रदेश के बाबू महारैली निकालेंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे.

पढ़ें : RPSC : उप निरीक्षक-प्लाटून कमांडर भर्ती परीक्षा 2021 का आयोजन शुरू, यहां जानें प्रथम चरण की पहली पारी का लेखाजोखा

इस घेराव में प्रदेश के 50 से 70 हजार बाबू शामिल होंगे. राज सिंह ढाका ने कहा कि प्रदेश का बाबू इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और उनकी यह पीड़ा मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी. ढाका ने कहा कि इस बार न तो कोई आश्वासन लिया जाएगा और न ही कोई कमेटी की सिफारिश की जाएगी. अबकी बार सरकार से मांगें पूरी करने के लिए सिर्फ लिखित में आदेश लेंगे और उसी के लिए हम लोग संघर्ष कर रहे हैं.

सरकार को चेतावनी देते हुए राज सिंह ढाका ने कहा कि अब न तो महापड़ाव डाला जाएगा और न ही वार्ता होगी. अब सिर्फ लिखित आश्वासन के बाद ही बाबू मानेंगे और तब तक सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. ढाका ने कहा कि 15 सितंबर को होने वाली महारैली और विधानसभा घेराव के लिए सभी जिलों का दौरा किया गया है. सभी कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि इस बार उनकी जेब में कुछ न कुछ जरूर आएगा.

मंत्रलायिक कर्मचारियों की ये हैं मांगें...

प्रदेश के बाबू मंत्रालयिक कर्मचारियों की लंबित मांगों, ग्रेड-पे 3600 करने, सचिवालय के समान वेतन भत्ते देने, 30 अक्टूबर 2017 का वेतन कटौती आदेश निरस्त करने, एआरडी लिंक ओपन करवाने, निदेशालय का गठन करने, पंचायती राज में उच्च पदों का आवंटन पदोन्नति के स्वीकृत 26,000 पदों में से शेष रहे 11 हजार पद देने, पदोन्नति में अनुभव में छूट देने के लिए एक बार ही शीथलता देने, कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम योग्यता स्नातक करने, नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों के समयबद्ध पदोन्नति 6, 12, 18, 24 लाभ देने, नो वर्क नो पे के आदेश को वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

जयपुर. ग्रेड 3600 सहित अपनी 11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर प्रदेश के बाबू (मंत्रालयिक कर्मचारी) लगातार आंदोलन कर रहे हैं. मांग पत्र को लेकर सरकार को ज्ञापन भी दिया और कई बार वार्ता भी हुई, लेकिन अभी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं. इसी के चलते अब बाबूओं ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है.

सोमवार को राजधानी जयपुर में बाबूओं ने शिक्षा संकुल से लेकर जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय तक एक वाहन रैली निकाली और इस रैली के जरिए चेतावनी दी गई कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. शिक्षा संकुल से निकली वाहन रैली शहर के अलग-अलग रास्तों से होती जयपुर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची और यहां कलेक्टर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमित जैमन के नेतृत्व में वाहन रैली का स्वागत किया गया.

प्रदेश के बाबूओं ने एलान किया है कि 15 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे, जिसमें प्रदेश के हजारों बाबू शामिल होंगे और जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तब तक वे घेराव से उठेंगे नहीं. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह ढाका ने बताया कि 15 सितंबर को प्रदेश के बाबू महारैली निकालेंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे.

पढ़ें : RPSC : उप निरीक्षक-प्लाटून कमांडर भर्ती परीक्षा 2021 का आयोजन शुरू, यहां जानें प्रथम चरण की पहली पारी का लेखाजोखा

इस घेराव में प्रदेश के 50 से 70 हजार बाबू शामिल होंगे. राज सिंह ढाका ने कहा कि प्रदेश का बाबू इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और उनकी यह पीड़ा मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी. ढाका ने कहा कि इस बार न तो कोई आश्वासन लिया जाएगा और न ही कोई कमेटी की सिफारिश की जाएगी. अबकी बार सरकार से मांगें पूरी करने के लिए सिर्फ लिखित में आदेश लेंगे और उसी के लिए हम लोग संघर्ष कर रहे हैं.

सरकार को चेतावनी देते हुए राज सिंह ढाका ने कहा कि अब न तो महापड़ाव डाला जाएगा और न ही वार्ता होगी. अब सिर्फ लिखित आश्वासन के बाद ही बाबू मानेंगे और तब तक सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. ढाका ने कहा कि 15 सितंबर को होने वाली महारैली और विधानसभा घेराव के लिए सभी जिलों का दौरा किया गया है. सभी कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि इस बार उनकी जेब में कुछ न कुछ जरूर आएगा.

मंत्रलायिक कर्मचारियों की ये हैं मांगें...

प्रदेश के बाबू मंत्रालयिक कर्मचारियों की लंबित मांगों, ग्रेड-पे 3600 करने, सचिवालय के समान वेतन भत्ते देने, 30 अक्टूबर 2017 का वेतन कटौती आदेश निरस्त करने, एआरडी लिंक ओपन करवाने, निदेशालय का गठन करने, पंचायती राज में उच्च पदों का आवंटन पदोन्नति के स्वीकृत 26,000 पदों में से शेष रहे 11 हजार पद देने, पदोन्नति में अनुभव में छूट देने के लिए एक बार ही शीथलता देने, कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम योग्यता स्नातक करने, नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों के समयबद्ध पदोन्नति 6, 12, 18, 24 लाभ देने, नो वर्क नो पे के आदेश को वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

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