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कांग्रेस में टिकट के लिए उम्र का नहीं कोई मापदंड, भाजपा में है...लेकिन पार्टी मानती नहीं- शांति धारीवाल

कांग्रेस नेता और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने चुनाव में टिकट के लिए बढ़ती उम्र की बाध्यता को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कांग्रेस में ऐसा कोई मापदंड नहीं है, लेकिन अगर हाईकमान तय करेगा तो हम सब उसे मानेंगे. साथ ही धारीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते (Shanti Dhariwal targeted BJP) हुए कहा कि बीजेपी में टिकट के लिए 75 वर्ष का मापदंड तो है, लेकिन भाजपा उसे खुद नहीं मानती है.

Shanti Dhariwal targeted BJP
शांति धारीवाल
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Published : Jun 21, 2022, 8:13 PM IST

जयपुर. चुनाव में टिकट के लिए बढ़ती उम्र की बाध्यता को नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने सिरे से नकार दिया है. शांति धारीवाल ने कहा है कि कांग्रेस में ऐसा कोई मापदंड नहीं है. लेकिन आलाकमान जो तय करेगा, हम सब उसे मानेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी में टिकट के लिए 75 वर्ष का मापदंड तो है, लेकिन राज्यपाल और वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी का उदाहरण देकर यह भी कह डाला कि इसे भाजपा ही नहीं मानती (Shanti Dhariwal targeted BJP).

मंगलवार को राजभवन में हुए एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने यह बयान दिया कि जो जीतने की क्षमता रखने वाला है और एक्टिव है उसे ही टिकट मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कोटा में मैंने जो बात कही थी वह वहां के स्थानीय कुछ कांग्रेस के नेताओं के सिलसिले में थी. लेकिन मेरे बयान को मीडिया ने तोड़ मरोड़ और तड़का लगाकर पेश कर दिया. धारीवाल जब मीडिया में यह बयान दे रहे थे, तब उनके साथ शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला भी मौजूद रहे.

शांति धारीवाल का बयान

पढ़ें:शांति धारीवाल का बड़ा बयान, कहा- चुनाव नजदीक आते ही प्रदेश में दंगे करवा रही भाजपा

भाजपा में 75 वर्ष की उम्र का मापदंड लेकिन पार्टी ही नहीं मानती: संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने यह भी कहा कि बीजेपी में 75 वर्ष के नेताओं को टिकट न देने का नियम और मापदंड जरूर बनाया है. लेकिन खुद भाजपा पार्टी उसे नहीं मानती. उन्होंने इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र का भी उदाहरण दिया और कहा कि मिश्र एक्टिव पॉलिटिक्स में थे, बावजूद इसके उन्हें यहां राज्यपाल बनाकर भेज दिया. जबकि घनश्याम तिवाड़ी 75 वर्ष के हो गए पर उन्हें टिकट देकर राज्यसभा पहुंचा दिया गया. ऐसे में टिकट देने में उम्र के मापदंड को कौन मानता है?.

बता दें कि पिछले दिनों कोटा में हुए कांग्रेस के एक एक कार्यक्रम के दौरान शांति धारीवाल ने एक बयान दिया था कि कांग्रेस पार्टी ने पहले भी दो बार हारे प्रत्याशियों को टिकट न देने का मापदंड बनाया था. लेकिन बीकानेर की बात आई तो उस मापदंड को तोड़कर डॉ बी डी कल्ला को टिकट दे दिया गया. उन्होंने अपने बयान में मंत्री बीडी कल्ला को टिकट दिए जाने का उदाहरण दिया था जो मीडिया में सुर्खियां बनी. बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इस पर कटाक्ष किया था. इस पूरे मामले को लेकर शांति धारीवाल ने सफाई दी.

जयपुर. चुनाव में टिकट के लिए बढ़ती उम्र की बाध्यता को नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने सिरे से नकार दिया है. शांति धारीवाल ने कहा है कि कांग्रेस में ऐसा कोई मापदंड नहीं है. लेकिन आलाकमान जो तय करेगा, हम सब उसे मानेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी में टिकट के लिए 75 वर्ष का मापदंड तो है, लेकिन राज्यपाल और वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी का उदाहरण देकर यह भी कह डाला कि इसे भाजपा ही नहीं मानती (Shanti Dhariwal targeted BJP).

मंगलवार को राजभवन में हुए एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने यह बयान दिया कि जो जीतने की क्षमता रखने वाला है और एक्टिव है उसे ही टिकट मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कोटा में मैंने जो बात कही थी वह वहां के स्थानीय कुछ कांग्रेस के नेताओं के सिलसिले में थी. लेकिन मेरे बयान को मीडिया ने तोड़ मरोड़ और तड़का लगाकर पेश कर दिया. धारीवाल जब मीडिया में यह बयान दे रहे थे, तब उनके साथ शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला भी मौजूद रहे.

शांति धारीवाल का बयान

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भाजपा में 75 वर्ष की उम्र का मापदंड लेकिन पार्टी ही नहीं मानती: संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने यह भी कहा कि बीजेपी में 75 वर्ष के नेताओं को टिकट न देने का नियम और मापदंड जरूर बनाया है. लेकिन खुद भाजपा पार्टी उसे नहीं मानती. उन्होंने इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र का भी उदाहरण दिया और कहा कि मिश्र एक्टिव पॉलिटिक्स में थे, बावजूद इसके उन्हें यहां राज्यपाल बनाकर भेज दिया. जबकि घनश्याम तिवाड़ी 75 वर्ष के हो गए पर उन्हें टिकट देकर राज्यसभा पहुंचा दिया गया. ऐसे में टिकट देने में उम्र के मापदंड को कौन मानता है?.

बता दें कि पिछले दिनों कोटा में हुए कांग्रेस के एक एक कार्यक्रम के दौरान शांति धारीवाल ने एक बयान दिया था कि कांग्रेस पार्टी ने पहले भी दो बार हारे प्रत्याशियों को टिकट न देने का मापदंड बनाया था. लेकिन बीकानेर की बात आई तो उस मापदंड को तोड़कर डॉ बी डी कल्ला को टिकट दे दिया गया. उन्होंने अपने बयान में मंत्री बीडी कल्ला को टिकट दिए जाने का उदाहरण दिया था जो मीडिया में सुर्खियां बनी. बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इस पर कटाक्ष किया था. इस पूरे मामले को लेकर शांति धारीवाल ने सफाई दी.

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