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Bhaya On Bharat Singh: भरत सिंह की चिट्ठी का भाया ने भी खत के जरिए दिया जवाब, बोले भाजपा नेताओं के कुप्रचार से प्रभावित हुए - bharat singh allegation on pramod jain bhaya

भरत सिंह के पत्रों के पीछे का सच मंत्री प्रमोद जैन भाया ने अपने हिसाब से बताया है (Bhaya On Bharat Singh). उनके मुताबिक इसके पीछे भाजपा है. उन्हें लगता है कि विधायक बीजेपी के कुप्रचार से प्रभावित हैं.

Bhaya On Bharat Singh
भरत सिंह की चिट्ठी पर आखिर तोड़ी मंत्री भाया ने चुप्पी
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Published : Jul 23, 2022, 9:46 AM IST

जयपुर. राजस्थान में वैसे तो अपने कामों को लेकर कई विधायक मंत्रियों और नौकरशाहों की शिकायत करते रहते हैं (Bhaya On Bharat Singh). लेकिन सांगोद विधायक भरत सिंह ने जिस तरह खुलेआम खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर सीधे सीधे आरोप लगाए हैं वो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं. उन्होंने पत्रों के जरिए भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के साथ ही बारां के सोरासन में विलुप्त होते जा रहे गोडावण पक्षी की स्थिति के लिए भी मंत्री जी को दोषी माना है. अब तक प्रमोद जैन भाया पत्रों को लेकर चुप्पी साधे हुए थे, लेकिन उन्होंने पत्र के जरिए ही भरत सिंह के पत्र का जवाब दिया है.

अपना रुख साफ करते हुए लिखा है कि उनके कार्यकाल में अवैध खनन बढ़ा नहीं बल्कि रुका है और यही कारण है कि न केवल राज्य सरकार की राजस्व में बढ़ोतरी हुई है बल्कि केंद्र सरकार ने भी उन्हें बुलाकर सम्मान दिया है. हालांकि सोरसन क्षेत्र में विलुप्त होते पक्षी को लेकर उन्होंने साफ किया है कि इस क्षेत्र में जिस तरह से बारां,झालावाड़, कोटा के विकास के लिए जो विद्युत तंत्र विकसित हुआ है, वह गोडावण की मौत का एक कारण है लेकिन उस विद्युत तंत्र को समाप्त करना बारां जिले के विकास की रीढ़ हड्डी को समाप्त करना जैसा होगा.

Bhaya On Bharat Singh
भरत सिंह की चिट्ठी पर आखिर तोड़ी मंत्री भाया ने चुप्पी

मंत्री भाया का जवाब: भाया ने लिखा है- बहस का विषय यह नहीं है, की हमारी पार्टी के सीनियर सांगोद विधायक भरतसिंह जी द्वारा मुझ पर आरोप लगाए गए. वह तो हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी बात या आपत्ति का बुरा नहीं मानना सीख लिया. लेकिन बड़ी उल्लेखनीय बात यह है कि प्रदेश भर में अवैध खनन से लेकर अन्य समस्त कोर गतिविधियों सहित राजस्व वसूली में हमारी सरकार ने जो प्रतिमान स्थापित कर दिए, वैसा पिछली भाजपा सरकार से नहीं हो सका और तभी तो भारत सरकार ने हमारे खनिज विभाग को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा. जिससे हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री को मिल रही अनुमोदना तथा बधाईयों से विपक्ष बौखला गया. हमारे सीनियर मार्गदर्शक आदरणीय सांगोद विधायक भरत सिंह कहीं इनके कुप्रचार से प्रभावित हो गए होंगे, जिसके फलितार्थ उनकी नाराजगी जाहिर हुई.हकीकत यह है, कि मेरे मंत्री कार्यकाल में अवैध खनन के विरूद्व प्रभावी कार्यवाही की गई.

भाया ने इसके बाद भाजपा सरकार के 5 साल और वर्तमान कांग्रेस सरकार के 43 महीने में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई और खनन ब्लॉकों की नीलामी के साथ ही राजस्व वसूली का विवरण देते हुए लिखा की भाजपा सरकार के समय अप्रधान खनिज 566 प्लॉट आवंटित हुए जिनमें से 443 प्लॉट ई नीलामी से आवंटित हुए. जबकि कांग्रेस सरकार के 43 महीने में 1500 प्लॉट आवंटित हुए जिनमें से 1132 प्लॉट की नीलामी से. वहीं प्रधान खनिज के ब्लॉक की नीलामी पिछली भाजपा सरकार में 3 ब्लॉक की हुई जबकि वर्तमान सरकार में 13 ब्लॉक की. वही भाजपा सरकार के 5 साल में अवैध खनन के 17,056 मामले हुए जबकि कांग्रेस सरकार के समय 40.831. FIR भी भाजपा सरकार में जहां 2530 थी वह बढ़कर 3698 हुई अवैध खनन में संलिप्त जब्त वाहन 14,056 थे जो वर्तमान सरकार में 39,290 हैं. वहीं अवैध खनन कर रही जब्त मशीनों की संख्या 632 भाजपा सरकार के समय रही तो वर्तमान सरकार के समय 1387 है. इसी तरीके से अवैध खनन पर जुर्माना राशि जो भाजपा सरकार के 5 साल में 100 करोड़ 33 लाख थी वह बढ़कर कांग्रेस सरकार में 43 महीने में ही 317 करोड़ 63 लाख हुई. इसी तरीके से भाजपा सरकार के 5 साल में 13959.26 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि कांग्रेस सरकार में 43 महीनों में ही 19686. 99 करोड़ हो चुकी है.

उन्होंने आगे लिखा है- यह भी समझना होगा, कि राजस्व तभी बढ़कर आया, जब हमारी सरकार ने अवैध खनन के ऊपर कड़ा अंकुष लगाकर कार्रवाई की. पिछले वित्तीय यह भी समझना होगा, कि राजस्व तभी बढ़कर आया, जब हमारी सरकार ने अवैध खनन के ऊपर कड़ा अंकुश लगाकर कार्रवाई की. पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी के बावजूद लक्ष्य से 1000 करोड रूपए अधिक का राजस्व प्राप्त किया गया. अवैध खनन के खिलाफ हमारी सरकार द्वारा समय - समय पर विशेष अभियान भी चलाए गए है. गत अभियान हाल ही में मई 2022 में चलाया गया है जिसमें खान विभाग के साथ-साथ पुलिस, वन,राजस्व एवं परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में गठित विशेष टीमों द्वारा सख्त कार्यवाहियां की गई है.उसी का परिणाम है कि केंद्रीय खान मंत्री द्वारा लोकसभा में भी बताया गया कि राजस्थान में अवैध खनन के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई गई जिससे अवैध खनन कम हुआ है इसीलिए केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के खान विभाग की गत तीन वर्षो की उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए खुली नीलामी के माध्यम से नये खनन पट्टे आवंटन व खनन राजस्व के क्षेत्र में पूरे देष में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर मात्र 10 दिन पहले ही 13 जुलाई को दिल्ली बुलाकर खान विभाग, राजस्थान एवं मुझे सम्मानित किया गया है.

पढ़ें-MLA भरत सिंह का सीएम को पत्र, मंत्री भाया को बताया खनन माफिया...अवैध खनन रोकने को भरतपुर के साधु की तरह आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी

गोडावण पर लिखा ये: जहां तक गोडावण का विषय है, इस सम्बन्ध में रिपोर्ट के मुताबिक अवगत कराना चाहूंगा कि सोरसन बारां जिले की वन भूमि का हिस्सा है, लेकिन इस क्षेत्र में गत 20-30 वर्षों में कोई गोडावण नहीं देखा गया और इसी अवधि में झालावाड़, बारां, कोटा जिले विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में राज्य की रीढ़ की हड्डी के रूप में उभर कर आये हैं. जिसके कारण पूरे क्षेत्र में विद्युत लाईनों का जाल बिछ गया है. बिजली लाईन का यह घनघोर नेटवर्क गोडावण के लिए मौत व असमय दुर्घटना का सीधा संदेश हैं. इस क्षेत्र में गोडावण के विकास का कोई भी प्रयत्न बारां के विकास को अवरूद्ध करने जैसा होगा, ऐसे में विद्युत तंत्र यदि समाप्त कर दिया गया तो बारां जिला ही नहीं समूचा राजस्थान प्रदेश विकास की दृष्टि से कई दशक पीछे चला जाएगा. मैं और मेरे साथी बारां के प्रति समर्पित थे हैं और जीवन पर्यन्त रहेंगे. मेरे कार्यकाल के दौरान सोरसन क्षेत्र में कोई अवैध खनन नही हुआ है.

मैं और मेरे साथी बारां के प्रति समर्पित थे, हैं और जीवन पर्यन्त रहेंगे। मेरे कार्यकाल के दौरान सोरसन गोडावण क्षेत्र में कोई अवैध खनन नही हुआ है. मैं कांग्रेस पार्टी के प्रति सदैव समर्पित रहा हूं और मैं इस पार्टी को अपनी मां मानता हूं तथा इस दृष्टि से पार्टी में मेरे जितने भी वरिष्ठ कांग्रेसजन हैं मैं उनका मन से सम्मान करता हूं और करता रहूंगा. उनके द्वारा जो विचार व्यक्त किये गये, वे उनके व्यक्तिगत विचार हैं. भारत का संविधान हर इन्सान को अपनी बात कहने और अपने हिसाब से भाषा के उपयोग की स्वतंत्रता प्रदान करता है इसलिए उनके विचार और भाषा पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.

जयपुर. राजस्थान में वैसे तो अपने कामों को लेकर कई विधायक मंत्रियों और नौकरशाहों की शिकायत करते रहते हैं (Bhaya On Bharat Singh). लेकिन सांगोद विधायक भरत सिंह ने जिस तरह खुलेआम खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर सीधे सीधे आरोप लगाए हैं वो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं. उन्होंने पत्रों के जरिए भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के साथ ही बारां के सोरासन में विलुप्त होते जा रहे गोडावण पक्षी की स्थिति के लिए भी मंत्री जी को दोषी माना है. अब तक प्रमोद जैन भाया पत्रों को लेकर चुप्पी साधे हुए थे, लेकिन उन्होंने पत्र के जरिए ही भरत सिंह के पत्र का जवाब दिया है.

अपना रुख साफ करते हुए लिखा है कि उनके कार्यकाल में अवैध खनन बढ़ा नहीं बल्कि रुका है और यही कारण है कि न केवल राज्य सरकार की राजस्व में बढ़ोतरी हुई है बल्कि केंद्र सरकार ने भी उन्हें बुलाकर सम्मान दिया है. हालांकि सोरसन क्षेत्र में विलुप्त होते पक्षी को लेकर उन्होंने साफ किया है कि इस क्षेत्र में जिस तरह से बारां,झालावाड़, कोटा के विकास के लिए जो विद्युत तंत्र विकसित हुआ है, वह गोडावण की मौत का एक कारण है लेकिन उस विद्युत तंत्र को समाप्त करना बारां जिले के विकास की रीढ़ हड्डी को समाप्त करना जैसा होगा.

Bhaya On Bharat Singh
भरत सिंह की चिट्ठी पर आखिर तोड़ी मंत्री भाया ने चुप्पी

मंत्री भाया का जवाब: भाया ने लिखा है- बहस का विषय यह नहीं है, की हमारी पार्टी के सीनियर सांगोद विधायक भरतसिंह जी द्वारा मुझ पर आरोप लगाए गए. वह तो हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी बात या आपत्ति का बुरा नहीं मानना सीख लिया. लेकिन बड़ी उल्लेखनीय बात यह है कि प्रदेश भर में अवैध खनन से लेकर अन्य समस्त कोर गतिविधियों सहित राजस्व वसूली में हमारी सरकार ने जो प्रतिमान स्थापित कर दिए, वैसा पिछली भाजपा सरकार से नहीं हो सका और तभी तो भारत सरकार ने हमारे खनिज विभाग को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा. जिससे हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री को मिल रही अनुमोदना तथा बधाईयों से विपक्ष बौखला गया. हमारे सीनियर मार्गदर्शक आदरणीय सांगोद विधायक भरत सिंह कहीं इनके कुप्रचार से प्रभावित हो गए होंगे, जिसके फलितार्थ उनकी नाराजगी जाहिर हुई.हकीकत यह है, कि मेरे मंत्री कार्यकाल में अवैध खनन के विरूद्व प्रभावी कार्यवाही की गई.

भाया ने इसके बाद भाजपा सरकार के 5 साल और वर्तमान कांग्रेस सरकार के 43 महीने में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई और खनन ब्लॉकों की नीलामी के साथ ही राजस्व वसूली का विवरण देते हुए लिखा की भाजपा सरकार के समय अप्रधान खनिज 566 प्लॉट आवंटित हुए जिनमें से 443 प्लॉट ई नीलामी से आवंटित हुए. जबकि कांग्रेस सरकार के 43 महीने में 1500 प्लॉट आवंटित हुए जिनमें से 1132 प्लॉट की नीलामी से. वहीं प्रधान खनिज के ब्लॉक की नीलामी पिछली भाजपा सरकार में 3 ब्लॉक की हुई जबकि वर्तमान सरकार में 13 ब्लॉक की. वही भाजपा सरकार के 5 साल में अवैध खनन के 17,056 मामले हुए जबकि कांग्रेस सरकार के समय 40.831. FIR भी भाजपा सरकार में जहां 2530 थी वह बढ़कर 3698 हुई अवैध खनन में संलिप्त जब्त वाहन 14,056 थे जो वर्तमान सरकार में 39,290 हैं. वहीं अवैध खनन कर रही जब्त मशीनों की संख्या 632 भाजपा सरकार के समय रही तो वर्तमान सरकार के समय 1387 है. इसी तरीके से अवैध खनन पर जुर्माना राशि जो भाजपा सरकार के 5 साल में 100 करोड़ 33 लाख थी वह बढ़कर कांग्रेस सरकार में 43 महीने में ही 317 करोड़ 63 लाख हुई. इसी तरीके से भाजपा सरकार के 5 साल में 13959.26 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि कांग्रेस सरकार में 43 महीनों में ही 19686. 99 करोड़ हो चुकी है.

उन्होंने आगे लिखा है- यह भी समझना होगा, कि राजस्व तभी बढ़कर आया, जब हमारी सरकार ने अवैध खनन के ऊपर कड़ा अंकुष लगाकर कार्रवाई की. पिछले वित्तीय यह भी समझना होगा, कि राजस्व तभी बढ़कर आया, जब हमारी सरकार ने अवैध खनन के ऊपर कड़ा अंकुश लगाकर कार्रवाई की. पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी के बावजूद लक्ष्य से 1000 करोड रूपए अधिक का राजस्व प्राप्त किया गया. अवैध खनन के खिलाफ हमारी सरकार द्वारा समय - समय पर विशेष अभियान भी चलाए गए है. गत अभियान हाल ही में मई 2022 में चलाया गया है जिसमें खान विभाग के साथ-साथ पुलिस, वन,राजस्व एवं परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में गठित विशेष टीमों द्वारा सख्त कार्यवाहियां की गई है.उसी का परिणाम है कि केंद्रीय खान मंत्री द्वारा लोकसभा में भी बताया गया कि राजस्थान में अवैध खनन के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई गई जिससे अवैध खनन कम हुआ है इसीलिए केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के खान विभाग की गत तीन वर्षो की उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए खुली नीलामी के माध्यम से नये खनन पट्टे आवंटन व खनन राजस्व के क्षेत्र में पूरे देष में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर मात्र 10 दिन पहले ही 13 जुलाई को दिल्ली बुलाकर खान विभाग, राजस्थान एवं मुझे सम्मानित किया गया है.

पढ़ें-MLA भरत सिंह का सीएम को पत्र, मंत्री भाया को बताया खनन माफिया...अवैध खनन रोकने को भरतपुर के साधु की तरह आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी

गोडावण पर लिखा ये: जहां तक गोडावण का विषय है, इस सम्बन्ध में रिपोर्ट के मुताबिक अवगत कराना चाहूंगा कि सोरसन बारां जिले की वन भूमि का हिस्सा है, लेकिन इस क्षेत्र में गत 20-30 वर्षों में कोई गोडावण नहीं देखा गया और इसी अवधि में झालावाड़, बारां, कोटा जिले विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में राज्य की रीढ़ की हड्डी के रूप में उभर कर आये हैं. जिसके कारण पूरे क्षेत्र में विद्युत लाईनों का जाल बिछ गया है. बिजली लाईन का यह घनघोर नेटवर्क गोडावण के लिए मौत व असमय दुर्घटना का सीधा संदेश हैं. इस क्षेत्र में गोडावण के विकास का कोई भी प्रयत्न बारां के विकास को अवरूद्ध करने जैसा होगा, ऐसे में विद्युत तंत्र यदि समाप्त कर दिया गया तो बारां जिला ही नहीं समूचा राजस्थान प्रदेश विकास की दृष्टि से कई दशक पीछे चला जाएगा. मैं और मेरे साथी बारां के प्रति समर्पित थे हैं और जीवन पर्यन्त रहेंगे. मेरे कार्यकाल के दौरान सोरसन क्षेत्र में कोई अवैध खनन नही हुआ है.

मैं और मेरे साथी बारां के प्रति समर्पित थे, हैं और जीवन पर्यन्त रहेंगे। मेरे कार्यकाल के दौरान सोरसन गोडावण क्षेत्र में कोई अवैध खनन नही हुआ है. मैं कांग्रेस पार्टी के प्रति सदैव समर्पित रहा हूं और मैं इस पार्टी को अपनी मां मानता हूं तथा इस दृष्टि से पार्टी में मेरे जितने भी वरिष्ठ कांग्रेसजन हैं मैं उनका मन से सम्मान करता हूं और करता रहूंगा. उनके द्वारा जो विचार व्यक्त किये गये, वे उनके व्यक्तिगत विचार हैं. भारत का संविधान हर इन्सान को अपनी बात कहने और अपने हिसाब से भाषा के उपयोग की स्वतंत्रता प्रदान करता है इसलिए उनके विचार और भाषा पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.

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