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प्याज के बीज की कालाबाजारी को लेकर मंत्री लालचंद कटारिया ने कमेटी बनाने की घोषणा की

राजस्थान विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान प्याज के बीजों के कालाबाजारी को लेकर मंत्री लालचंद कटारिया ने कमेटी बनाने की बात कही है. वहीं डीएमएफटी फंड को लेकर स्पीकर सीपी जोशी ने सरकार को निर्देश दिया है कि बिना थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन के कॉन्ट्रैक्टर को पैसा नहीं जारी किया जाए.

Rajasthan assembly session, जयपुर न्यूज
राजस्थान विधानसभा में उठा प्याज के बीजों के कालाबाजारी मामला
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Published : Feb 15, 2021, 3:24 PM IST

जयपुर. अलवर में हो रही प्याज के बीज की कालाबाजारी को लेकर मंत्री लालचंद कटारिया ने कमेटी बनाने की बात कही है. 10 दिन में कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई होगी. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को अलवर जिले में प्याज भंडारण फसल बीमा और प्याज की कालाबाजारी को लेकर विधायक सफिया जुबेर ने बात उठाई. जिसमें उन्होंने कहा कि प्याज के बीज में प्रतिकिलो बड़ी कालाबाजारी हो रही है.

राजस्थान विधानसभा में उठा प्याज के बीजों के कालाबाजारी मामला

सुफिया जुबेर ने कहा कि जो बीच 35 सौ रुपए प्रति किलो में आता है. उसे 5000 रुपए किलो के भाव पर बेचा जा रहा है. इसपर पशुपालन मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान में अलवर जिला तीसरा सर्वाधिक प्याज उत्पादक जिला है. उन्होंने प्याज को लेकर हो रही कालाबाजारी को लेकर कमेटी बनाने की घोषणा की और कहा कि कमेटी 10 दिन में इसकी जानकारी दे देगी. वहीं सवाल के जवाब में कटारिया ने यह भी स्वीकार किया कि अलवर जिले में बीमा के लिए केवल एक कंपनी आई. जिससे कि उसमें कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी.

डीएमएफटी फंड को लेकर लगे सवाल पर स्पीकर सीपी जोशी ने दिए सरकार को निर्देश

डीएमएफटी फंड को लेकर सरकार के निर्देश

डीएमएफटी फंड से हो रहे काम की थर्ड पार्टी से क्वालिटी वेरिफिकेशन की जाए. साथ ही क्वालिटी वेरिफिकेशन करके कांट्रेक्टर को पेमेंट दिया जाए. सदन में डीएमएफटी की बैठक को लेकर सवाल लगाया गया. जिसमें जवाब देते हुए मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि प्रदेश में स्टेट मिनरल फंड का गठन किया गया है. जिसमें विभिन्न जिलों में प्राप्त डीएमएफटी राशि का कुछ भाग राज्य की विभिन्न योजनाओं और लोक कल्याणकारी योजनाओं में दिया जाता है. झुंझुनू में डीएमएफटी फंड कोई नई सीकृति नहीं दी गई है लेकिन पूर्व में स्वीकृत कार्यों पर काम चल रहा है. इस पर विधायक ने गवर्नर काउंसिल की बैठक नहीं करने की बात कही. इस पर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि 2 साल में एक भी बैठक नहीं हो सकी. इसमें देरी का प्रमुख कारण स्थानीय आकांक्षाओं के कारण निर्णय हो सके. इसके चलते गवर्नर काउंसिल का दो से तीन बार गठन किया गया. इसके बाद एक के बाद एक चुनाव आए और तीसरा कोरोना आने के चलते कोई काम नहीं हो सका.

यह भी पढ़ें. केंद्र की मोदी सरकार ने महंगाई में भी लगा दी आग: प्रताप सिंह खाचरियावास

इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जिन कारणों को लेकर योजनाओं में बैठक नहीं होना बताया है. मुझे अफसोस है कि अगर कमेटी है तो उसके चेयरमैन कौन है. झुंझुनू में जिला स्तर की बैठक कब-कब हुई और फंड में 1719 करोड़ का जो खर्चा आप बता रहे हो, आपके पास है. यह जमा राशि प्रदेश में कहां-कहां इसका उपयोग किया गया है. इस पर प्रमोद जैन भाया ने दोबारा अपने जवाब को दोहराया तो स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि डीएमएफटी का फंड माइंस डिपार्टमेंट सैंक्शन करता है. वह क्वालिटी मेंटेन करने का काम नहीं करता है.

यह भी पढ़ेंः वसुंधरा शासन में हुए 267 खान आवंटनों को गहलोत सरकार की गठित कमेटी ने माना गलत, सौंपी रिपोर्ट

कटारिया ने कहा कि डीएमएफटी के जितने भी काम है, चाहे वह किसी भी विभाग के हैं. उनकी क्वॉलिटी मेंटेन करने के लिए थर्ड पार्टी का गठन करें क्योंकि इस राशि का सही से सदुपयोग नहीं हो पा रहा है. इसमें हेल्थ में भी पैसा जा रहा है, शिक्षा में भी जा रहा है. डीएमएफटी फंड में कांट्रेक्टर बिलों काम कर रहा है. जिससे कि पैसे का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसे में इस काम में थर्ड पार्टी के वेरिफिकेशन का काम स्वता ही होना चाहिए. थर्ड पार्टी का जब तक वेरिफिकेशन नहीं हो तब तक उसका पेमेंट नहीं हो. तब तक क्वालिटी भी मेंटेन होगी और व्यवस्था भी बनेगी. ऐसे में यह सरकार को निर्देश है कि वह क्वॉलिटी मेंटेन करने के लिए थर्ड पार्टी की व्यवस्था करें.

पाली जिले में किसानों के पैसा देने के बावजूद बीमा नहीं होने पर मंत्री ने कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल में पाली जिले में रबी और खरीफ की फसलों को लेकर देय कृषि ऋण का सवाल उठा. जिसमें खुद मंत्री उदयलाल आंजना ने स्वीकार किया कि किसानों के बीमा में विलंब हुआ है. इसके लिए जांच कमेटी बना दी गई है. जांच रिपोर्ट आने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कृषक ने जब पैसा जमा करा दिया. सरकार ने एमओयू लेट किया और एमओयू और ऋण के बीच में जिन की डेथ हो गई. उन किसानों को लाभ मिलेगा या नहीं. इस पर मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है कि बीमा में देरी क्यों हुई और जिन अधिकारियों की लापरवाही रही उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही.

सवाल के जवाब में मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि 15 जुलाई से पहले ऋण वितरण कर दिया जाए तो प्रीमियम कटने मेरे हाथ रहती है. यह परिपाटी पुरानी है कि 31 दिसंबर और 28 अगस्त बीमा प्रीमियम की राशि कटता है. अब प्रयास होगा कि 15 जुलाई का समय बीमा के प्रीमियम की राशि के कटने का तय किया जाए.

जयपुर. अलवर में हो रही प्याज के बीज की कालाबाजारी को लेकर मंत्री लालचंद कटारिया ने कमेटी बनाने की बात कही है. 10 दिन में कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई होगी. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को अलवर जिले में प्याज भंडारण फसल बीमा और प्याज की कालाबाजारी को लेकर विधायक सफिया जुबेर ने बात उठाई. जिसमें उन्होंने कहा कि प्याज के बीज में प्रतिकिलो बड़ी कालाबाजारी हो रही है.

राजस्थान विधानसभा में उठा प्याज के बीजों के कालाबाजारी मामला

सुफिया जुबेर ने कहा कि जो बीच 35 सौ रुपए प्रति किलो में आता है. उसे 5000 रुपए किलो के भाव पर बेचा जा रहा है. इसपर पशुपालन मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान में अलवर जिला तीसरा सर्वाधिक प्याज उत्पादक जिला है. उन्होंने प्याज को लेकर हो रही कालाबाजारी को लेकर कमेटी बनाने की घोषणा की और कहा कि कमेटी 10 दिन में इसकी जानकारी दे देगी. वहीं सवाल के जवाब में कटारिया ने यह भी स्वीकार किया कि अलवर जिले में बीमा के लिए केवल एक कंपनी आई. जिससे कि उसमें कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी.

डीएमएफटी फंड को लेकर लगे सवाल पर स्पीकर सीपी जोशी ने दिए सरकार को निर्देश

डीएमएफटी फंड को लेकर सरकार के निर्देश

डीएमएफटी फंड से हो रहे काम की थर्ड पार्टी से क्वालिटी वेरिफिकेशन की जाए. साथ ही क्वालिटी वेरिफिकेशन करके कांट्रेक्टर को पेमेंट दिया जाए. सदन में डीएमएफटी की बैठक को लेकर सवाल लगाया गया. जिसमें जवाब देते हुए मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि प्रदेश में स्टेट मिनरल फंड का गठन किया गया है. जिसमें विभिन्न जिलों में प्राप्त डीएमएफटी राशि का कुछ भाग राज्य की विभिन्न योजनाओं और लोक कल्याणकारी योजनाओं में दिया जाता है. झुंझुनू में डीएमएफटी फंड कोई नई सीकृति नहीं दी गई है लेकिन पूर्व में स्वीकृत कार्यों पर काम चल रहा है. इस पर विधायक ने गवर्नर काउंसिल की बैठक नहीं करने की बात कही. इस पर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि 2 साल में एक भी बैठक नहीं हो सकी. इसमें देरी का प्रमुख कारण स्थानीय आकांक्षाओं के कारण निर्णय हो सके. इसके चलते गवर्नर काउंसिल का दो से तीन बार गठन किया गया. इसके बाद एक के बाद एक चुनाव आए और तीसरा कोरोना आने के चलते कोई काम नहीं हो सका.

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इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जिन कारणों को लेकर योजनाओं में बैठक नहीं होना बताया है. मुझे अफसोस है कि अगर कमेटी है तो उसके चेयरमैन कौन है. झुंझुनू में जिला स्तर की बैठक कब-कब हुई और फंड में 1719 करोड़ का जो खर्चा आप बता रहे हो, आपके पास है. यह जमा राशि प्रदेश में कहां-कहां इसका उपयोग किया गया है. इस पर प्रमोद जैन भाया ने दोबारा अपने जवाब को दोहराया तो स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि डीएमएफटी का फंड माइंस डिपार्टमेंट सैंक्शन करता है. वह क्वालिटी मेंटेन करने का काम नहीं करता है.

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कटारिया ने कहा कि डीएमएफटी के जितने भी काम है, चाहे वह किसी भी विभाग के हैं. उनकी क्वॉलिटी मेंटेन करने के लिए थर्ड पार्टी का गठन करें क्योंकि इस राशि का सही से सदुपयोग नहीं हो पा रहा है. इसमें हेल्थ में भी पैसा जा रहा है, शिक्षा में भी जा रहा है. डीएमएफटी फंड में कांट्रेक्टर बिलों काम कर रहा है. जिससे कि पैसे का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसे में इस काम में थर्ड पार्टी के वेरिफिकेशन का काम स्वता ही होना चाहिए. थर्ड पार्टी का जब तक वेरिफिकेशन नहीं हो तब तक उसका पेमेंट नहीं हो. तब तक क्वालिटी भी मेंटेन होगी और व्यवस्था भी बनेगी. ऐसे में यह सरकार को निर्देश है कि वह क्वॉलिटी मेंटेन करने के लिए थर्ड पार्टी की व्यवस्था करें.

पाली जिले में किसानों के पैसा देने के बावजूद बीमा नहीं होने पर मंत्री ने कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल में पाली जिले में रबी और खरीफ की फसलों को लेकर देय कृषि ऋण का सवाल उठा. जिसमें खुद मंत्री उदयलाल आंजना ने स्वीकार किया कि किसानों के बीमा में विलंब हुआ है. इसके लिए जांच कमेटी बना दी गई है. जांच रिपोर्ट आने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कृषक ने जब पैसा जमा करा दिया. सरकार ने एमओयू लेट किया और एमओयू और ऋण के बीच में जिन की डेथ हो गई. उन किसानों को लाभ मिलेगा या नहीं. इस पर मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है कि बीमा में देरी क्यों हुई और जिन अधिकारियों की लापरवाही रही उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही.

सवाल के जवाब में मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि 15 जुलाई से पहले ऋण वितरण कर दिया जाए तो प्रीमियम कटने मेरे हाथ रहती है. यह परिपाटी पुरानी है कि 31 दिसंबर और 28 अगस्त बीमा प्रीमियम की राशि कटता है. अब प्रयास होगा कि 15 जुलाई का समय बीमा के प्रीमियम की राशि के कटने का तय किया जाए.

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