जयपुर. शिक्षा विभाग में शिक्षण व्यवस्था के नाम पर हाल ही हुए 21 शिक्षकों के तबादलों पर सवाल खड़े होने लगे है. क्योंकि राजनेताओं की सिफारिश के आधार पर शिक्षकों को मूल पदस्थापन से दूसरे स्थानों पर लगाया गया है. राजनेताओं की अनुशंसा पर बीकानेर के प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई की गई है, जो नाइंसाफी है.
इस मामले पर उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि मामले में शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा से वार्ता की जाएगी. भाटी ने कहा कि जनसुनवाई में शिक्षकों की जो परेशानियां आई है, उसको ध्यान में रखते हुए पदस्थापन के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया था. लेकिन अगर उनपर कार्रवाई की गई है तो वार्ता की जाएगी.
दरअसल, राजनीतिक रसूख के चलते हुए पदस्थापन में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी सबसे आगे है, इन्होंने 6 शिक्षकों को शिक्षण व्यवस्था के नाम पर लगाने की सिफारिश की थी. हालांकि इसमें एक शिक्षक दिव्यांग है. वहीं ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने 3 शिक्षकों को बीकानेर लगाने की अनुशंसा की थी. इसमें एक कैंसर पीड़ित है, तो दूसरे की पत्नी कैंसर पीड़ित है, और एक की रीढ़ की हड्डी टेढ़ी होने से चलने में परेशानी बताई गई है.
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खाजूवाला विधायक गोविंद मेघवाल ने तीन, जिला प्रमुख सुशीला सींवर ने 2, शिक्षक ग्रुप- 2 के उप सचिव रामेश्वर लाल जाट और शिक्षा मंत्री के पीए हेमंत ने 2 शिक्षकों की अनुशंसा की है. शिक्षा निदेशक ने 5 शिक्षकों की अनुशंसा की है. इनमें 4 शिक्षक अन्य जिलों के हैं. जारी हुई सूची में 4 शिक्षकों को जयपुर, कोटा, जोधपुर और भीलवाड़ा से बीकानेर जिले में लगाया गया है. जबकि शेष 17 शिक्षकों को जिले में ही लगाया गया.