ETV Bharat / city

कांग्रेस के जनता दरबार से मंत्री नदारद, पैसा खर्च कर पीसीसी पहुंच रहे फरियादी लौट रहे निराश

राजस्थान कांग्रेस के जनता दरबार में फरियादी तो पहुंच रहे हैं लेकिन मंत्री नदारद नजर आ रहे हैं. ऐसे में अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री के आगे फरियाद लगाने के लिए पीसीसी मुख्यालाय पहुंच रहे लोगों को निराश ही लौटना पड़ रहा है.

राजस्थान कांग्रेस मंत्री जनसुनवाई, Rajasthan congress latest news
author img

By

Published : Oct 9, 2019, 7:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के राजधानी स्थित मुख्यालय में जिस जोर शोर के साथ जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू किया गया था. वो जोश अब ठंडा पड़ता दिखाई दे रहा है. केवल सोमवार को हुई सुनवाई के बाद मंत्री जनसुनवाई से गायब ही मिले.

बुधवार को मीडियाकर्मी जैसे ही पीसीसी मुख्यालय में दाखिल हुए वहां केवल फरियादी ही नजर आए. पीसीसी के चैंबर में ना कोई मंत्री मौजूद था ही कोई पार्टी का पदाधिकारी. ऐसे में दूर-दराज इलाकों से पैसा खर्च कर पीसीसी पहुंचे फरियादियों को निराशा ही हाथ लगी और उन्हें मजबूरन वापस लौटना पड़ा.

राजस्थान कांग्रेस की जनसुनवाई से निराश लौट रहे फरियादी

सोमवार से शुरू हुए जनसुनवाई कार्यक्रम को देखकर तो लग रहा था कि आने वाले चुनावों के मद्देनजर मंत्री और पार्टी पदाधिकारी फरियादियों की समस्याओं का समाधान करेंगे. जनसुनवाई के पहले ही दिन फरियादियों को भारी परेसानियों का सामना करना पड़ा था. लेकिन विजयादशमी की छुट्टी के बाद दूसरे दिन तो एक भी मंत्री पीसीसी मुख्यालय में दिखाई नहीं दिया.

पढ़ेंः शराबबंदी पर बोले गहलोत- गुजरात में शराब न मिले तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या रूपाणी छोड़ दें

चौंकाने वाली बात तो ये है कि ना तो जनसुनवाई का अभी तक रोस्टर जारी किया गया है कि किस-किस दिन कौन-कौनसा मंत्री सुनवाई करेगा. और ना ही पार्टी में कोई आधिकारिक सूचना जारी की गई है. इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस की ये जनसुनवाई बिना किसी तैयारी के शुरू की गई है.

बुधवार के दिन कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे फरियादियों ने बताया कि वे अपनी जेब से भाड़ा खर्च कर यहां पहुंचे थे. लेकिन एक भी मंत्री नहीं होने की वजह से उन्हें निराश होना पड़ा. फरियादियों ने बताया कि कार्यालय में मौजूद वर्कर्स ने उन्हें मंत्रियों के बंगले पर जाकर फरियाद लगाने को कहा है. इतना ही नहीं वहां पहुंच रहे लोगों यह तक नहीं बताया जा रहा कि अगली जनसुनवाई कब होगी और मंत्री उपलब्ध हो सकेंगे.

पढ़ेंः बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने इशारों में सीएम गहलोत पर कसा तंज...कहा- बेटा क्रिकेट का बन गया...वो फुटबॉल का बन जाएं

दरअसल राजस्थान कांग्रेस की ओर से मंत्रियों की जनसुनवाई का कार्यक्रम बना था. जिसमें सप्ताह में 5 दिन अलग-अलग मंत्रियों को प्रदेश कांग्रेस में जनता दरबार लगाया था. लेकिन अभी तक ऐसा केवल एक दिन ही हुआ. सोमवार के बाद से अभी तक जनसुनवाई का कार्यक्रम नहीं हो सका है.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के राजधानी स्थित मुख्यालय में जिस जोर शोर के साथ जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू किया गया था. वो जोश अब ठंडा पड़ता दिखाई दे रहा है. केवल सोमवार को हुई सुनवाई के बाद मंत्री जनसुनवाई से गायब ही मिले.

बुधवार को मीडियाकर्मी जैसे ही पीसीसी मुख्यालय में दाखिल हुए वहां केवल फरियादी ही नजर आए. पीसीसी के चैंबर में ना कोई मंत्री मौजूद था ही कोई पार्टी का पदाधिकारी. ऐसे में दूर-दराज इलाकों से पैसा खर्च कर पीसीसी पहुंचे फरियादियों को निराशा ही हाथ लगी और उन्हें मजबूरन वापस लौटना पड़ा.

राजस्थान कांग्रेस की जनसुनवाई से निराश लौट रहे फरियादी

सोमवार से शुरू हुए जनसुनवाई कार्यक्रम को देखकर तो लग रहा था कि आने वाले चुनावों के मद्देनजर मंत्री और पार्टी पदाधिकारी फरियादियों की समस्याओं का समाधान करेंगे. जनसुनवाई के पहले ही दिन फरियादियों को भारी परेसानियों का सामना करना पड़ा था. लेकिन विजयादशमी की छुट्टी के बाद दूसरे दिन तो एक भी मंत्री पीसीसी मुख्यालय में दिखाई नहीं दिया.

पढ़ेंः शराबबंदी पर बोले गहलोत- गुजरात में शराब न मिले तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या रूपाणी छोड़ दें

चौंकाने वाली बात तो ये है कि ना तो जनसुनवाई का अभी तक रोस्टर जारी किया गया है कि किस-किस दिन कौन-कौनसा मंत्री सुनवाई करेगा. और ना ही पार्टी में कोई आधिकारिक सूचना जारी की गई है. इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस की ये जनसुनवाई बिना किसी तैयारी के शुरू की गई है.

बुधवार के दिन कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे फरियादियों ने बताया कि वे अपनी जेब से भाड़ा खर्च कर यहां पहुंचे थे. लेकिन एक भी मंत्री नहीं होने की वजह से उन्हें निराश होना पड़ा. फरियादियों ने बताया कि कार्यालय में मौजूद वर्कर्स ने उन्हें मंत्रियों के बंगले पर जाकर फरियाद लगाने को कहा है. इतना ही नहीं वहां पहुंच रहे लोगों यह तक नहीं बताया जा रहा कि अगली जनसुनवाई कब होगी और मंत्री उपलब्ध हो सकेंगे.

पढ़ेंः बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने इशारों में सीएम गहलोत पर कसा तंज...कहा- बेटा क्रिकेट का बन गया...वो फुटबॉल का बन जाएं

दरअसल राजस्थान कांग्रेस की ओर से मंत्रियों की जनसुनवाई का कार्यक्रम बना था. जिसमें सप्ताह में 5 दिन अलग-अलग मंत्रियों को प्रदेश कांग्रेस में जनता दरबार लगाया था. लेकिन अभी तक ऐसा केवल एक दिन ही हुआ. सोमवार के बाद से अभी तक जनसुनवाई का कार्यक्रम नहीं हो सका है.

Intro:समस्याओं के दूर होने की आस में आम जनता पहुंच रही राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली जनसुनवाई के लिए लेकिन जनता दरबार में जनता तो पहुंची लेकिन ना तो मंत्री ही इन मिले ना जन सुनवाई की तारीख का आश्वासन ही ऐसे में दूरदराज से आए लोग पैसा और समय खराब कर परेशान हो निकले निराश वापस


Body:राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में जिस तरह से सोमवार को एकाएक जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू किया गया उससे लगा कि अब जनता की सुनवाई तो कांग्रेस मुख्यालय में लगने वाले जनता दरबार में सीधे हो जाएगी और जिस तरीके से पहले दिन जन सुनवाई हुई उसमें भले ही आम जनता कम संख्या में पहुंची लेकिन सबको उम्मीद थी कि अब आगे होने वाली जनसुनवाई में जनता बड़ी संख्या में अपनी समस्याएं लेकर कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों के दरबार में पहुंचेगी लेकिन पहले दिन हुई अव्यवस्थाओं के बाद भी इसका सबक नहीं लिया गया और कांग्रेस में लगने वाला मंत्रियों का दरबार महज एक सोमवार को ही होकर सिमट गया इसके बाद बीते 2 दिनों से ना तो कांग्रेस की ओर से मंत्रियों कब बैठना ही शुरू हुआ नाही आगे होने वाली जनसुनवाई के लिए कोई रोस्टार ही जारी हुआ इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस ने जनसुनवाई शुरू तो कर दी लेकिन बिना तैयारियों के दरअसल सोमवार को ही जन सुनवाई के बाद मंगलवार को यह कहते हुए जन सुनवाई टाली गई कि विजयादशमी का त्योहार है इसके बाद में बुधवार को आज एक बार फिर से जनसुनवाई राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में नहीं हुई और इसके नहीं होने के कोई अधिकारी कारण भी नहीं बताए गए इसका नुकसान भले ही कांग्रेस के पदाधिकारियों और मंत्रियों को तो ना हो लेकिन उस जनता को जरूर हुआ जो पैसा और समय खर्च करके दूरदराज के इलाकों से राजस्थान कांग्रेस के मुख्यालय में पहुंचे थे लात यह रही कि आज बड़ी संख्या में जनसुनवाई में मंत्रियों को अपनी पीड़ा बताने के लिए लोग पहुंचे लेकिन उस समय जनता के हाथ में निराशा लगी जब ना तो उन्हें मंत्री ही मिले ना ही यह जवाब कि वह अब जनसुनवाई में वापस कब आए कि उनकी सुनवाई हो सके जनता सीधे कांग्रेस कार्यालय में पहुंची भी और प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों से पूछती भी दिखाई दी लेकिन पदाधिकारी केवल यही बताते रहे कि आज जनसुनवाई नहीं है क्यों नहीं है और कब होगी इसका जवाब भी इन पदाधिकारियों के पास नहीं था ऐसे में परेशान जनता को वापस निराशा के साथ लौटना पड़ा दरअसल राजस्थान कांग्रेस की ओर से मंत्रियों की जनसुनवाई का कार्यक्रम बना था जिसमें सप्ताह में 5 दिन अलग-अलग मंत्रियों को प्रदेश कांग्रेस में जनता दरबार लगाया था ऐसा 1 दिन हुआ भी लेकिन 1 दिन के बाद जनसुनवाई का कार्यक्रम नहीं हो सका है बाइट मीठा लाल सुथार जनसुनवाई में आए पीड़ित जनसुनवाई में आए कल्याण सहाय जनसुनवाई में आए अतीक उल्लाह खान जनसुनवाई में


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.