जयपुर. सांभर की पक्षी त्रासदी आप भूले नहीं होंगे. प्रवासी पक्षियों की शरणगाह और बर्ड वाचर्स के लिए स्वर्ग कही जाने वाली सांभर झील इस बार सूनी है. पानी की कमी और मौसम में बदलाव का असर ये हुआ कि इस बार सांभर झील में प्रवासी पक्षी कम आए और जो पक्षी सर्दी में आए थे वे भी इस बार जल्दी ही यहां से विदा हो गए. देखिये ये खास रिपोर्ट..
नमक उत्पादन के लिए न केवल राजस्थान बल्कि देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाली सांभर झील हजारों किलोमीटर दूर से आने वाले प्रवासी पक्षियों की मुफीद शरणगाह रही है. यही कारण है कि पक्षी प्रेमियों के लिए सांभर झील को स्वर्ग भी कहा जाता है. जहां सैकड़ों प्रजातियों के लाखों प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं. पक्षी प्रेमी भी इस सीजन में इन मेहमान पक्षियों का दीदार करने और उनकी तस्वीरें अपने कैमरे में कैद करने न केवल राजस्थान से आते हैं बल्कि देशभर से यहां आते हैं.
![Sambhar Lake Jaipur, Migratory Bird Sambar Lake, Environmental pollution flamingo sambar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11238732_t.png)
बीते कुछ समय से यहां आने वाले बर्ड वाचर्स की संख्या में खासी कमी आई है. इसका मुख्य कारण यह है कि बीते साल मानसून में सांभर झील और आसपास के इलाकों में कम बारिश होने से झील में पानी की आवक कम हुई. इसका असर ये हुआ कि यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या भी कम दर्ज की गई थी. अब इस साल मौसम में अचानक आए बदलाव और तापमान में बढ़ोतरी का असर ये हुआ कि झील का पानी जल्दी सूख गया है. इसके चलते जो प्रवासी पक्षी सांभर झील में आए थे वे भी अब विदा ले गए हैं. ऐसे में अब यहां आने वाले पक्षी प्रेमी निराश होकर लौट रहे हैं.
![Sambhar Lake Jaipur, Migratory Bird Sambar Lake, Environmental pollution flamingo sambar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11238732_tcdsdg.png)
207 प्रजातियों के पक्षी आते हैं यहां
सांभर झील में आने वाले प्रवासी और स्थानीय पक्षियों को अपने कैमरे में कैद करने वाले युवा फोटोग्राफर गौरव शर्मा बताते हैं कि वे करीब 207 प्रजातियों के प्रवासी और स्थानीय पक्षियों को चिह्नित करके अपने कैमरे में कैद कर चुके हैं. हर साल लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी सर्दी की शुरुवात में सांभर झील पहुंचते हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या लेसर और ग्रेटर फ्लेमिंगो की होती है. इसके अलावा भी कई प्रजातियों के पक्षी यहां प्रवास के लिए आते हैं.
![Sambhar Lake Jaipur, Migratory Bird Sambar Lake, Environmental pollution flamingo sambar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11238732_tcdsdfgfgfd.png)
लेकिन इस सीजन में यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या काफी कम रही है. इसके पीछे का कारण वह बताते हैं कि सांभर झील और आसपास के इलाके में बीते साल मानसून में काफी कम बारिश हुई थी. इसके चलते झील में पर्याप्त पानी नहीं आया. ऐसे में यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या काफी कम रही है.
नालियासर झील में आए ज्यादा पक्षी
उनका कहना है कि सांभर झील की बजाए इस बार नालियासर झील में प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी ज्यादा रही. जहां अपेक्षाकृत ज्यादा पानी था. नालियासर झील सांभर से करीब 12 किमी दूर है. उनका यह भी कहना है कि जो परिंदे हजारों किमी का सफर तय करके सांभर पहुंचे थे. उन्हें जब झील में पर्याप्त पानी नहीं मिला तो वे कुछ समय यहां बिताने के बाद यहां से चले गए. अब तामपान में बढ़ोतरी होने से झील में जो थोड़ा बहुत पानी था. वह भी सूख गया है. ऐसे में जो थोड़े बहुत पक्षी यहां रुके थे वे अब यहां से विदा ले चुके हैं.
![Sambhar Lake Jaipur, Migratory Bird Sambar Lake, Environmental pollution flamingo sambar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11238732_tcdsdf.png)
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ब्लू ग्रीन एल्गी के लिए आते हैं प्रवासी पक्षी
जानकर बताते हैं कि सांभर झील के छिछले पानी में बहुतायत में पाई जाने वाली ब्लू ग्रीन एल्गी यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा भोजन होती है. इसी की तलाश में सर्दियों की शुरुवात में प्रवासी पक्षी यहां आते हैं और गर्मियों में वापस अपने मूल प्रदेश की तरफ लौट जाते हैं. हालांकि बीते कुछ सालों में कई प्रजातियों के प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में गर्मियों में भी सांभर झील में दिखते रहे हैं. इनमें फ्लेमिंगो प्रमुख है.
![Sambhar Lake Jaipur, Migratory Bird Sambar Lake, Environmental pollution flamingo sambar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11238732_tcdsd.png)
इस बार नाममात्र फ्लेमिंगो
लेकिन इस बार सांभर झील में फ्लेमिंगो भी नाममात्र के ही देखने को मिल रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता और पक्षी प्रेमी पवन मोदी का कहना है कि इस बार झील का पानी सूख चुका है. मानसून में बारिश कम हुई तो झील में उन जगहों पर पर्याप्त पानी नहीं भरा जहां प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा रहता है. ऐसे में यहां पहले से ही कम संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे थे. अब मौसम में अचानक आए बदलाव और झील क्षेत्र में पानी बिल्कुल सूखने के कारण जो पक्षी यहां आए थे वे भी जल्दी यहां से चले गए.
![Sambhar Lake Jaipur, Migratory Bird Sambar Lake, Environmental pollution flamingo sambar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11238732_tddfg.png)
जलवायु परिवर्तन बड़ी वजह
सांभर झील में पक्षी कम आने के कुछ प्रमुख कारणों में ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और साल 2019 में हुई पक्षी त्रासदी को भी अहम माना जा रहा है. साल 2019 में सांभर झील में हजारों की संख्या में पक्षियों की मौत हो गई थी. इसके लिए एवियन बोटूलिज्म नामक विषाणु को जिम्मेदार माना गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि 2019 में हुई पक्षी त्रासदी के बाद सांभर झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या में अचानक गिरावट देखने को मिली थी.
कैसे हो पक्षियों का प्रवास सुरक्षित
सांभर झील में प्रवासी पक्षियों का ठहराव कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है. इस सवाल पर पवन मोदी का कहना है कि सांभर झील में पर्याप्त प्रवासी पक्षियों की आवक और उनका सुरक्षित ठहराव सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सभी की है. इसके लिए विभागीय अधिकारियों और सांभर की जनता को मिलकर अपनी भागीदारी निभानी होगी.
उनका कहना है कि 190 वर्ग किमी इलाके में फैली सांभर झील में कुछ क्षेत्र इस तरह सुरक्षित किया जाए. जहां पक्षियों का सुरक्षित प्रवास सुनिश्चित किया जा सके. उनका कहना है कि झील के कुछ हिस्से इस तरह सुरक्षित किए जाएं जहां सालभर पानी भरा रहे. ताकि वहां पक्षियों का सुरक्षित प्रवास सुनिश्चित किया जा सके.