जयपुर. लंबे समय से नियमित करने की मांग कर रहे नरेगा कर्मियों ने सोमवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर महापड़ाव (MGNREGA Contract workers on protest in Jaipur) डाल दिया है. सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उन्हें नियमित नहीं किया जाता है तो हजारों नरेगा संविदा कर्मी सरकार को इस्तीफा सौंप देंगे. महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत रोजगार सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लेखा सहायक, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, सहायक कार्यक्रम अधिकारी सहित अन्य पदों पर हजारों की संख्या में संविदा कर्मियों को लगाया गया था.
महापड़ाव डाल कर बैठे नरेगा कर्मियों की मांग है कि संविदा कार्मिकों की संख्या के अनुपात में नियमित पदों का सृजन कर कार्यरत कार्मिकों को नियमित किया जाए. साथ ही संविदा पर लगे कर्मचारियों ने मांग की कि कार्मिक विभाग के संविदा कर्मियों को नियमित करने के नियम में संशोधन किया जाए. महात्मा गांधी नरेगा कार्मिक संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि हमें संविदा पर कार्य करते हुए 13 से 14 साल का समय हो चुका है. पहले भी हमने सरकारों को नियमित करने की गुहार लगाई थी, लेकिन सरकारों ने केवल आश्वासन देने का काम किया है. वर्तमान में बनी गहलोत सरकार को साढ़े 3 साल का समय हो चुका है इस सरकार से भी कई बार नियमितीकरण की मांग की गई.
अशोक कुमार ने कहा कि संविदा कर्मियों को नियमित करने का नया नियम 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी (Protest in Jaipur) होगा. लेकिन हमारी मांग है कि हमने जो पहले काम किया है उसे भी नए नियम में शामिल किया जाए. नए नियम में कार्य का अनुभव 5 साल किया गया है, उसे 3 साल किया जाए. अशोक कुमार ने कहा यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो 31 मई को प्रदेश भर के संविदा पर लगे 10 हजार नरेगा कर्मी मुख्यमंत्री के नाम अपना इस्तीफा दे देंगे.