जयपुर. 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women Day 2022) मनाया जा रहा है, जिसे लेकर प्रदेश की तमाम महिलाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है. 21वीं सदी की महिलाएं आत्मनिर्भर और काफी सशक्त हो चुकी हैं. कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जिस क्षेत्र में महिलाओं ने अपना डंका न बजाया हो. आज हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है और नया इतिहास रच रही हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की निर्भया स्क्वाड ने भी प्रदेश की तमाम महिलाओं को निडर व निर्भय बनकर नया इतिहास रचने का संदेश दिया है.
यही नहीं निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिस कर्मियों ने पूरे जयपुर शहर में महिलाओं और बालिकाओं को एक सुरक्षित वातावरण देने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिस कर्मियों का कहना है कि उन्हें खुद पर काफी गर्व महसूस होता है कि वह स्वयं महिलाएं होकर जयपुर की महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा में अपना अहम योगदान दे रही हैं.
मनचलों पर कसी नकेल: निर्भया स्क्वाड की मंजू चौधरी ने बताया कि राजधानी जयपुर के ऐसे तमाम स्पॉट जहां पर महिलाओं व बालिकाओं का मूवमेंट ज्यादा रहता है. जहां पर उनके साथ छेड़छाड़ की संभावनाएं अधिक होती हैं, वहां निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मी पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात रहती हैं. निर्भया स्क्वाड की मुस्तैदी के चलते ही बड़ी तादाद में मनचलों को दबोच कर सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है. जिसके चलते ना केवल महिलाओं का आत्म सम्मान बढ़ा है बल्कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले लोगों का विरोध करने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. पहले लोग महिलाओं व बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले और उन पर फब्तियां कसने वाले लोगों को देखकर भी नजरअंदाज कर दिया करते थे, लेकिन अब लोग उनका विरोध करने लगे हैं और ऐसे लोगों की सूचना निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मियों को देने लगे हैं.
घर की जिम्मेदारी और ड्यूटी को अच्छी तरह से करते हैं मैनेज: निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मी मुनेश का कहना है कि उन्हें महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा की जो अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है उसका वह बखूबी पालन करते हैं. बाइक पर पेट्रोलिंग करने और मनचलों को दबोचने के साथ ही घर परिवार की जिम्मेदारी को भी निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मी बखूबी निभाती है. ड्यूटी पर आने से पहले घर की तमाम जिम्मेदारियों को पूरा किया जाता है और ड्यूटी पर आने के बाद शहर की महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया जाता है.
सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग से हो रही आत्मनिर्भर: निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि शहर के अलग-अलग इलाकों में महिलाओं व बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसके काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. सेल्फ डिफेंस के पहले दिन महिलाओं व बालिकाओं के मुंह से आवाज तक नहीं निकलती है लेकिन आखिरी दिन उनका आत्म विश्वास देखने लायक होता है. सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग पाने वाली महिलाएं व बालिकाएं खुद डेमो करके दिखाती हैं. साथ ही अपनी सुरक्षा खुद के दम पर करने का एक आत्मविश्वास उनमें दिखाई देता है. सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग पाने वाली महिलाओं व बालिकाओं में कॉन्फिडेंस लेवल काफी बढ़ जाता है और वह आत्मनिर्भर बन जाती हैं. निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मी लाडा कुमारी ने बताया कि महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा के लिए काम करने में काफी खुशी महसूस होती है. उनका यही प्रयास रहता है कि वह महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण दे सकें.
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जिम्मेदार बने और किसी से भी न घबराए: निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मी सुमन कुमारी का कहना है कि महिलाओं व बालिकाओं को घर से बाहर निकलते वक्त बिलकुल भी नहीं घबराना चाहिए. साथ ही एक जिम्मेदार नागरिक होने की भूमिका निभाते हुए दूसरों की भी मदद करनी चाहिए. उन्हें कभी भी ऐसा महसूस नहीं करना चाहिए कि वह अकेली हैं, बल्कि उन्हें यह सोचना चाहिए कि वह काफी जिम्मेदार हैं और अपने साथ ही दूसरों की सुरक्षा भी बखूबी कर सकती हैं. साथ ही यदि कभी भी खुद को अकेला महसूस करें तो पुलिस कंट्रोल रूम 100 और महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 पर संपर्क करें.
निर्भया है स्मार्ट कॉप, स्मार्टनेस के साथ करती हैं काम: निर्भया स्क्वाड की नोडल अधिकारी एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया कि निर्भया एक स्मार्ट कॉप हैं जो महिलाओं व बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही उनकी समस्याओं का भी बखूबी समाधान करती हैं. निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मियों में जो जोश और जज्बा है, वह जनता के विश्वास के चलते काफी बुलंद है. निर्भया स्क्वाड की प्रत्येक महिला पुलिसकर्मी हर चीज में काफी दक्ष है और काफी मजबूत भी. आमजन के विश्वास के चलते ही निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मी काफी सशक्त है और शहर की अन्य महिलाओं को भी सशक्त बनाने में जुटी हुई हैं.
सुनीता मीणा ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना होगा और अपने अधिकारों के लिए सचेत होना होगा. कानून की तमाम जानकारी रखनी होगी और खुद की लड़ाई खुद ही लड़नी होगी. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को यह प्रण लेना होगा कि हमें जिंदगी अपने दम पर जीनी है. अपने जीवन को बेहतर बनाने के साथ ही अपने आसपास रहने वाली दूसरी महिलाओं के जीवन को किस तरह से बेहतर बनाया जाए इस पर भी विचार करना होगा. साथ ही सुनीता मीणा ने महिलाओं से कहा कि वह निडर रहे और निर्भय रहे क्योंकि निर्भया स्क्वाड हमेशा उनके साथ है.