जयपुर. राजस्थान में चल रही सियासी संग्राम के बीच अब राजभवन और सरकार आमने-सामने होती हुई दिखाई दे रही है. सोमवार को दूसरी बार भी राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से सरकार के विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को लौटा दिया है. जिसकी आशंका सरकार को पहले से थी और यही कारण था कि पूरे देश में कांग्रेस पार्टी की ओर से सोमवार को राजभवनों का घेराव किया गया.
हालांकि, यह मामला जिस राजस्थान से जुड़ा हुआ है वहां पर राजभवन के घेराव की जगह होटल फेयरमाउंट में ही मुख्यमंत्री समेत सभी विधायकों ने 'संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ' कार्यक्रम के तहत धरना दिया और प्रार्थना सभा की. इस दौरान यह तय किया गया कि राष्ट्रपति को इस मामले में ज्ञापन भेजा जाएगा. इस ज्ञापन को राजस्थान कांग्रेस प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने विधायकों को पढ़कर सुनाया जिसे विधायकों ने अपना अनुमोदन भी दिया.
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वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दौरान विधायकों को संबोधित करते हुए इस पूरे मामले को राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा के पूर्व सचिव पीडी आचार्य ने भी एक आर्टिकल लिखा है कि 70 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी गवर्नर ने विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को इस तरह से लौटाया है.
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विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर गहलोता का कहना है कि मैंने राज्यपाल के बर्ताव को लेकर पीएम मोदी से बात की थी और सात दिन पहले जो पत्र लिखा था उसके बारे में भी बताया था. मुख्यमंत्री ने विधायकों को संबोधित करने के दौरान चुटकी लेते हुए कहा कि आज एक बार फिर राजभवन की ओर से 6 पेज का प्रेम पत्र आया है, जिसका जवाब शाम तक दे दिया जाएगा.