जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर आयुष मंत्रालय से जुड़े चिकित्सा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर धरना दिया. भीलवाड़ा में केंद्र के आयुष मंत्रालय की ओर से संचालित एनपीसीडीसीएस प्रोजेक्ट में तैनात 161 चिकित्सा कर्मियों का कहना था कि यह प्रोजेक्ट इस माह के अंत में बंद किया जा रहा है जिसके बाद ये तमाम कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. ऐसे में प्रदेश भाजपा इकाई केंद्र सरकार को बोल कर उन्हें रोजगार दिलवाए.
दरअसल, देश भर के 3 स्थानों पर करीब 4 साल पहले यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. इनमें गुजरात, बिहार और राजस्थान के भीलवाड़ा में शुरू किया गया ये प्रोजेक्ट सफलता के पायदान पर भी चढ़ा और डब्ल्यूएचओ ने भी इसकी सराहना की. हाल ही में कोरोना संक्रमण के दौरान भीलवाड़ा में इन्हीं कर्मचारियों की मदद से कोरोना संक्रमण रोकथाम को लेकर विशेष कार्य भी हुआ. देश भर में भीलवाड़ा मॉडल की सराहना भी की गई, लेकिन अब प्रोजेक्ट बंद होने पर इन कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट उत्पन्न हो जाएगा.
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे डॉ. अजमल हुसैन ने बताया कि जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ तब केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि प्रोजेक्ट सफल होगा तो आप सबको इसी में परमानेंट नौकरी दे दी जाएगी, लेकिन प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अभी से बंद किया जा रहा है. वहीं अन्य प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस प्रोजेक्ट में जुड़े अधिकतर चिकित्सा कर्मियों की सरकारी नौकरी की उम्र भी निकल गई है. ऐसे में अब वह कहां रोजगार के लिए अप्लाई करें.
पढ़ें- राम मंदिर बनेगा तो देश से कोरोना भाग जाएगाः बीजेपी सांसद
भाजपा मुख्यालय में नहीं मिले सतीश पूनिया
भाजपा मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे इन चिकित्सा कर्मियों को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से मुलाकात के लिए काफी जतन करने पड़े. सुबह 11 बजे से धरने पर बैठे ये लोग लगातार नारेबाजी करते रहे, लेकिन पार्टी मुख्यालय में सतीश पूनिया नहीं थे, लिहाजा उन्हें निराशा ही हाथ लगी. हालांकि पूनिया के नाम उन्होंने ज्ञापन जरूर दिया और पार्टी में मौजूद कुछ पदाधिकारियों से चर्चा कर अपनी मांग भी रखी. ये प्रदर्शनकारी चाहते थे कि भाजपा की प्रदेश इकाई इस संबंध में केंद्र की मोदी सरकार के आयुष मंत्रालय में चर्चा कर इनके रोजगार पर आए संकट को दूर करने का काम करें.