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ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति के लिए हरसंभव प्रयास जारी - चिकित्सा मंत्री - Medical and Health Minister Dr. Raghu Sharma

राजस्थान में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रविवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बयान जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय ऑक्सीजन की मांग अधिक है लेकिन केंद्र की ओर से ऑक्सीजन का काफी कम आवंटन राज्य को किया जा रहा है लेकिन बावजूद इसके प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं की आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

oxygen and Ramdesivir,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा,  राजस्थान में कोरोना के मामले
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर को लेकर जारी किया बयान
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Published : Apr 25, 2021, 6:58 PM IST

जयपुर. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में इस समय ऑक्सीजन की मांग अधिक है लेकिन केंद्र की ओर से ऑक्सीजन का काफी कम आवंटन राज्य को किया जा रहा है लेकिन बावजूद इसके प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं की आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर को लेकर जारी किया बयान

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 24 अप्रैल तक 81 लाख 97 हजार 849 सैम्पल लिए जा चुके हैं. इनमें से 4 लाख 95 हजार 628 पॉजिटिव पाए गए हैं. अब तक इनमें से 3 लाख 67 हजार 485 रिकवर हो चुके हैं और कुल 1 लाख 27 हजार 616 एक्टिव केसेज हैं. अब तक कोरोना के कारण प्रदेश में कुल 3 हजार 527 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है. वर्तमान में पॉजिटिविटी प्रतिशत 6.08 प्रतिशत, रिकवरी दर 73.69 प्रतिशत, मृत्यु दर 0.70 प्रतिशत है.

डॉ. शर्मा ने बताया कि वर्तमान में कोरोना जांच क्षमता 86 हजार जांच प्रतिदिन हो चुकी है और प्रतिदिन लगभग 80 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं. सभी जांच आरटीपीसीआर से ही की जा रही है और सभी जिलों में ये जांच सुविधा उपलब्ध है. प्रदेश में 38 सरकारी और 29 निजी सहित कुल 67 जांच प्रयोगशालाएं क्रियाशील है. निजी चिकित्सालयों और निजी लैब में आरटीपीसीआर की अधिकतम दर 350 रुपए निर्धारित की गई है, जो देश में न्यूनतम है. जांच क्षमता को एक लाख किया जा रहा है.

14 हजार 389 ऑक्सीजन सर्पोटेड और 4 हजार 477 आईसीयू बैड्स उपलब्ध

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के सुद्ढीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है. गत एक वर्ष के दौरान 7 हजार 500 ऑक्सीजन सर्पोटेड बैड्स और 1750 आईसीयू बैड्स की वृद्धि की गई है. वर्तमान में प्रदेश में 14 हजार 389 ऑक्सीजन सर्पोटेड बैड्स और 4 हजार 477 आईसीयू बैड्स उपलब्ध है. पिछले एक वर्ष के दौरान ही 43 चिकित्सालयों में 125 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना की गई.

1 लाख 75 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन के क्रय आदेश

डॉ. शर्मा ने बताया कि आरएमएससीएल की ओर से अप्रैल माह में विभिन्न दवा निर्मिताओं को 1 लाख 75 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन के क्रय आदेश दिए गए और इनमें स अब तक 28 हजार 350 इंजेक्शन की ही आपूर्ति हुई है. केन्द्र सरकार की ओर से 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक की अवधि के लिए 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया गया और राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरुप अब 67 हजार इंजेक्शन का केन्द्र की ओर से आवंटन हुआ है. रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन बढ़ाने का अुनरोध किया गया है.

पढ़ें- दीगोद SDM की अपील कर गई काम, 27 ऑक्सीजन सिलेंडर लोगों ने एकत्रित कर सौंपा

140 मीट्रिक टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन का आवंटन

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है. केन्द्र की ओर से राज्य को 140 मीट्रिक टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन का आवंटन किया गया. प्रदेश में इस समय लिक्विड ऑक्सीजन परिवहन के लिए 4 से 6 मीट्रिक टन भराव क्षमता के 23 टैंकर उपलब्ध है. आवश्यकता को द्ष्टिगत रखते हुए 30 मीट्रिक टन की भराव क्षमता वाले 6 टैंकरों की अतिरिक्त आवश्यकता है. जिसकी व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे है.

जयपुर. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में इस समय ऑक्सीजन की मांग अधिक है लेकिन केंद्र की ओर से ऑक्सीजन का काफी कम आवंटन राज्य को किया जा रहा है लेकिन बावजूद इसके प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं की आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर को लेकर जारी किया बयान

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 24 अप्रैल तक 81 लाख 97 हजार 849 सैम्पल लिए जा चुके हैं. इनमें से 4 लाख 95 हजार 628 पॉजिटिव पाए गए हैं. अब तक इनमें से 3 लाख 67 हजार 485 रिकवर हो चुके हैं और कुल 1 लाख 27 हजार 616 एक्टिव केसेज हैं. अब तक कोरोना के कारण प्रदेश में कुल 3 हजार 527 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है. वर्तमान में पॉजिटिविटी प्रतिशत 6.08 प्रतिशत, रिकवरी दर 73.69 प्रतिशत, मृत्यु दर 0.70 प्रतिशत है.

डॉ. शर्मा ने बताया कि वर्तमान में कोरोना जांच क्षमता 86 हजार जांच प्रतिदिन हो चुकी है और प्रतिदिन लगभग 80 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं. सभी जांच आरटीपीसीआर से ही की जा रही है और सभी जिलों में ये जांच सुविधा उपलब्ध है. प्रदेश में 38 सरकारी और 29 निजी सहित कुल 67 जांच प्रयोगशालाएं क्रियाशील है. निजी चिकित्सालयों और निजी लैब में आरटीपीसीआर की अधिकतम दर 350 रुपए निर्धारित की गई है, जो देश में न्यूनतम है. जांच क्षमता को एक लाख किया जा रहा है.

14 हजार 389 ऑक्सीजन सर्पोटेड और 4 हजार 477 आईसीयू बैड्स उपलब्ध

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के सुद्ढीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है. गत एक वर्ष के दौरान 7 हजार 500 ऑक्सीजन सर्पोटेड बैड्स और 1750 आईसीयू बैड्स की वृद्धि की गई है. वर्तमान में प्रदेश में 14 हजार 389 ऑक्सीजन सर्पोटेड बैड्स और 4 हजार 477 आईसीयू बैड्स उपलब्ध है. पिछले एक वर्ष के दौरान ही 43 चिकित्सालयों में 125 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना की गई.

1 लाख 75 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन के क्रय आदेश

डॉ. शर्मा ने बताया कि आरएमएससीएल की ओर से अप्रैल माह में विभिन्न दवा निर्मिताओं को 1 लाख 75 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन के क्रय आदेश दिए गए और इनमें स अब तक 28 हजार 350 इंजेक्शन की ही आपूर्ति हुई है. केन्द्र सरकार की ओर से 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक की अवधि के लिए 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया गया और राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरुप अब 67 हजार इंजेक्शन का केन्द्र की ओर से आवंटन हुआ है. रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन बढ़ाने का अुनरोध किया गया है.

पढ़ें- दीगोद SDM की अपील कर गई काम, 27 ऑक्सीजन सिलेंडर लोगों ने एकत्रित कर सौंपा

140 मीट्रिक टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन का आवंटन

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है. केन्द्र की ओर से राज्य को 140 मीट्रिक टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन का आवंटन किया गया. प्रदेश में इस समय लिक्विड ऑक्सीजन परिवहन के लिए 4 से 6 मीट्रिक टन भराव क्षमता के 23 टैंकर उपलब्ध है. आवश्यकता को द्ष्टिगत रखते हुए 30 मीट्रिक टन की भराव क्षमता वाले 6 टैंकरों की अतिरिक्त आवश्यकता है. जिसकी व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे है.

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