जयपुर. राज्य में खनिज संपदा के खोज कार्य में मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) राज्य के खनिज विभाग से समन्वय बनाते हुए भागीदारी निभाएगा. माइंस व पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने सचिवालय में एमईसीएल के सीएमडी रंजीत रथ के साथ प्रदेश में खनिज संपदा के आधुनिक तकनीक से खोज कार्य पर विस्तार से चर्चा की.
प्रमुख सचिव माइंस अजिताभ शर्मा ने बयान जारी कर बताया कि राजस्थान देश के समृद्ध खनिज संपदा वाले प्रदेशों में से एक है. राष्ट्रीय खनिज खोज न्यास की ओर से खोज कार्य के लिए राज्यों को सहयोग दिया जाता है. एनएमईटी की और से मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन लिमिटेड अधिकृत संस्था होने से प्रदेश के खनिज खोज कार्य में इसके सहयोग से खनिज की खोज और ब्लाॅक विकसित करने में सहायता मिलेगी. उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक से खोज से क्षेत्र विशेष में खनिज संपदा की उपलब्धता और उसकी संभावित क्वांटिटी का पता चल सकेगा. इससे प्रदेश के खनिज ब्लाॅक विकसित कर और उनका ऑक्शन कर अधिक राजस्व प्राप्त किया जा सकेगा.
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अजिताभ शर्मा ने बताया कि एमईसीएल की ओर से प्रदेश में 15 परियोजनाओं में खोज कार्य किया जा चुका है. उन्होंने एमईसीएल को विश्वास दिलाया कि खनिज खोज कार्य में राज्य के खनिज विभाग को ओर से आवश्यक सहयोग व समन्वय बनाए रखा जाएगा. मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन लि. के सीएमडी रंजीत रथ ने बताया कि केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय खनिज खोज न्यास की सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम एमईसीएल को राज्यों में खनिज संपदा का खोज कार्य के लिए नोटिफाइड एक्सप्लोरेशन एजेंसी है. उन्होंने बताया कि अन्य खनिजों के साथ ही राजस्थान के खेतडी-झुन्झुनू बेल्ट में तांबा और अजमेर, नागौर, पाली बेल्ट में टंगस्टन के और अधिक भंडार मिलने की संभावना है. बताया कि एमईसीएल राजस्थान में खनिज खोज में आगे आकर सहयोग प्रदान करेगा. चर्चा के दौरान खनिज विभाग के अतिरिक्त निदेशक प्रदीप अग्रवाल भी उपस्थित रहे.