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महापौर ने दी सफाई, कहा- निगम में मुआवजा देने का प्रावधान नहीं, मानवता के नाते की मदद

बालक की करंट से मौत के मामले में पीड़ितों को चेक देने पर उपजे विवाद पर महापौर ने सफाई देते हुए कहा कि निगम में मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है. फिर भी मानवता के नाते आर्थिक मदद की गई थी जिसका राजनीतिकरण किया जा रहा है.

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महापौर ने दी बधाई
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Published : Jul 28, 2021, 8:08 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 10:15 PM IST

जयपुर. मानसरोवर पार्क में करंट लगने से बच्चे की मौत के बाद पीड़ित परिजनों को ठेका फर्म का चेक देने के मामले में महापौर ने सफाई दी है. महापौर ने कहा कि निगम में मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है. मानवता के नाते से आर्थिक मदद की गई है लेकिन मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है. महापौर का कहना है कि ठेका फर्म को पहले ही ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है.

ग्रेटर नगर निगम महापौर शील धाभाई ने बुधवार को ठेका फर्म के चेक देने के मामले के तूल पकड़ने के बाद सफाई दी कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. ऐसे में मानवता के नाते एक छोटी भेंट 2 लाख का चेक देने गए थे लेकिन इस मामले का राजनीतिकरण किया गया जो कि मानवता के लिए बड़ा धक्का है.

उन्होंने कहा कि जब बच्चे की मौत हुई थी तो राजनीति करने के लिए बहुत लोग पहुंचे थे, लेकिन अंतिम संस्कार के वक्त मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. मृत बच्चे की माता की नौकरी की व्यवस्था की, निगम से डेयरी आवंटित कराने और पालनहार योजना के तहत मदद करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन राजनीति में पड़कर पीड़ित परिजनों ने चेक भी लौटा दिया. अब इसे मुद्दा बनाकर सियासत करने वालों को उनकी मदद करनी चाहिए.

पढ़ें- जिस फर्म को करना था Black List, उसी का चेक मृतक के परिजनों को देने पहुंचीं महापौर शील धाभाई और विधायक अशोक लोहाटी

महापौर ने स्पष्ट किया कि संबंधित ठेका फर्म पर भी कार्रवाई की गई है. सहायता राशि उपलब्ध कराना, अधिकारियों पर कार्रवाई करना और ठेका फर्म पर कार्रवाई करना यह अलग-अलग विषय हैं. ठेका फर्म को ब्लैक लिस्ट किया गया है. इस कार्रवाई और सहायता राशि का आपस में कोई संबंध नहीं है. जो इसपर सियासत कर रहे हैं वे पीड़ितों का भला नहीं चाहते हैं.

बीते दिनों राजधानी में मानसरोवर स्थित पार्क में खेलते समय करंट लगने से मासूम की मौत हो गई थी. मंगलवार को महापौर और सांगानेर विधायक 2 लाख का चेक लेकर पीड़ित परिवार को देने पहुंचे, लेकिन ये चेक ठेका फर्म आरसी एंटरप्राइजेज के खाते से दिया गया. ऐसे में पीड़ित परिजनों ने बीजेपी नेताओं पर ठेका फर्म से रिश्वत लेकर मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए चेक भी लौटाया.

पढ़ें- File Tracking System: अपनी फाइलों की ट्रैकिंग के लिए आमजन को अब नहीं घिसनी पड़ेगी चप्पल

ग्रेटर नगर निगम की कार्यवाहक मेयर शील धाभाई की ओर से वकीलों के खिलाफ बयानबाजी को लेकर अधिवक्ता समुदाय खफा है. अधिवक्ताओं ने मांग की है कि मेयर वकीलों से माफी मांगें. वकीलों की ओर से शील धाभाई को नोटिस देकर भी चेतावनी दी गई है. डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा, दी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल चौधरी, फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस शेखावत और सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेन्द्र जैन का कहना है कि शील धाभाई की ओर से वकीलों पर पैसा खाने जैसा शर्मनाक आरोप लगाया गया है.

जबकि वकीलों को कोर्ट ऑफिसर माना गया है. ऐसे में उन्हें अपने बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए. गौरतलब है कि मानसरोवर स्थित पार्क में करंट से 11 साल के बच्चे की मौत के मामले में शील धाभाई ने मृतक के परिजनों से मिलकर कोर्ट में केस नहीं करने की सलाह देते हुए वकीलों पर पैसा खाने का आरोप लगाया था.

जयपुर. मानसरोवर पार्क में करंट लगने से बच्चे की मौत के बाद पीड़ित परिजनों को ठेका फर्म का चेक देने के मामले में महापौर ने सफाई दी है. महापौर ने कहा कि निगम में मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है. मानवता के नाते से आर्थिक मदद की गई है लेकिन मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है. महापौर का कहना है कि ठेका फर्म को पहले ही ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है.

ग्रेटर नगर निगम महापौर शील धाभाई ने बुधवार को ठेका फर्म के चेक देने के मामले के तूल पकड़ने के बाद सफाई दी कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. ऐसे में मानवता के नाते एक छोटी भेंट 2 लाख का चेक देने गए थे लेकिन इस मामले का राजनीतिकरण किया गया जो कि मानवता के लिए बड़ा धक्का है.

उन्होंने कहा कि जब बच्चे की मौत हुई थी तो राजनीति करने के लिए बहुत लोग पहुंचे थे, लेकिन अंतिम संस्कार के वक्त मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. मृत बच्चे की माता की नौकरी की व्यवस्था की, निगम से डेयरी आवंटित कराने और पालनहार योजना के तहत मदद करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन राजनीति में पड़कर पीड़ित परिजनों ने चेक भी लौटा दिया. अब इसे मुद्दा बनाकर सियासत करने वालों को उनकी मदद करनी चाहिए.

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महापौर ने स्पष्ट किया कि संबंधित ठेका फर्म पर भी कार्रवाई की गई है. सहायता राशि उपलब्ध कराना, अधिकारियों पर कार्रवाई करना और ठेका फर्म पर कार्रवाई करना यह अलग-अलग विषय हैं. ठेका फर्म को ब्लैक लिस्ट किया गया है. इस कार्रवाई और सहायता राशि का आपस में कोई संबंध नहीं है. जो इसपर सियासत कर रहे हैं वे पीड़ितों का भला नहीं चाहते हैं.

बीते दिनों राजधानी में मानसरोवर स्थित पार्क में खेलते समय करंट लगने से मासूम की मौत हो गई थी. मंगलवार को महापौर और सांगानेर विधायक 2 लाख का चेक लेकर पीड़ित परिवार को देने पहुंचे, लेकिन ये चेक ठेका फर्म आरसी एंटरप्राइजेज के खाते से दिया गया. ऐसे में पीड़ित परिजनों ने बीजेपी नेताओं पर ठेका फर्म से रिश्वत लेकर मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए चेक भी लौटाया.

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ग्रेटर नगर निगम की कार्यवाहक मेयर शील धाभाई की ओर से वकीलों के खिलाफ बयानबाजी को लेकर अधिवक्ता समुदाय खफा है. अधिवक्ताओं ने मांग की है कि मेयर वकीलों से माफी मांगें. वकीलों की ओर से शील धाभाई को नोटिस देकर भी चेतावनी दी गई है. डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा, दी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल चौधरी, फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस शेखावत और सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेन्द्र जैन का कहना है कि शील धाभाई की ओर से वकीलों पर पैसा खाने जैसा शर्मनाक आरोप लगाया गया है.

जबकि वकीलों को कोर्ट ऑफिसर माना गया है. ऐसे में उन्हें अपने बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए. गौरतलब है कि मानसरोवर स्थित पार्क में करंट से 11 साल के बच्चे की मौत के मामले में शील धाभाई ने मृतक के परिजनों से मिलकर कोर्ट में केस नहीं करने की सलाह देते हुए वकीलों पर पैसा खाने का आरोप लगाया था.

Last Updated : Jul 28, 2021, 10:15 PM IST
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