जयपुर. राजस्थान में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून भले ही बन गया हो. लेकिन जो राजस्थान के अलवर में जो पहलू खान की मौत मॉब लिंचिंग मानी गयी थी. उसमें आरोपियों के बरी होने के बाद अब प्रदेश में एक बार फिर राजनीति तेज हो गयी है. इस मामले में पहले प्रियंका गांधी और फिर मायावती के टवीट के बाद राजस्थान में राजनीति फिर तेज हो गयी है.
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इस पर जबाव देते हुए कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने बताया कि इस मामले की जांच भाजपा के समय में हुई और चालान भी भाजपा के राज में ही पेश हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में भाजपा के मंत्रियों ने खास तौर पर खुद गृहमंत्री ने दबाव बनाते हुए बार-बार जांच बदलवाई. जिसका परिणाम है कि निचले कोर्ट गलत तथ्यों के आधार पर कि गयी जांच के आधार पर आरोपी बरी हुई.
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राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान माब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपी वहाँ की निचली अदालत से बरी हो गए, यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहाँ की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं।
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यहीं नहीं विधायक रामनारायण मीणा ने कहा कि भाजपा के गृहमंत्री की शह के चलते तफ्तीश हुई जो दुर्भाग्यपूर्ण है और इसी कारण प्रियंका गांधी ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. वहीं रामनारायण मीणा ने इस जांच में शामिल अधिकारियों के साथ ही भाजपा के राज में जांच बदलवाने वालों के खिलाफ भी जांच करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार उस समय गलत जांच करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाही करेंगी.
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वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती के ट्वीट पर विधायक मीणा ने कहा कि इस तरह से राजनीती की निचली भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जबकि मामला हुआ भी भाजपा के समय और उसमें चालान भी भाजपा के समय हुआ. ऐसे में कांग्रेस सरकार का कोई दोष नहीं है. कांग्रेस सरकार इस पर दोबारा जांच कर रही है. वहीं मायावती के टवीट के जरिए राजस्थान सरकार को कठघरे में खड़े करने को लेकर उन्होंने कहा कि मायावती को ध्यान होना चाहिए कि कौनसी सरकार के समय में ये चालान पेश हुआ था. मायावती को राजनीतिक भाषा इतना नीचे नहीं आना चाहिए.