ETV Bharat / city

रिंग रोड में जमीन डीएक्वायर करने का मामला यूडीएच को भेजा, मुआवजे के लंबित प्रकरणों को निपटाने के लिए 8 करोड़ स्वीकृत - Ring road case sent to UDH

जयपुर में रिंग रोड बनाने के लिए अधिग्रहीत की गई जमीनों का मुआवजा किसानों को अभी तक नहीं मिल पाया है. डीसी गौरव गोयल ने कहा कि कानड़वास में जमीन को डीएक्वायर करने का प्रकरण है. उसमें यूडीएच स्तर पर समाधान होना है जिसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवा दिया गया है. प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही उसका निस्तारण हो.

काश्तकार की जमीन डीएक्वायर मामला, Northern Ringroad Corridor,  Tenant's land deAquire case
रिंग रोड काश्तकारों को मुआवजा
author img

By

Published : Apr 5, 2021, 12:13 AM IST

जयपुर. राजधानी के लिए रिंग रोड भले ही बड़ी सौगात हो, लेकिन इस रोड के लिए कई किसानों की जमीन जेडीए ने अवाप्ति की थी. उनमें कुछ मामले ऐसे भी हैं जिसमें जेडीए ने जरूरत से ज्यादा जमीन अवाप्ति कर ली. वे किसान आज भी सचिवालय और जेडीए के चक्कर काटने को मजबूर हैं. जिसका निस्तारण करने के लिए यूडीएच विभाग को प्रकरण भेजा गया है. वहीं कुछ प्रकरण में कानूनी अड़चनों की वजह से अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है जिसके लिए करीब 8 करोड़ की राशि स्वीकृत भी कर दी गई है.

रिंग रोड काश्तकारों को मुआवजा

बीते 12 साल से रिंग रोड प्रोजेक्ट के प्रभावित कई काश्तकारों को उनका मुआवजा नहीं मिल पाया है. वहीं बस्सी तहसील में बूरथल पंचायत के कानड़वास गांव में रहने वाले रामनारायण के परिवार की 18 बीघा 14 बिस्वा जमीन जेडीए ने 2008 में रिंग रोड के लिए अवाप्त की थी। जबकि रिंग रोड परियोजना में इस खसरा की मात्र 4 बिस्वा जमीन ही आई. ऐसे में 18 बीघा 10 बिस्वा जमीन अवाप्ति से मुक्त कराने के लिए रामनारायण का परिवार सालों से जेडीए और सचिवालय के चक्कर काट रहा है.

पढ़ें: सांवलिया जी के भंडार से सवा 8 करोड़ रुपए निकले, गत अवधि से 3 करोड़ रुपए अधिक

इस पर जेडीसी गौरव गोयल ने कहा कि कानड़वास में जमीन को डीएक्वायर करने का एक प्रकरण है. उसमें यूडीएच स्तर पर समाधान होना है जिसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवा दिया गया है. प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही उसका निस्तारण हो.

वहीं जेडीसी ने बताया कि अधिकतर प्रकरणों में काश्तकारों को राशि मुआवजा या फिर मिक्स लैंड दी जा चुकी है. कुछ एक प्रकरण अभी पेंडिंग है. किसी में कानूनी अड़चन है, या काश्तकारों का मुआवजे को लेकर विवाद था जिसकी वजह से कितना मुआवजा दिया जाना है ये निर्धारित नहीं हो पा रहा. ऐसे प्रकरणों के निस्तारण के लिए सर्वे वर्क शुरू कर दिया गया है. जहां जमीन के एवज में जमीन दी जानी है उसके लिए 7 से 8 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है, ताकि वो प्लॉट बनकर तैयार हों और किसानों को तुरंत मुआवजा दिया जा सके.

वहीं सरकार दूसरे फेज में उत्तरी रिंग रोड बनाने की तैयारी में जुट गई है. जेडीसी ने बताया कि उत्तरी कॉरिडोर में इंजीनियरिंग, रेवेन्यू और टाउन प्लानिंग के नजरिए से डीपीआर तैयार करने के लिए मौके का डिटेल सर्वे करने के लिए जल्द कंसलटेंट को अप्वॉइंट किया जाएगा. इसकी कार्यवाही अप्रैल महीने में ही शुरू कर दी जाएगी.

जयपुर. राजधानी के लिए रिंग रोड भले ही बड़ी सौगात हो, लेकिन इस रोड के लिए कई किसानों की जमीन जेडीए ने अवाप्ति की थी. उनमें कुछ मामले ऐसे भी हैं जिसमें जेडीए ने जरूरत से ज्यादा जमीन अवाप्ति कर ली. वे किसान आज भी सचिवालय और जेडीए के चक्कर काटने को मजबूर हैं. जिसका निस्तारण करने के लिए यूडीएच विभाग को प्रकरण भेजा गया है. वहीं कुछ प्रकरण में कानूनी अड़चनों की वजह से अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है जिसके लिए करीब 8 करोड़ की राशि स्वीकृत भी कर दी गई है.

रिंग रोड काश्तकारों को मुआवजा

बीते 12 साल से रिंग रोड प्रोजेक्ट के प्रभावित कई काश्तकारों को उनका मुआवजा नहीं मिल पाया है. वहीं बस्सी तहसील में बूरथल पंचायत के कानड़वास गांव में रहने वाले रामनारायण के परिवार की 18 बीघा 14 बिस्वा जमीन जेडीए ने 2008 में रिंग रोड के लिए अवाप्त की थी। जबकि रिंग रोड परियोजना में इस खसरा की मात्र 4 बिस्वा जमीन ही आई. ऐसे में 18 बीघा 10 बिस्वा जमीन अवाप्ति से मुक्त कराने के लिए रामनारायण का परिवार सालों से जेडीए और सचिवालय के चक्कर काट रहा है.

पढ़ें: सांवलिया जी के भंडार से सवा 8 करोड़ रुपए निकले, गत अवधि से 3 करोड़ रुपए अधिक

इस पर जेडीसी गौरव गोयल ने कहा कि कानड़वास में जमीन को डीएक्वायर करने का एक प्रकरण है. उसमें यूडीएच स्तर पर समाधान होना है जिसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवा दिया गया है. प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही उसका निस्तारण हो.

वहीं जेडीसी ने बताया कि अधिकतर प्रकरणों में काश्तकारों को राशि मुआवजा या फिर मिक्स लैंड दी जा चुकी है. कुछ एक प्रकरण अभी पेंडिंग है. किसी में कानूनी अड़चन है, या काश्तकारों का मुआवजे को लेकर विवाद था जिसकी वजह से कितना मुआवजा दिया जाना है ये निर्धारित नहीं हो पा रहा. ऐसे प्रकरणों के निस्तारण के लिए सर्वे वर्क शुरू कर दिया गया है. जहां जमीन के एवज में जमीन दी जानी है उसके लिए 7 से 8 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है, ताकि वो प्लॉट बनकर तैयार हों और किसानों को तुरंत मुआवजा दिया जा सके.

वहीं सरकार दूसरे फेज में उत्तरी रिंग रोड बनाने की तैयारी में जुट गई है. जेडीसी ने बताया कि उत्तरी कॉरिडोर में इंजीनियरिंग, रेवेन्यू और टाउन प्लानिंग के नजरिए से डीपीआर तैयार करने के लिए मौके का डिटेल सर्वे करने के लिए जल्द कंसलटेंट को अप्वॉइंट किया जाएगा. इसकी कार्यवाही अप्रैल महीने में ही शुरू कर दी जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.