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नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में राजभवन तक निकाला मार्च

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Published : Jan 24, 2020, 9:26 PM IST

नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को जयपुर में भी राजभवन तक विरोध मार्च निकाला गया. जन आंदोलन समिति के बैनर तले शहर के शहीद स्मारक से निकाले गए इस मार्च में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.

protest against CAA, जयपुर न्यूज
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में निकाला मार्च

जयपुर. सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर राजधानी जयपुर में तीसरा बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ. 22 दिसंबर और 9 जनवरी के बाद शुक्रवार को एक बार फिर शहीद स्मारक से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला गया. जिसमें हजारों की तादाद में तख्तियां बैनर लेकर लोग सड़कों पर उतरे और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में निकाला मार्च

वामपंथी दलों की अगुवाई में हुए इस विरोध प्रदर्शन में आंदोलनकारियों ने बताया कि सीएए में मुस्लिम शरणार्थियों को नहीं जोड़ना भेदभाव पूर्ण फैसला है. उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेने की मांग की है. जन आंदोलन समिति के सवाई सिंह भाटी ने बताया कि केंद्र सरकार देश के लोगों में बंटवारा कर नफरत फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने इस कानून को संविधान पर हमला बताया, साथ ही राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की बात कही.

वहीं मोहम्मद नाजिमुद्दीन ने बताया कि भले ही संसद में ये कानून पास हो गया हो, लेकिन हर राज्य में इसका विरोध हो रहा है. जिसके आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ेगा. केंद्र सरकार नागरिकता देने में धर्म को आड़े ला रही है, जो सिरे से गलत है. वहीं मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि जो कानून केंद्र सरकार लाई है, वो संविधान के आर्टिकल 14, 15 और 19 के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि देश में राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है, लोकतंत्र में इस तरह के कानून बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

पढ़ें- Exclusive: पाक मूल की 'भारतीय' सरपंच नीता कंवर बोलीं- CAA कई बेटियों के लिए है जरूरी

इस दौरान आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. जन आंदोलन में जुड़ने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी जयपुर पहुंचे थे. हालांकि वो इस मार्च में शामिल नहीं हुए. वहीं इस विरोध मार्च के दौरान मरीजों को ले जाती हुई दो एंबुलेंस जाम में फंसी रही, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद निकाला गया.

जयपुर. सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर राजधानी जयपुर में तीसरा बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ. 22 दिसंबर और 9 जनवरी के बाद शुक्रवार को एक बार फिर शहीद स्मारक से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला गया. जिसमें हजारों की तादाद में तख्तियां बैनर लेकर लोग सड़कों पर उतरे और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में निकाला मार्च

वामपंथी दलों की अगुवाई में हुए इस विरोध प्रदर्शन में आंदोलनकारियों ने बताया कि सीएए में मुस्लिम शरणार्थियों को नहीं जोड़ना भेदभाव पूर्ण फैसला है. उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेने की मांग की है. जन आंदोलन समिति के सवाई सिंह भाटी ने बताया कि केंद्र सरकार देश के लोगों में बंटवारा कर नफरत फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने इस कानून को संविधान पर हमला बताया, साथ ही राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की बात कही.

वहीं मोहम्मद नाजिमुद्दीन ने बताया कि भले ही संसद में ये कानून पास हो गया हो, लेकिन हर राज्य में इसका विरोध हो रहा है. जिसके आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ेगा. केंद्र सरकार नागरिकता देने में धर्म को आड़े ला रही है, जो सिरे से गलत है. वहीं मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि जो कानून केंद्र सरकार लाई है, वो संविधान के आर्टिकल 14, 15 और 19 के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि देश में राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है, लोकतंत्र में इस तरह के कानून बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

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इस दौरान आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. जन आंदोलन में जुड़ने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी जयपुर पहुंचे थे. हालांकि वो इस मार्च में शामिल नहीं हुए. वहीं इस विरोध मार्च के दौरान मरीजों को ले जाती हुई दो एंबुलेंस जाम में फंसी रही, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद निकाला गया.

Intro:जयपुर - नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जयपुर में भी राजभवन तक विरोध मार्च निकाला गया। जन आंदोलन समिति के बैनर तले शहर के शहीद स्मारक से निकाले गए इस मार्च में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। सीपीआईएम और अन्य वामपंथी संगठनों की अगुवाई में निकाले गये इस विरोध मार्च को पुलिस जाब्ते ने सिविल लाइन फाटक पर ही रोक दिया।


Body:सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर राजधानी जयपुर में तीसरा बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। 22 दिसंबर और 9 जनवरी के बाद आज एक बार फिर शहीद स्मारक से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला गया। जिसमें हजारों की तादाद में तख्तियां बैनर लेकर लोग सड़कों पर उतरे। और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वामपंथी दलों की अगुवाई में हुए इस विरोध प्रदर्शन में आंदोलनकारियों ने बताया कि सीएए में मुस्लिम शरणार्थियों को नहीं जोड़ना भेदभाव पूर्ण फैसला है। उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेने की मांग की। जन आंदोलन समिति के सवाई सिंह भाटी ने बताया कि केंद्र सरकार देश के लोगों में बंटवारा कर नफरत फैलाने का काम कर रही है। उन्होंने इस कानून को संविधान पर हमला बताया, साथ ही राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की बात कही। वहीं मोहम्मद नाजिमुद्दीन ने बताया कि कि भले ही संसद में ये कानून पास हो गया हो लेकिन हर राज्य में इसका विरोध हो रहे है। जिसके आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ेगा। केंद्र सरकार नागरिकता देने में धर्म को आड़े ला रही है, जो सिरे से गलत है। वहीं मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि जो कानून केंद्र सरकार लाई है, वो संविधान के आर्टिकल 14, 15 और 19 के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि देश में राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है, और लोकतंत्र में इस तरह के कानून बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।


Conclusion:इस दौरान आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। जन आंदोलन में जुड़ने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी जयपुर पहुंचे थे। हालांकि वो इस मार्च में शामिल नहीं हुए। वहीं इस विरोध मार्च के दौरान मरीजों को ले जाती हुई दो एंबुलेंस जाम में फंसी रही, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद निकाला गया।
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