ETV Bharat / city

सरकारी आवासों से बेदखल होंगे कई कर्मचारी..देनी होगी पैनल्टी भी, जानिए क्यों...

सरकारी आवास आंवटित करवा कर किराए पर देने वाले कर्मचारियों पर अब सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. यही वजह है कि अब इस तरह के आवासों की जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कमेटी बना दी है. अब यह कमेटी इन आवासों को खाली कराएगी जो सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

gehlot government
gehlot government
author img

By

Published : Nov 11, 2021, 11:15 AM IST

जयपुर. सरकारी आवास आंवटित करवा कर किराए पर देने वाले कर्मचारियों पर अब सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. सरकार ने ऐसे 6 से ज्यादा कर्मचारियों का पहचान कर लिया है, जिन्होंने आवास अपने नाम आवंटित करवाकर किराए पर दिया हुआ है. अब इन्हें इन आवासों से बेदखल तो होना ही पड़ेगा साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा.

पढ़ें- Rajasthan: Pilot के उठाये मुद्दों को सुलझाने वाली कमेटी की फिर Gehlot से चर्चा, इन मुद्दों पर फंसा है पेंच

सरकारी आवासों की जांच के लिए बनी कमेटी ने जयपुर के गांधीनगर में सरकारी आवास में किराए पर रहने वाले लोगों को चयनित कर लिया है. कमेटी की मानें तो करीब 6 सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने यह आवास अपने नाम पर आवंटित करा लिया है और इन्हें किराए पर दे रखा है. यह नियमों की पूरी तरीके से अवहेलना है. अब ये कमेटी इन आवासों को खाली कराएगी जो सरकार को चूना लगा रहे थे.

क्या करते हैं कर्मचारी

दरअसल, सरकारी कर्मचारी अपने नाम पर सरकारी आवास आवंटित करवा लेते हैं और वे खुद अपने निजी मकान में रहते हैं. आवंटित कराए गए सरकारी आवास को किराए पर दे देते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त पैसे का लाभ मिलता है. सरकारी आवास कर्मचारियों को न्यूनतम दर पर उपलब्ध होता है, जिसका फायदा कर्मचारी किराएदार रख उठाता है.

खाली ही नहीं जुर्माना भी देना होगा

कमेटी ने करीब आधा दर्जन उन कर्मचारियों को चिन्हित कर लिया है जिन्होंने सरकारी आवासों में किराएदारों को दे रखे हैं. अब कमेटी इन कर्मचारियों को इन सरकारी आवासों से बेदखल तो करेगी ही साथ ही इनसे जुर्माना राशि भी वसूल की जाएगी. हालांकि जुर्माना राशि कितनी होगी और किस तरह से ली जाएगी इसको लेकर कमेटी जल्द ही निर्णय लेगी.

महीने में एक बार करेगी औचक निरीक्षण

सरकारी आवासों में बाहरी लोगों को रखने को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने इस कमेटी का गठन किया था. यह कमेटी अब हर महीने औचक निरीक्षण भी करेगी, जिससे यह पता लग सके कि सरकारी आवासों में कोई बाहरी व्यक्ति तो नहीं रह रहा.

डेढ़ दर्जन से ज्यादा सरकारी आवासों में किराएदार

सरकारी आवास किराएदारों को देने को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद कमेटी ने निरीक्षण किया तो सामने आया कि 18 से ज्यादा सरकारी आवासों में कर्मचारियों ने किरायेदारों को रख रखा था. इस पर कमेटी ने इन सभी कार्मिकों को नोटिस देकर व्यक्तिगत तलब किया था और उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. कमेटी को मिले स्पष्टीकरण में आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों ने इस बात को स्वीकार कर लिया कि उन्होंने सरकारी आवास अपने नाम आवंटित करा कर उसे किराए पर दे रखा था. शेष कार्मिकों ने अभी अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया है.

पढ़ें- Exclusive : मेयर निलंबन, वादों की फेहरिस्त और विरोधी स्वरों के बीच विकास कार्य करने की कोशिश में बीता एक साल

HRA लेने पर भी हुई यही सख्ती

पिछले दिनों सामने आया था कि कुछ सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें राजकीय आवास आवंटित है, लेकिन फिर भी वे HRA यानि मकान किराया भत्ता ले रहे हैं. वित्त विभाग ने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. वित्त विभाग ने ऐसे प्रकरणों में नियम अनुसार राजकीय आवास आवंटित होने पर भी मकान किराया भत्ता लिया गया है या लिया जा रहा है तो कार्यालय अध्यक्ष को खुद के स्तर पर जांच करने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही ऐसे लिए गए मकान किराया भत्ता की राशि पर सामान्य प्रावधायी निधि पर प्रभावी ब्याज दर के अनुरूप ब्याज की वसूली करना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए थे.

जयपुर. सरकारी आवास आंवटित करवा कर किराए पर देने वाले कर्मचारियों पर अब सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. सरकार ने ऐसे 6 से ज्यादा कर्मचारियों का पहचान कर लिया है, जिन्होंने आवास अपने नाम आवंटित करवाकर किराए पर दिया हुआ है. अब इन्हें इन आवासों से बेदखल तो होना ही पड़ेगा साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा.

पढ़ें- Rajasthan: Pilot के उठाये मुद्दों को सुलझाने वाली कमेटी की फिर Gehlot से चर्चा, इन मुद्दों पर फंसा है पेंच

सरकारी आवासों की जांच के लिए बनी कमेटी ने जयपुर के गांधीनगर में सरकारी आवास में किराए पर रहने वाले लोगों को चयनित कर लिया है. कमेटी की मानें तो करीब 6 सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने यह आवास अपने नाम पर आवंटित करा लिया है और इन्हें किराए पर दे रखा है. यह नियमों की पूरी तरीके से अवहेलना है. अब ये कमेटी इन आवासों को खाली कराएगी जो सरकार को चूना लगा रहे थे.

क्या करते हैं कर्मचारी

दरअसल, सरकारी कर्मचारी अपने नाम पर सरकारी आवास आवंटित करवा लेते हैं और वे खुद अपने निजी मकान में रहते हैं. आवंटित कराए गए सरकारी आवास को किराए पर दे देते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त पैसे का लाभ मिलता है. सरकारी आवास कर्मचारियों को न्यूनतम दर पर उपलब्ध होता है, जिसका फायदा कर्मचारी किराएदार रख उठाता है.

खाली ही नहीं जुर्माना भी देना होगा

कमेटी ने करीब आधा दर्जन उन कर्मचारियों को चिन्हित कर लिया है जिन्होंने सरकारी आवासों में किराएदारों को दे रखे हैं. अब कमेटी इन कर्मचारियों को इन सरकारी आवासों से बेदखल तो करेगी ही साथ ही इनसे जुर्माना राशि भी वसूल की जाएगी. हालांकि जुर्माना राशि कितनी होगी और किस तरह से ली जाएगी इसको लेकर कमेटी जल्द ही निर्णय लेगी.

महीने में एक बार करेगी औचक निरीक्षण

सरकारी आवासों में बाहरी लोगों को रखने को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने इस कमेटी का गठन किया था. यह कमेटी अब हर महीने औचक निरीक्षण भी करेगी, जिससे यह पता लग सके कि सरकारी आवासों में कोई बाहरी व्यक्ति तो नहीं रह रहा.

डेढ़ दर्जन से ज्यादा सरकारी आवासों में किराएदार

सरकारी आवास किराएदारों को देने को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद कमेटी ने निरीक्षण किया तो सामने आया कि 18 से ज्यादा सरकारी आवासों में कर्मचारियों ने किरायेदारों को रख रखा था. इस पर कमेटी ने इन सभी कार्मिकों को नोटिस देकर व्यक्तिगत तलब किया था और उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. कमेटी को मिले स्पष्टीकरण में आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों ने इस बात को स्वीकार कर लिया कि उन्होंने सरकारी आवास अपने नाम आवंटित करा कर उसे किराए पर दे रखा था. शेष कार्मिकों ने अभी अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया है.

पढ़ें- Exclusive : मेयर निलंबन, वादों की फेहरिस्त और विरोधी स्वरों के बीच विकास कार्य करने की कोशिश में बीता एक साल

HRA लेने पर भी हुई यही सख्ती

पिछले दिनों सामने आया था कि कुछ सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें राजकीय आवास आवंटित है, लेकिन फिर भी वे HRA यानि मकान किराया भत्ता ले रहे हैं. वित्त विभाग ने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. वित्त विभाग ने ऐसे प्रकरणों में नियम अनुसार राजकीय आवास आवंटित होने पर भी मकान किराया भत्ता लिया गया है या लिया जा रहा है तो कार्यालय अध्यक्ष को खुद के स्तर पर जांच करने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही ऐसे लिए गए मकान किराया भत्ता की राशि पर सामान्य प्रावधायी निधि पर प्रभावी ब्याज दर के अनुरूप ब्याज की वसूली करना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.