जयपुर. शहीद स्मारक में चल रहे कर्मचारियों के आंदोलन को 32 दिन पूरे हो चुके हैं. मंगलवार को एक बार फिर आमरण अनशन पर बैठे मंत्रालयिक कर्मचारी मनोज पारीक की तबीयत खराब हो गई. जिन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. फिलहाल राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना का आमरण अनशन जारी है. मनोज पारीक की जगह अन्य कर्मचारी को आमरण अनशन पर बैठाया गया है.
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मंत्रालयिक कर्मचारी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 2 अक्टूबर से आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन की शुरुआत में आमरण अनशन पर बैठे 6 कर्मचारियों की तबीयत खराब हो गई थी. जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था. उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना ने मोर्चा संभाला और उन्होंने आमरण अनशन शुरू किया. मनोज सक्सेना के साथ पिछले 7 दिन से मनोज पारीक भी आमरण अनशन पर बैठे थे. मंगलवार को मनोज पारीक की तबीयत खराब हो गई जिन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. मनोज पारीक की जगह अब अनिल जैकब को आमरण अनशन पर बैठाया गया. वहीं प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना के आमरण अनशन का आज 25 वां दिन है.
मंत्रालयिक कर्मचारियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि वे 32 दिनों से धरने पर बैठे हैं. लेकिन सरकार कर्मचारियों से कोई बातचीत नहीं कर रही है. कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ऐसे संगठनों के साथ वार्ता कर रही है. जो आंदोलन नहीं कर रहे हैं.
दरअसल मंत्रालयिक कर्मचारी ग्रेड-पे 3,600, सचिवालय के समान वेतन भत्ते, वेतन कटौती आदेश को वापस लेने, पदोन्नति के शेष 11 हजार 500 पद जारी करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए निदेशालय का गठन, जिला परिषद, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों को उच्च पदों का आवंटन आदि मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.