ETV Bharat / city

दालों पर स्टॉक लिमिट हटाने की मांग को लेकर हड़ताल पर मंडी कारोबारी, 600 करोड़ का कारोबार होगा प्रभावित

दालों पर स्टॉक लिमिट हटाए जाने की मांग को लेकर देश भर के साथ ही राजस्थान में भी मंडी कारोबारी हड़ताल पर हैं. इसे लेकर प्रदेश में सुबह से मंडी पूरी तरह से बंद है. प्रदेश में एक दिन की हड़ताल से करीब 600 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा.

हड़ताल पर मंडी कारोबारी
author img

By

Published : Jul 16, 2021, 11:55 AM IST

Updated : Jul 16, 2021, 1:55 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से दालों पर जारी स्टॉक सीमा के अध्यादेश के विरोध में आज देशभर के मंडी कारोबारियों की ओर से हड़ताल की जा रही है. इस दौरान देश भर की करीब 7 हजार मंडियां और 12 हजार दाल मिलें व्यापार बंद रखेंगी. इसके अलावा राजस्थान की मंडियों में भी हड़ताल की घोषणा की गई है.

इस हड़ताल की घोषणा भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से की गई है. वहीं राजस्थान में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन और राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि दालों पर केंद्र की ओर से लगाए गए स्टॉक लिमिट का विरोध देशभर के मंडी कारोबारी और दाल व्यापारी कर रहे हैं. इससे पहले भी राजस्थान में 2 दिन हड़ताल कर व्यापारियों की ओर से प्रदर्शन किए गए थे और स्टॉक सीमा को हटाने की मांग की गई थी.

पढ़ें: 16-17 जुलाई को सड़कों पर उतरेगी राजस्थान कांग्रेस, डोटासरा आज विधायकों के साथ निकालेंगे साइकिल यात्रा

अभी तक केंद्र सरकार की ओर से इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में 16 जुलाई को एक बार फिर से देश भर की मंडियों में हड़ताल की घोषणा की गई है. मंडियों में होने वाली इस हड़ताल के चलते तकरीबन 42 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा और व्यापारी का 840 करोड़ रुपए का नुकसान भी होगा. इसके अलावा देश भर में 12 लाख लोग इस हड़ताल के चलते प्रभावित होंगे और सरकार को भी 560 करोड़ रुपए के रेवेन्यू की हानि झेलनी पड़ेगा.

देशभर में होने वाली इस हड़ताल का असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा. यहां भी मंडी और दाल कारोबारी आज व्यापार बंद रखेंगे. स्टॉक लिमिट के विरोध में प्रदेशभर की 247 मंडिया और 600 दाल मिलें बंद रहेंगी. प्रदेश की बात की जाए तो 1 दिन की हड़ताल के चलते तकरीबन 600 करोड़ रुपए का कारोबार प्रदेश में प्रभावित होगा. इससे पहले भी प्रदेश में 2 दिन की हड़ताल मंडियों में की गई थी और केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया था.

पढ़ें: कांग्रेस का हल्ला बोल : संगठन के साथ साइकिल लेकर सड़कों पर उतरी गहलोत सरकार की लगभग पूरी कैबिनेट, सबने एक सुर में कही ये बात

राजस्थान खाद्य व्यापार संघ का कहना है कि केंद्र सरकार को इस स्टॉक लिमिट को लेकर एक बार फिर से फैसला करना चाहिए और यदि दालों पर लगाया गया यह स्टॉक लिमिट खत्म नहीं होता है तो इसका एक बड़ा असर व्यापारी और आम जनता पर देखने को मिलेगा. दलहन की कीमतों में जारी तेजी के चलते केंद्र सरकार ने स्टॉक लिमिट लगााई है. इसके अंतर्गत रिटेल में 50 टन और थोक कारोबार में 200 टन की स्टॉक लिमिट निर्धारित की गई है. मिल संचालक भी कुल क्षमता का 25 फीसदी ही स्टॉक कर सकेंगे. सिर्फ मूंग दाल को छोड़कर सभी दलहनों पर स्टॉक लिमिट लागू की जाएगी.

अलवर में मंडी कारोबारियों में रोष

वहीं अलवर में भी इस अध्यादेश को लेकर मंडी कारोबारियों ने विरोध किया है. ऐसे में व्यापारियों ने दालों पर स्टॉक सीमा हटाने की मांग की है. शुक्रवार को अलवर अनाज मंडी के व्यापारियों ने मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजते कर दलहन पर स्टॉक सीमा समाप्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने नए कृषि कानून के अनुसार दलहन पर बाजार मूल्य डेढ़ गुना होने पर स्टॉक सीमा निर्धारित करने की बात कही, लेकिन इस समय जलन के भाव निर्धारित दर से काफी कम चल रहे हैं. ऐसे में किसान व व्यापारियों को नुकसान हो रहा है.

इन हालातों को देखते हुए सरकार को तुरंत स्टॉक लिमिट हटानी चाहिए. व्यापारियों ने कहा की मंडी का कामकाज पहले ही प्रभावित है. व्यापारी परेशान हैं, मंडी से सरकार को होने वाली आय में भी कमी हुई है. ऐसे में सरकार को मंडियों पर भी ध्यान देना चाहिए.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से दालों पर जारी स्टॉक सीमा के अध्यादेश के विरोध में आज देशभर के मंडी कारोबारियों की ओर से हड़ताल की जा रही है. इस दौरान देश भर की करीब 7 हजार मंडियां और 12 हजार दाल मिलें व्यापार बंद रखेंगी. इसके अलावा राजस्थान की मंडियों में भी हड़ताल की घोषणा की गई है.

इस हड़ताल की घोषणा भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से की गई है. वहीं राजस्थान में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन और राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि दालों पर केंद्र की ओर से लगाए गए स्टॉक लिमिट का विरोध देशभर के मंडी कारोबारी और दाल व्यापारी कर रहे हैं. इससे पहले भी राजस्थान में 2 दिन हड़ताल कर व्यापारियों की ओर से प्रदर्शन किए गए थे और स्टॉक सीमा को हटाने की मांग की गई थी.

पढ़ें: 16-17 जुलाई को सड़कों पर उतरेगी राजस्थान कांग्रेस, डोटासरा आज विधायकों के साथ निकालेंगे साइकिल यात्रा

अभी तक केंद्र सरकार की ओर से इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में 16 जुलाई को एक बार फिर से देश भर की मंडियों में हड़ताल की घोषणा की गई है. मंडियों में होने वाली इस हड़ताल के चलते तकरीबन 42 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा और व्यापारी का 840 करोड़ रुपए का नुकसान भी होगा. इसके अलावा देश भर में 12 लाख लोग इस हड़ताल के चलते प्रभावित होंगे और सरकार को भी 560 करोड़ रुपए के रेवेन्यू की हानि झेलनी पड़ेगा.

देशभर में होने वाली इस हड़ताल का असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा. यहां भी मंडी और दाल कारोबारी आज व्यापार बंद रखेंगे. स्टॉक लिमिट के विरोध में प्रदेशभर की 247 मंडिया और 600 दाल मिलें बंद रहेंगी. प्रदेश की बात की जाए तो 1 दिन की हड़ताल के चलते तकरीबन 600 करोड़ रुपए का कारोबार प्रदेश में प्रभावित होगा. इससे पहले भी प्रदेश में 2 दिन की हड़ताल मंडियों में की गई थी और केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया था.

पढ़ें: कांग्रेस का हल्ला बोल : संगठन के साथ साइकिल लेकर सड़कों पर उतरी गहलोत सरकार की लगभग पूरी कैबिनेट, सबने एक सुर में कही ये बात

राजस्थान खाद्य व्यापार संघ का कहना है कि केंद्र सरकार को इस स्टॉक लिमिट को लेकर एक बार फिर से फैसला करना चाहिए और यदि दालों पर लगाया गया यह स्टॉक लिमिट खत्म नहीं होता है तो इसका एक बड़ा असर व्यापारी और आम जनता पर देखने को मिलेगा. दलहन की कीमतों में जारी तेजी के चलते केंद्र सरकार ने स्टॉक लिमिट लगााई है. इसके अंतर्गत रिटेल में 50 टन और थोक कारोबार में 200 टन की स्टॉक लिमिट निर्धारित की गई है. मिल संचालक भी कुल क्षमता का 25 फीसदी ही स्टॉक कर सकेंगे. सिर्फ मूंग दाल को छोड़कर सभी दलहनों पर स्टॉक लिमिट लागू की जाएगी.

अलवर में मंडी कारोबारियों में रोष

वहीं अलवर में भी इस अध्यादेश को लेकर मंडी कारोबारियों ने विरोध किया है. ऐसे में व्यापारियों ने दालों पर स्टॉक सीमा हटाने की मांग की है. शुक्रवार को अलवर अनाज मंडी के व्यापारियों ने मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजते कर दलहन पर स्टॉक सीमा समाप्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने नए कृषि कानून के अनुसार दलहन पर बाजार मूल्य डेढ़ गुना होने पर स्टॉक सीमा निर्धारित करने की बात कही, लेकिन इस समय जलन के भाव निर्धारित दर से काफी कम चल रहे हैं. ऐसे में किसान व व्यापारियों को नुकसान हो रहा है.

इन हालातों को देखते हुए सरकार को तुरंत स्टॉक लिमिट हटानी चाहिए. व्यापारियों ने कहा की मंडी का कामकाज पहले ही प्रभावित है. व्यापारी परेशान हैं, मंडी से सरकार को होने वाली आय में भी कमी हुई है. ऐसे में सरकार को मंडियों पर भी ध्यान देना चाहिए.

Last Updated : Jul 16, 2021, 1:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.