जयपुर. सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी शुक्रवार (Makar Sankranti 2022) को मनाया जाएगा. इस दिन सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन सुबह लाल सूर्य को अर्ध्य देने और सूर्यदेव के स्तोत्र व मंत्रों का जाप करने से आत्मबल मजबूत होता है. मलमास के समापन के साथ ही मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे.
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ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर का कहना है कि भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान था. उन्होंने देह त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया और मकर संक्रांति का दिन चुना. गंगा माता ने मकर संक्रांति के दिन ही राजा भागीरथ के पूर्वजों को मुक्ति प्रदान की थी. उनका कहना है कि मकर राशि के सूर्य अच्छे माने जाते हैं. मकर संक्रांति पर दान पुण्य का विशेष महत्व है.
मकर संक्रांति पर काले तिल और कंबल का दान उत्तम
ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर का कहना है कि मकर संक्रांति के दिन काले तिल का दान श्रेष्ठ माना गया है. हालांकि जरूरतमंदों को किसी भी तरह का दान देने से पुण्य मिलता है. कंबल का दान भी उत्तम माना गया है. मकर संक्रांति पर सूर्य आराधना का भी विशेष फल मिलता है.
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इस तरह करें सूर्य आराधना, मिलेगा कई गुना फल
सूर्योदय से पहले उठने के बाद दैनिक नित्यक्रम से निवृत्त होकर लाल सूर्य को अर्घ्य दें. तांबे के कलश में जल लेकर उसमें लाल चंदन, चावल, गुड़ या चीनी मिला लें और सूर्यदेव को अर्घ्य दें. आदित्य हृदयस्तोत्र, सूर्याष्टकम, आदित्य गायत्री मंत्र या सूर्य के बीज मंत्र के जाप से भी विशेष फल मिलता है. इन उपायों से आत्मबल मजबूत होता है. कुंडली में सूर्य यदि राहु या केतु से ग्रसित है. तो उसका भी निवारण हो जाता है. इसके साथ ही कुंडली में पित्र दोष या ग्रहण दोष का भी निराकरण हो जाता है.