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Mahout Training camp in Jaipur: चढ़ने लगा पारा तो याद आये हाथी...गजराज को शांत रखने के लिए महावतों दी ट्रेनिंग - How To Control Angry Elephant

जयपुर के आमेर हाथी गांव में 2 दिवसीय महावत प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया (Mahout Training camp in Jaipur) गया. ट्रेनिंग कार्यक्रम में महावतों को रहन-सहन, पहनावे और स्वच्छ रखने के बारे में बताया गया. उन्हें हाथी की सवारी के दौरान पहनावे, धूम्रपान नहीं करने और पर्यटकों से अच्छे बर्ताव के बारे में भी बताया गया.

Mahout Training camp in Jaipur
आमेर हाथी गांव में 2 दिवसीय महावत प्रशिक्षण शिविर
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Published : Mar 28, 2022, 10:19 PM IST

जयपुर. प्रदेश में मार्च के आखिरी हफ्ते के दौरान गर्मी के तीखे तेवर शुरू हो गए हैं. इस बीच आमेर में सैलानियों के लिए खास आकर्षण का केंद्र हाथियों की सवारी को लेकर भी प्रशासन मुस्तैद हो गया है. जाहिर है कि बीते 2 साल कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद महावत मंदी से उबरने की कोशिश में हैं और ऐसे में सालाना कवायद के बीच प्रशासन ने आमेर हाथी गांव में 2 दिवसीय महावत प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया. ट्रेनिंग कार्यक्रम में महावतों को रहन-सहन, पहनावे और स्वच्छ रखने के बारे में (Elephant taking care tips) बताया गया.

हाथियों को तेज गर्मी नहीं होती बर्दाश्त: आमतौर पर हाथी ठंडा वातावरण पसंद करते हैं, यही वजह है कि राजस्थान का मौसम हाथियों के लिए अनुकूल नहीं होता है. 40 डिग्री से ऊपर पारा होने पर महावत के लिए हाथी को कंट्रोल करना बेहद मुश्किल हो जाता है. इस वजह से वन विभाग की तरफ से उन्हें ट्रेंड किया जाता है कि कैसे हाथी को शांत रखा (How To Control Angry Elephant) जाए, ताकि जब आमेर महल में सैलानी सफारी करें, तो उन्हें कड़वे किस्से नहीं, बल्कि रोचक अनुभव साथ ले जाने का मौका मिले. गौरतलब है कि तेज गर्मी के बीच कई बार आक्रोशित हाथियों के द्वारा सैलानियों को नुकसान पहुंचाने की भी खबरें आती हैं. ऐसे हादसों में 2 सैलानी अपनी जान गवां चुके हैं, जिनमें से एक विदेशी सैलानी भी था.

पढ़ें: संकट हाथी का साथी : हाथी गांव योजना की हालत खस्ता...खड़े हाथी पर भी रोजाना 2000 का खर्च, पालकों-महावतों पर संकट

हाथियों की डाइट और रखरखाव भी होता है अहम: हाथी को रखने की बात हो या फिर सफारी में इस्तेमाल करने की, खाने-पीने और नहाने तक हाथी के लिए जितना आरामदायक होता है, हाथियों में तनाव भी उतना कम होता है. गर्मी के मौसम में हाथी क्या खाएं? किस तरह की दवा उनको बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने के लिए जरूरी होती है? किस प्रकार का चारा उनकी खुराक में शामिल होता है? और प्राकृतिक भोजन के अलावा मानव निर्मित भोजन में उन्हें क्या कुछ गर्मियों में दिया जाए, ये तमाम बातें प्रशिक्षण में महावतों को सिखाई जाती हैं. हाथियों के मनोरंजन के लिए टच थेरेपी का उपयोग लिया जाता है. जिसमें पुचकारना और दुलारना शामिल है. इसके साथ ही हाथी को खाना खिलाकर भी मनोरंजन किया जाता है. गुस्सा शांत करने के लिए पानी की बौछारों से छिड़काव करके नहलाया लाया जाता है.

पढ़ें: ETV Impact : हाथियों के कल्याण के लिए गहलोत सरकार ने दी 57.375 लाख की मंजूरी, हाथी पालकों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद

हाथीपालकों और महावतों को बताया गया कि हाथी सवारी करवाते समय पर्यटक के साथ किस तरह व्यवहार किया जाना चाहिए. जिससे पर्यटक हाथी सवारी का आनंद ले सकें और खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. महावतों को साफ सुथरा रहने के साथ ही धूम्रपान नहीं करने के लिए भी जागरूक किया गया. यह भी बताया गया है कि किस तरह से ड्रेस पहननी चाहिए और सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. मौसम परिवर्तन के साथ हाथियों को विशेष खानपान देने संबंधित जानकारियां भी दी गई.

जयपुर. प्रदेश में मार्च के आखिरी हफ्ते के दौरान गर्मी के तीखे तेवर शुरू हो गए हैं. इस बीच आमेर में सैलानियों के लिए खास आकर्षण का केंद्र हाथियों की सवारी को लेकर भी प्रशासन मुस्तैद हो गया है. जाहिर है कि बीते 2 साल कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद महावत मंदी से उबरने की कोशिश में हैं और ऐसे में सालाना कवायद के बीच प्रशासन ने आमेर हाथी गांव में 2 दिवसीय महावत प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया. ट्रेनिंग कार्यक्रम में महावतों को रहन-सहन, पहनावे और स्वच्छ रखने के बारे में (Elephant taking care tips) बताया गया.

हाथियों को तेज गर्मी नहीं होती बर्दाश्त: आमतौर पर हाथी ठंडा वातावरण पसंद करते हैं, यही वजह है कि राजस्थान का मौसम हाथियों के लिए अनुकूल नहीं होता है. 40 डिग्री से ऊपर पारा होने पर महावत के लिए हाथी को कंट्रोल करना बेहद मुश्किल हो जाता है. इस वजह से वन विभाग की तरफ से उन्हें ट्रेंड किया जाता है कि कैसे हाथी को शांत रखा (How To Control Angry Elephant) जाए, ताकि जब आमेर महल में सैलानी सफारी करें, तो उन्हें कड़वे किस्से नहीं, बल्कि रोचक अनुभव साथ ले जाने का मौका मिले. गौरतलब है कि तेज गर्मी के बीच कई बार आक्रोशित हाथियों के द्वारा सैलानियों को नुकसान पहुंचाने की भी खबरें आती हैं. ऐसे हादसों में 2 सैलानी अपनी जान गवां चुके हैं, जिनमें से एक विदेशी सैलानी भी था.

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हाथियों की डाइट और रखरखाव भी होता है अहम: हाथी को रखने की बात हो या फिर सफारी में इस्तेमाल करने की, खाने-पीने और नहाने तक हाथी के लिए जितना आरामदायक होता है, हाथियों में तनाव भी उतना कम होता है. गर्मी के मौसम में हाथी क्या खाएं? किस तरह की दवा उनको बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने के लिए जरूरी होती है? किस प्रकार का चारा उनकी खुराक में शामिल होता है? और प्राकृतिक भोजन के अलावा मानव निर्मित भोजन में उन्हें क्या कुछ गर्मियों में दिया जाए, ये तमाम बातें प्रशिक्षण में महावतों को सिखाई जाती हैं. हाथियों के मनोरंजन के लिए टच थेरेपी का उपयोग लिया जाता है. जिसमें पुचकारना और दुलारना शामिल है. इसके साथ ही हाथी को खाना खिलाकर भी मनोरंजन किया जाता है. गुस्सा शांत करने के लिए पानी की बौछारों से छिड़काव करके नहलाया लाया जाता है.

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हाथीपालकों और महावतों को बताया गया कि हाथी सवारी करवाते समय पर्यटक के साथ किस तरह व्यवहार किया जाना चाहिए. जिससे पर्यटक हाथी सवारी का आनंद ले सकें और खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. महावतों को साफ सुथरा रहने के साथ ही धूम्रपान नहीं करने के लिए भी जागरूक किया गया. यह भी बताया गया है कि किस तरह से ड्रेस पहननी चाहिए और सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. मौसम परिवर्तन के साथ हाथियों को विशेष खानपान देने संबंधित जानकारियां भी दी गई.

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