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BJP ने बौखलाहट में दिया CM के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव: मुख्य सचेतक

BJP की ओर से CM के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव देने पर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि BJP को प्रस्ताव देना था तो मेरे खिलाफ देते. साथ ही उन्होंने कहा कि वो आज ही SOG और ACB को पत्र लिखकर हॉर्स ट्रेडिंग की शिकायत पर कार्रवाई की मांग करेंगे.

breach of privilege against the CM Gehlot, जयपुर न्यूज
महेशी जोशी का BJP के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर बयान
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Published : Jul 10, 2020, 3:26 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 3:33 PM IST

जयपुर. भाजपा के 5 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ विशेष अधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया हैं. इस पर महेश जोशी ने कहा कि बीजेपी को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव देना था तो वह मेरे खिलाफ देते. वहीं उन्होंने कहा कि BJP ने ऐसा बौखलाहट में किया है.

राजस्थान भाजपा के पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज्यसभा चुनाव के दौरान लगाए गए खरीद-फरोख्त के आरोपों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है. इसपर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि बीजेपी को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव देना था तो वह मेरे खिलाफ देते. मुख्यमंत्री के खिलाफ यह प्रस्ताव क्यों दिया गया. जोशी ने कहा कि संयम लोढ़ा ने जो विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है, उससे बौखला कर भाजपा ने यह कदम उठाया है.

महेशी जोशी का BJP के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर बयान

जोशी ने कहा कि वह आज भी यह बात कह रहे हैं कि भाजपा हॉर्स ट्रेडिंग करती है. इसके साथ ही इस सवाल के जवाब में कि सत्ताधारी दल होने के बावजूद उनकी शिकायत के बावजूद SOG और ACB की ओर से उन्हें बयान देने के लिए क्यों नहीं बुलाया गया.

यह भी पढ़ें. बड़ी खबरः CM निवास को बम से उड़ाने की धमकी, आरोपी गिरफ्तार

इस मामले पर बोलते हुए महेश जोशी ने कहा कि इसे लेकर में SOG और ACB को आज ही पत्र लिखने जा रहा हूं कि वह पूरे मामले में जो मेरी शिकायत थी, उसमें मेरे बयान दर्ज करें और आगे की कार्रवाई करें.

क्या है विशेषाधिकार हनन?
बता दें कि देश में विधानसभा, विधानपरिषद और संसद के सदस्यों के पास कुछ विशेष अधिकार होते हैं, ताकि वे प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों को पूरा कर सके. जब सदन में इन विशेषाधिकारों का हनन होता है या इन अधिकारों के खिलाफ कोई कार्य किया जाता है, तो उसे विशेषाधिकार हनन कहते हैं. इसकी स्पीकर को की गई लिखित शिकायत को विशेषाधिकार हनन नोटिस कहते हैं.

पढ़ें: बीजेपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विधानसभा में लगाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

जानिए कैसे लाया जा सकता है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव?
इस नोटिस के आधार पर स्पीकर की मंजूरी से सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा सकता है. विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव सदन के किसी सदस्य द्वारा पेश किया जाता है, जब उसे लगता है कि सदन में झूठे तथ्य पेश करके सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया गया है या किया जा रहा है.

जयपुर. भाजपा के 5 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ विशेष अधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया हैं. इस पर महेश जोशी ने कहा कि बीजेपी को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव देना था तो वह मेरे खिलाफ देते. वहीं उन्होंने कहा कि BJP ने ऐसा बौखलाहट में किया है.

राजस्थान भाजपा के पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज्यसभा चुनाव के दौरान लगाए गए खरीद-फरोख्त के आरोपों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है. इसपर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि बीजेपी को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव देना था तो वह मेरे खिलाफ देते. मुख्यमंत्री के खिलाफ यह प्रस्ताव क्यों दिया गया. जोशी ने कहा कि संयम लोढ़ा ने जो विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है, उससे बौखला कर भाजपा ने यह कदम उठाया है.

महेशी जोशी का BJP के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर बयान

जोशी ने कहा कि वह आज भी यह बात कह रहे हैं कि भाजपा हॉर्स ट्रेडिंग करती है. इसके साथ ही इस सवाल के जवाब में कि सत्ताधारी दल होने के बावजूद उनकी शिकायत के बावजूद SOG और ACB की ओर से उन्हें बयान देने के लिए क्यों नहीं बुलाया गया.

यह भी पढ़ें. बड़ी खबरः CM निवास को बम से उड़ाने की धमकी, आरोपी गिरफ्तार

इस मामले पर बोलते हुए महेश जोशी ने कहा कि इसे लेकर में SOG और ACB को आज ही पत्र लिखने जा रहा हूं कि वह पूरे मामले में जो मेरी शिकायत थी, उसमें मेरे बयान दर्ज करें और आगे की कार्रवाई करें.

क्या है विशेषाधिकार हनन?
बता दें कि देश में विधानसभा, विधानपरिषद और संसद के सदस्यों के पास कुछ विशेष अधिकार होते हैं, ताकि वे प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों को पूरा कर सके. जब सदन में इन विशेषाधिकारों का हनन होता है या इन अधिकारों के खिलाफ कोई कार्य किया जाता है, तो उसे विशेषाधिकार हनन कहते हैं. इसकी स्पीकर को की गई लिखित शिकायत को विशेषाधिकार हनन नोटिस कहते हैं.

पढ़ें: बीजेपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विधानसभा में लगाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

जानिए कैसे लाया जा सकता है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव?
इस नोटिस के आधार पर स्पीकर की मंजूरी से सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा सकता है. विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव सदन के किसी सदस्य द्वारा पेश किया जाता है, जब उसे लगता है कि सदन में झूठे तथ्य पेश करके सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया गया है या किया जा रहा है.

Last Updated : Jul 10, 2020, 3:33 PM IST
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