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जोशी ने उठाए दिल्ली क्राइम ब्रांच के नोटिस पर सवाल, हालातों का हवाला देकर दिल्ली को किया दरकिनार

फोन टैपिंग (Rajasthan Phone Tapping Case) मामले में राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने दिल्ली क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) के नोटिस की वैधानिकता पर सवाल खड़े किए हैं. वे आज दिल्ली अपना बयान दर्ज कराने नहीं गए. उन्होंने कहा कि 160 सीआरपीसी (Code of Criminal Procedure) में उन्हें थाने में बयान दर्ज करवाने के लिए नहीं बुलाया जा सकता.

Chief Whip Mahesh Joshi
महेश जोशी
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Published : Jun 24, 2021, 2:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) के मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) को केंद्रीय मंत्री मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने बयानों के लिए नोटिस भेजा था. जिसमें आज गुरुवार को महेश जोशी 11 बजे दिल्ली क्राइम ब्रांच में जाकर उन्हें बयान दर्ज करवाने थे, लेकिन महेश जोशी ने नोटिस की वैधानिकता पर सवाल उठाया है.

दिल्ली क्राइम ब्रांच के नोटिस की वैधानिकता पर सवाल...

वह आज दिल्ली क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) नहीं गए हैं. जोशी ने कहा कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 160 के तहत उन्हें जो नोटिस दिया गया है, उसमें कई तरीके की कानूनी बंदिशें होती हैं. नोटिस दिया तो जा सकता है, लेकिन कानून यह है कि 15 साल से कम आयु, 65 साल से अधिक आयु वाले व्यक्ति, महिला और किसी दिव्यांग से अगर पुलिस को पूछताछ करनी है तो वह उनके घर जाकर पूछताछ कर सकती है या फिर सहमति से कोई जगह तय होती है तो वहां पूछताछ की जा सकती है. 160 सीआरपीसी में इस कैटेगरी के लोगों को थाने बुलाकर बयान नहीं लिए जा सकते हैं. इसलिए यह नोटिस कानून सम्मत नहीं था.

पढ़ें : कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्री को बताया भगौड़ा, PCC पर नारेबाजी...जोशी भी बोले- साहब सैंपल तो दीजिए

वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में कोरोना चल रहा है और अचानक 21 तारीख को नोटिस भेजकर 24 तारीख को उन्हें बुला लिया जाता है. जोशी ने कहा कि मैं खुद एक सार्वजनिक व्यक्ति हूं, विधायक हूं, मंत्री का दर्जा प्राप्त व्यक्ति हूं. ऐसे में मेरी भी अपनी व्यस्तताएं हैं. उन्होंने कहा कि अगर मैं आरोपी होता तो मुझे इस मामले में बुलाया जा सकता था. केवल इस कारण से कि मैंने जयपुर में एक मामला दर्ज करवाया था, इसीलिए यह अंदाजा लगाकर मुझे बुलाना कि मुझे इस मामले की जानकारी है, मुझे बुलाया नहीं जा सकता.

जोशी ने कहा की कि मैंने अपने नोटिस के जवाब में दिल्ली क्राइम ब्रांच को लिखा है कि यह नोटिस ही गलत है और क्राइम ब्रांच मुझे नोटिस नहीं दे सकता. इस नोटिस के जवाब में मैंने कोरोना का भी हवाला दिया है और अपनी आयु भी बताई है. महेश जोशी ने कहा कि वो नोटिस में जवाब किस बात का दें, जबकि यह भी नोटिस में नहीं लिखा गया कि FIR किसकी है. अगर लिखित में क्राइम ब्रांच उनसे जवाब मांगती तो वह जवाब दे देते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसलिए मैंने कोई जवाब उन्हें नहीं दिया, केवल नोटिस की वैधानिकता को लेकर क्राइम ब्रांच को जवाब भिजवाया है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) के मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) को केंद्रीय मंत्री मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने बयानों के लिए नोटिस भेजा था. जिसमें आज गुरुवार को महेश जोशी 11 बजे दिल्ली क्राइम ब्रांच में जाकर उन्हें बयान दर्ज करवाने थे, लेकिन महेश जोशी ने नोटिस की वैधानिकता पर सवाल उठाया है.

दिल्ली क्राइम ब्रांच के नोटिस की वैधानिकता पर सवाल...

वह आज दिल्ली क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) नहीं गए हैं. जोशी ने कहा कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 160 के तहत उन्हें जो नोटिस दिया गया है, उसमें कई तरीके की कानूनी बंदिशें होती हैं. नोटिस दिया तो जा सकता है, लेकिन कानून यह है कि 15 साल से कम आयु, 65 साल से अधिक आयु वाले व्यक्ति, महिला और किसी दिव्यांग से अगर पुलिस को पूछताछ करनी है तो वह उनके घर जाकर पूछताछ कर सकती है या फिर सहमति से कोई जगह तय होती है तो वहां पूछताछ की जा सकती है. 160 सीआरपीसी में इस कैटेगरी के लोगों को थाने बुलाकर बयान नहीं लिए जा सकते हैं. इसलिए यह नोटिस कानून सम्मत नहीं था.

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वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में कोरोना चल रहा है और अचानक 21 तारीख को नोटिस भेजकर 24 तारीख को उन्हें बुला लिया जाता है. जोशी ने कहा कि मैं खुद एक सार्वजनिक व्यक्ति हूं, विधायक हूं, मंत्री का दर्जा प्राप्त व्यक्ति हूं. ऐसे में मेरी भी अपनी व्यस्तताएं हैं. उन्होंने कहा कि अगर मैं आरोपी होता तो मुझे इस मामले में बुलाया जा सकता था. केवल इस कारण से कि मैंने जयपुर में एक मामला दर्ज करवाया था, इसीलिए यह अंदाजा लगाकर मुझे बुलाना कि मुझे इस मामले की जानकारी है, मुझे बुलाया नहीं जा सकता.

जोशी ने कहा की कि मैंने अपने नोटिस के जवाब में दिल्ली क्राइम ब्रांच को लिखा है कि यह नोटिस ही गलत है और क्राइम ब्रांच मुझे नोटिस नहीं दे सकता. इस नोटिस के जवाब में मैंने कोरोना का भी हवाला दिया है और अपनी आयु भी बताई है. महेश जोशी ने कहा कि वो नोटिस में जवाब किस बात का दें, जबकि यह भी नोटिस में नहीं लिखा गया कि FIR किसकी है. अगर लिखित में क्राइम ब्रांच उनसे जवाब मांगती तो वह जवाब दे देते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसलिए मैंने कोई जवाब उन्हें नहीं दिया, केवल नोटिस की वैधानिकता को लेकर क्राइम ब्रांच को जवाब भिजवाया है.

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