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Mahashivratri 2022 : छोटी काशी में गूंजे भोले बाबा के जयकारे...मंदिरों में लगी भक्तों की कतार

महाशिवरात्रि पर छोटी काशी कहे जाने वाले जयपुर का नजारा अनूठा ही दिखाई दिया. भगवान भोलेनाथ के हर एक मंदिर में अल सुबह से लेकर देर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा. मंदिर में पहुंचे श्रद्धालु भगवान आशुतोष का अभिषेक करते हुए मनोतियां मांगी.

Mahashivratri Celebration in Jaipur
Mahashivratri Celebration in Jaipur
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Published : Mar 1, 2022, 7:01 PM IST

जयपुर. प्रदेश सहित देशभर में श्रद्धा भाव के साथ महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. भगवान आशुतोष के दरबार में पहुंचकर श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हुए मनोती मांग रहे हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर छोटी काशी भगवान भोलेनाथ के जयकारों से गुंजायमान हुई।. जयपुर में महाशिवरात्रि पर्व काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.

आमेर में कुकस स्थित सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा. महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई. सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर की कई मान्यताएं हैं. भगवान भोलेनाथ का यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. दूरदराज से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए भगवान भोलेनाथ के दरबार में पहुंचे. भक्तों ने हर हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे लगाए. साथ ही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक कर बेर, गाजर, फूल, फल सहित कई सामग्रियां अर्पित करते हुए पूजा अर्चना की.

छोटी काशी में गूंजे भोले बाबा के जयकारे

यह भी पढ़ें- Maha Shivratri in Alwar : शिवरात्रि के दिन हजारों लोगों ने प्रशासन व सेना के अधिकारियों के छुए पैर, जानिए क्या है पूरा माजरा

यह है मंदिर की मान्यताएं : सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर काफी प्राचीन है. इस मंदिर की मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ के दरबार में आने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में नन्हे-मुन्ने बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी भगवान भोलेनाथ के दरबार में अलसुबह से ही अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचे.

सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में अष्ट धातु से बनी भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा विराजित है. जिसमें द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं. यानी भगवान भोलेनाथ के 12 स्वरूप यहां देखने को मिलते हैं. मंदिर का निर्माण वर्ष 2002 में किया गया था.

मंदिरों में रहा भक्तों का तांता : शिवरात्रि पर जयपुर के ये मंदिर बोल बम ताड़क बम के जयकारों से गुंजायमान हो गए। जयपुर के प्राचीन मंदिरों में से एक ताड़केश्वर मंदिर अहलेसुबह 4 बजे मंदिर खुला और भक्त भगवान का जलाभिषेक के लिए मंदिर में जुटना शुरू हो गए. कोविड को लेकर स्थिति सामान्य होने से बड़ी संख्या में भक्त शहर के बड़े शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचे.

यह भी पढ़ें- Bhagwat Katha in Jaipur: देवस्थान विभाग की पहल पर भागवत कथा का आयोजन, कलश यात्रा में शामिल हुए कांग्रेस नेता

मंदिरों में विशेष व्यवस्थाएं की गई. जयपुर की स्थापना के समय से मौजूद चौड़ा रास्ता स्थिति ऐतिहासिक स्वयंभू बाबा ताड़केश्वर नाथ मंदिर में भी यही नजारा देखने को मिला. भक्त चौड़ा रास्ता में त्रिपोलिया गेट से गोपाल जी के रास्ते तक दोनों तरफ पंक्ति बद्ध होते हुए भगवान शिव की आराधना करने मंदिर पहुंचे.

इस दौरान मंदिर में सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए. मंदिर महंत अमित कुमार पाराशर ने बताया कि दुग्ध अभिषेक, जलाभिषेक करने के लिए लाखों श्रद्धालु सुबह 4 बजे से मंदिर में पहुंच रहे हैं. रात में चार पहर की विशेष पूजा और रात्रि जागरण का भी कार्यक्रम है. उन्होंने बताया कि शिवरात्रि पर जो भगवान भोलेनाथ आशुतोष की पूजा अर्चना कर व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

जयपुर. प्रदेश सहित देशभर में श्रद्धा भाव के साथ महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. भगवान आशुतोष के दरबार में पहुंचकर श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हुए मनोती मांग रहे हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर छोटी काशी भगवान भोलेनाथ के जयकारों से गुंजायमान हुई।. जयपुर में महाशिवरात्रि पर्व काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.

आमेर में कुकस स्थित सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा. महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई. सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर की कई मान्यताएं हैं. भगवान भोलेनाथ का यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. दूरदराज से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए भगवान भोलेनाथ के दरबार में पहुंचे. भक्तों ने हर हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे लगाए. साथ ही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक कर बेर, गाजर, फूल, फल सहित कई सामग्रियां अर्पित करते हुए पूजा अर्चना की.

छोटी काशी में गूंजे भोले बाबा के जयकारे

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यह है मंदिर की मान्यताएं : सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर काफी प्राचीन है. इस मंदिर की मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ के दरबार में आने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में नन्हे-मुन्ने बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी भगवान भोलेनाथ के दरबार में अलसुबह से ही अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचे.

सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में अष्ट धातु से बनी भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा विराजित है. जिसमें द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं. यानी भगवान भोलेनाथ के 12 स्वरूप यहां देखने को मिलते हैं. मंदिर का निर्माण वर्ष 2002 में किया गया था.

मंदिरों में रहा भक्तों का तांता : शिवरात्रि पर जयपुर के ये मंदिर बोल बम ताड़क बम के जयकारों से गुंजायमान हो गए। जयपुर के प्राचीन मंदिरों में से एक ताड़केश्वर मंदिर अहलेसुबह 4 बजे मंदिर खुला और भक्त भगवान का जलाभिषेक के लिए मंदिर में जुटना शुरू हो गए. कोविड को लेकर स्थिति सामान्य होने से बड़ी संख्या में भक्त शहर के बड़े शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचे.

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मंदिरों में विशेष व्यवस्थाएं की गई. जयपुर की स्थापना के समय से मौजूद चौड़ा रास्ता स्थिति ऐतिहासिक स्वयंभू बाबा ताड़केश्वर नाथ मंदिर में भी यही नजारा देखने को मिला. भक्त चौड़ा रास्ता में त्रिपोलिया गेट से गोपाल जी के रास्ते तक दोनों तरफ पंक्ति बद्ध होते हुए भगवान शिव की आराधना करने मंदिर पहुंचे.

इस दौरान मंदिर में सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए. मंदिर महंत अमित कुमार पाराशर ने बताया कि दुग्ध अभिषेक, जलाभिषेक करने के लिए लाखों श्रद्धालु सुबह 4 बजे से मंदिर में पहुंच रहे हैं. रात में चार पहर की विशेष पूजा और रात्रि जागरण का भी कार्यक्रम है. उन्होंने बताया कि शिवरात्रि पर जो भगवान भोलेनाथ आशुतोष की पूजा अर्चना कर व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

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