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महाशिवरात्रि 2021: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये खास उपाय, जानिए कौन सा मुहूर्त रहेगा सबसे शुभ

सनातन धर्म में महत्वपूर्ण चार रात्रियों में से एक महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन विधिपूर्वक आराधना करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. ऐसे में ईटीवी भारत पर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ से जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और इसका महत्व...

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Published : Mar 11, 2021, 7:04 AM IST

Mahashivratri 2021,  Worship of lord shiva
महाशिवरात्रि 2021

जयपुर. सनातन धर्म में महत्वपूर्ण चार रात्रियों में से एक महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि के पर्व को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है. इस दिन भक्तों की ओर से भगवान भोलेनाथ की धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है और शिव शंकर भी अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं. इस दिन विधिपूर्वक आराधना करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. ऐसे में ईटीवी भारत पर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ से जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और इसका महत्व.

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये खास उपाय

पढ़ें- SPECIAL: जानिए राजस्थान के इस मंदिर के बारे में...जहां शिवलिंग दिन में तीन बार बदलता है अपना रंग

भोलेनाथ का महाशिवरात्रि के दिन आर्शीवाद प्राप्त करना बहुत ही उत्तम माना गया है क्योंकि भगवान शिव जल्द प्रसन्न वाले देवता माने गए हैं. इसी के चलते भक्त वर्षभर महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस दिन मंदिरों में बड़ी संख्या में भोलेनाथ के जयकारों के साथ भक्त पहुंचते हैं और दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक कर उनके श्रीचरणों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हर साल मनाई जाती है. वहीं, इस बार महाशिवरात्रि के दिन ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है, जिसके चलते फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे.

महाशिवरात्रि पर चार पहर में कर सकते हैं पूजन

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार बुध बुद्धि और वाणी के कारक बुध देव 11 मार्च को कुंभ राशि में दोपहर 12:30 बजे पर प्रवेश करेंगे और बुध ग्रह इस राशि में 1 अप्रैल तक स्थिर रहेंगे. इसके बाद मीन राशि में मध्य रात्रि 12:42 बजे पर प्रवेश कर जाएंगे. कुंभ शनि की राशि है और शनि-बुध में मित्रता का भाव है. ऐसे में बुध ग्रह का कुंभ राशि में आना प्रदेश के लिए शुभ होगा और राजस्थान में बौद्धिक कौशल का विकास होगा.

वहीं, महाशिवरात्रि पर चार पहर का पूजन का समय शुभ रहेगा. इसलिए भक्त प्रथम पहर यानी सायंकाल 6:29 बजे से रात्रि 9:32 बजे तक, द्वितीय पहर रात्रि 9:33 बजे से रात्रि 12:36 बजे तक, तृतीय पहर की पूजा मध्यरात्रि के बाद 12:37 बजे से और 3:30 बजे तक, चतुर्थ पहर की आराधना मध्यरात्रि के बाद 3:41 बजे से अगले दिन प्रातः 6:43 बजे तक रहेगा. निशीथ काल में जो भक्त पूजन करना चाहे उनके लिए मध्यरात्रि 12:12 बजे से 1:01 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा.

लाभ प्राप्ति के लिए कैसे करें भोलेनाथ का अभिषेक

भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए कुंवारी कन्याएं अच्छे वर के लिए भगवान शिव की आराधना जरूर करें. पूजन में कन्याएं गाजर, बेल, मोगरी और बिल रस से भोलेनाथ का अभिषेक करें. भगवान शंकर को पूजा के दौरान मां पार्वती और शिव शंकर को सात मोली के लपटे लगाए और साथ ही मां को मेहंदी लगाए. साथ ही श्रृंगार का सामान पार्वती जी के चरणों में अर्पित कीजिए, इससे अच्छे वर की प्राप्ति होगी.

इसके अलावा जो स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं और उन्हें काफी समय से सफलता नहीं मिल रही है, उन्हें विद्याप्राप्ति के लिए भगवान शिव की पूजा के दौरान मोर पंख चढ़ाएं. भगवान शिव का दूध, दही, शहद, घी, बुरा में गंगाजल का मिश्रण करके पंचामृत अभिषेक करें. इससे निश्चित ही छात्र-छात्राओं को सफलता प्राप्त होगी.

पढ़ें- महाशिवरात्रि स्पेशल: डूंगरपुर का देवसोमनाथ मंदिर, 12वीं सदी का यह मंदिर टिका है 148 पिलरों पर, जिसमें न ईंट लगी और न सीमेंट

कोरोना महामारी के दौरान अपने व्यापार को लेकर जो व्यापारी चिंतित हैं और अभी आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं, उन्हें व्यापार में सफलता और आर्थिक लाभ के लिए भगवान शिव आशुतोष की पूजा के दौरान दूध में भांग व बुरा मिलाकर अभिषेक कीजिए.

पुत्र रत्न प्राप्ति, मानसिक पीड़ा और कोर्ट-कचहरी से परेशान ऐसे करें अभिषेक

जो माता-बहनें पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि पर पूजन करना चाहती हैं, वे दूध में शुगर पाउडर का मिश्रण करके भोलेनाथ का अभिषेक करें और शुद्ध जल से स्नान कराएं. साथ ही 108 बेलपत्र चढ़ाएं, इससे निश्चित ही पुत्र रत्न की मनोकामना पूर्ण होगी. वहीं, जो मानसिक उलझन और दिमागी परेशानियों से जूझ रहे हैं, ऐसे व्यक्ति पानी में भांग, दूध, मेवा मिलाकर उसे घोटकर भगवान को अर्पण करें. साथ ही शिव परिवार को नए वस्त्र धारण जरूर कराएं.

इसके अलावा जो व्यक्ति कोर्ट-कचहरी से परेशान हो रहे हैं और मुकदमों को लेकर जूझ रहे हैं, वो सरसों या तिल के तेल के साथ शुद्ध जल से भोलेनाथ का अभिषेक करें. इस दौरान ध्यान रखें कि मंत्रोच्चार में किसी प्रकार की कोई त्रुटि ना हो.

धार्मिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है. व्रत रखने वाले व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है. जो अविवाहित जातक है और मनचाहा वर-वधु पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है. वहीं, अगर किसी कन्या की शादी में बाधाएं आ रही तो उसे यह व्रत जरूर रखना चाहिए. इस व्रत के माध्यम से उसकी समस्या हल हो जाएगी. दांपत्य जीवन में यह व्रत खुशियां लाता है.

जयपुर. सनातन धर्म में महत्वपूर्ण चार रात्रियों में से एक महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि के पर्व को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है. इस दिन भक्तों की ओर से भगवान भोलेनाथ की धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है और शिव शंकर भी अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं. इस दिन विधिपूर्वक आराधना करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. ऐसे में ईटीवी भारत पर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ से जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और इसका महत्व.

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये खास उपाय

पढ़ें- SPECIAL: जानिए राजस्थान के इस मंदिर के बारे में...जहां शिवलिंग दिन में तीन बार बदलता है अपना रंग

भोलेनाथ का महाशिवरात्रि के दिन आर्शीवाद प्राप्त करना बहुत ही उत्तम माना गया है क्योंकि भगवान शिव जल्द प्रसन्न वाले देवता माने गए हैं. इसी के चलते भक्त वर्षभर महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस दिन मंदिरों में बड़ी संख्या में भोलेनाथ के जयकारों के साथ भक्त पहुंचते हैं और दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक कर उनके श्रीचरणों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हर साल मनाई जाती है. वहीं, इस बार महाशिवरात्रि के दिन ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है, जिसके चलते फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे.

महाशिवरात्रि पर चार पहर में कर सकते हैं पूजन

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार बुध बुद्धि और वाणी के कारक बुध देव 11 मार्च को कुंभ राशि में दोपहर 12:30 बजे पर प्रवेश करेंगे और बुध ग्रह इस राशि में 1 अप्रैल तक स्थिर रहेंगे. इसके बाद मीन राशि में मध्य रात्रि 12:42 बजे पर प्रवेश कर जाएंगे. कुंभ शनि की राशि है और शनि-बुध में मित्रता का भाव है. ऐसे में बुध ग्रह का कुंभ राशि में आना प्रदेश के लिए शुभ होगा और राजस्थान में बौद्धिक कौशल का विकास होगा.

वहीं, महाशिवरात्रि पर चार पहर का पूजन का समय शुभ रहेगा. इसलिए भक्त प्रथम पहर यानी सायंकाल 6:29 बजे से रात्रि 9:32 बजे तक, द्वितीय पहर रात्रि 9:33 बजे से रात्रि 12:36 बजे तक, तृतीय पहर की पूजा मध्यरात्रि के बाद 12:37 बजे से और 3:30 बजे तक, चतुर्थ पहर की आराधना मध्यरात्रि के बाद 3:41 बजे से अगले दिन प्रातः 6:43 बजे तक रहेगा. निशीथ काल में जो भक्त पूजन करना चाहे उनके लिए मध्यरात्रि 12:12 बजे से 1:01 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा.

लाभ प्राप्ति के लिए कैसे करें भोलेनाथ का अभिषेक

भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए कुंवारी कन्याएं अच्छे वर के लिए भगवान शिव की आराधना जरूर करें. पूजन में कन्याएं गाजर, बेल, मोगरी और बिल रस से भोलेनाथ का अभिषेक करें. भगवान शंकर को पूजा के दौरान मां पार्वती और शिव शंकर को सात मोली के लपटे लगाए और साथ ही मां को मेहंदी लगाए. साथ ही श्रृंगार का सामान पार्वती जी के चरणों में अर्पित कीजिए, इससे अच्छे वर की प्राप्ति होगी.

इसके अलावा जो स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं और उन्हें काफी समय से सफलता नहीं मिल रही है, उन्हें विद्याप्राप्ति के लिए भगवान शिव की पूजा के दौरान मोर पंख चढ़ाएं. भगवान शिव का दूध, दही, शहद, घी, बुरा में गंगाजल का मिश्रण करके पंचामृत अभिषेक करें. इससे निश्चित ही छात्र-छात्राओं को सफलता प्राप्त होगी.

पढ़ें- महाशिवरात्रि स्पेशल: डूंगरपुर का देवसोमनाथ मंदिर, 12वीं सदी का यह मंदिर टिका है 148 पिलरों पर, जिसमें न ईंट लगी और न सीमेंट

कोरोना महामारी के दौरान अपने व्यापार को लेकर जो व्यापारी चिंतित हैं और अभी आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं, उन्हें व्यापार में सफलता और आर्थिक लाभ के लिए भगवान शिव आशुतोष की पूजा के दौरान दूध में भांग व बुरा मिलाकर अभिषेक कीजिए.

पुत्र रत्न प्राप्ति, मानसिक पीड़ा और कोर्ट-कचहरी से परेशान ऐसे करें अभिषेक

जो माता-बहनें पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि पर पूजन करना चाहती हैं, वे दूध में शुगर पाउडर का मिश्रण करके भोलेनाथ का अभिषेक करें और शुद्ध जल से स्नान कराएं. साथ ही 108 बेलपत्र चढ़ाएं, इससे निश्चित ही पुत्र रत्न की मनोकामना पूर्ण होगी. वहीं, जो मानसिक उलझन और दिमागी परेशानियों से जूझ रहे हैं, ऐसे व्यक्ति पानी में भांग, दूध, मेवा मिलाकर उसे घोटकर भगवान को अर्पण करें. साथ ही शिव परिवार को नए वस्त्र धारण जरूर कराएं.

इसके अलावा जो व्यक्ति कोर्ट-कचहरी से परेशान हो रहे हैं और मुकदमों को लेकर जूझ रहे हैं, वो सरसों या तिल के तेल के साथ शुद्ध जल से भोलेनाथ का अभिषेक करें. इस दौरान ध्यान रखें कि मंत्रोच्चार में किसी प्रकार की कोई त्रुटि ना हो.

धार्मिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है. व्रत रखने वाले व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है. जो अविवाहित जातक है और मनचाहा वर-वधु पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है. वहीं, अगर किसी कन्या की शादी में बाधाएं आ रही तो उसे यह व्रत जरूर रखना चाहिए. इस व्रत के माध्यम से उसकी समस्या हल हो जाएगी. दांपत्य जीवन में यह व्रत खुशियां लाता है.

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