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Maharaja College Land Acquisition : NSUI ने अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ दी आंदोलन की चेतावनी, जानिए पूरा मामला...

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Published : Jul 18, 2022, 10:06 PM IST

Updated : Jul 19, 2022, 11:00 AM IST

महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण के मामले में एनएसयूआई ने प्रशासन और ब्यूरोक्रेट्स पर सरकार को भ्रमित करने का आरोप लगाया (NSUI allegations on bureaucrats) है. जमीन अवाप्ति का आदेश वापस नहीं लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. अपनी ही सरकार के निर्णय के खिलाफ खड़े एनएसयूआई ने सड़क चौड़ी करने के मामले में भी पुनर्विचार की मांग की है. वहीं, संगठन के अन्य छात्रों ने सीसीटीवी कैमरे, छात्रावासों की संख्या और इनमें सीट वृद्धि को जैसी मांगों को लेकर कुलपति सचिवालय में ज्ञापन दिया.

Maharaja College land acquisition: NSUI allegations on bureaucrats and warning of agitation
एनएसयूआई ने अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ दी आंदोलन की चेतावनी, जानिए पूरा मामला

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव होंगे या नहीं, इस पर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लेकिन छात्र नेताओं का अभी से शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. एक तरफ एनएसयूआई विश्वविद्यालय में महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण के मामले (Maharaja College land acquisition) को लेकर अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ धरने पर बैठी (NSUI protest in land acquisition) है, तो वहीं एनएसयूआई के दूसरे छात्र नेता 2018 से बंद पड़े सीसीटीवी कैमरा को शुरू करने, छात्रावासों की संख्या बढ़ाने, छात्रावासों में सीट वृद्धि और बीकॉम के जिन छात्रों के परीक्षा में 0 अंक आए हैं उनका पुनर्मूल्यांकन करने जैसी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में ही रैली निकाली. फिर कुलपति सचिवालय पहुंच ज्ञापन सौंपा. बाद में जमीन अधिग्रहण मामले में जेडीए सचिव उज्ज्वल राठौड़ को भी ज्ञापन दिया.

आईपीडी टावर के लिए महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है. छात्रों ने पहले भी महाराजा कॉलेज की जमीन को विभिन्न योजनाओं के तहत अधिग्रहण करने का हवाला देते हुए कहा कि जेडीए प्रशासन और वहां के ब्यूरोक्रेट्स ने सरकार को भ्रमित कर रखा है. ये छात्रों की जमीन है. जिस पर छात्रों के हित में रेजिडेंशियल कॉलेज बनाया जाना चाहिए. जहां तक विषय सड़क को चौड़ी करने का है, तो इस पर राज्य सरकार और जेडीए प्रशासन को पुनर्विचार करना चाहिए. उधर, एनएसयूआई के छात्र नेता महेश चौधरी ने विभिन्न मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन किया और मांगों का ज्ञापन कुलपति सचिवालय में सौंपा.

NSUI ने दी आंदोलन की चेतावनी

पढ़ें: Uproar in JNVU: एबीवीपी और एनएसयूआई कार्यकर्ता भिड़े, पुलिस ने किया बीच बचाव

ये रही प्रमुख मांगें :

  • परिसर में 2018 से बंद हो चुके CCTV कैमरों को चालू किया जाए.
  • विश्वविद्यालय परिसर (विशेष रूप से छात्र-छात्राओं के हॉस्टल) और संघटक कॉलेजों में नियमित साफ-सफाई, छात्राओं के लिए ई-रिक्शा की सुविधा सुचारू रूप से शुरू की जाए.
  • नव-निर्मित केन्द्रीय पुस्तकालय को अतिशीघ्र चालू किया जाए.
  • विश्वविद्यालय परिसर में पीजी स्तर के 10 छात्रावासों का निर्माण करवाया जाए.
  • महारानी महाविद्यालय में ATM लगवाया जाए.
  • संघटक कॉलेजों के छात्रावासों में सीट वृद्धि की जाए. (प्रत्येक में 100 सीट)
  • कॉमर्स कॉलेज के B.Com के परीक्षा परिणामों में 30 फीसदी विद्यार्थियों के शून्य अंक दिए गए हैं. ऐसे में परिक्षा परिणाम का पुनर्मूल्यांकन करवाया जाए.

पढ़ें: आंदोलन कर रहे छात्रों की कलेक्टर ने ली 'क्लास', एनएसयूआई नेता को भिजवाया थाने, देखें वीडियो

वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने महाराजा महाविद्यालय की जमीन अवाप्ति मामले में जेडीए कार्यालय पहुंच प्रदर्शन (NSUI protest in JDA office) किया. यहां यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के नाम जेडीए सचिव को ज्ञापन सौंपा. इस जमीन को अवाप्त नहीं करने की मांग की. ऐसा नहीं किए जाने पर जेडीए प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव होंगे या नहीं, इस पर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लेकिन छात्र नेताओं का अभी से शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. एक तरफ एनएसयूआई विश्वविद्यालय में महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण के मामले (Maharaja College land acquisition) को लेकर अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ धरने पर बैठी (NSUI protest in land acquisition) है, तो वहीं एनएसयूआई के दूसरे छात्र नेता 2018 से बंद पड़े सीसीटीवी कैमरा को शुरू करने, छात्रावासों की संख्या बढ़ाने, छात्रावासों में सीट वृद्धि और बीकॉम के जिन छात्रों के परीक्षा में 0 अंक आए हैं उनका पुनर्मूल्यांकन करने जैसी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में ही रैली निकाली. फिर कुलपति सचिवालय पहुंच ज्ञापन सौंपा. बाद में जमीन अधिग्रहण मामले में जेडीए सचिव उज्ज्वल राठौड़ को भी ज्ञापन दिया.

आईपीडी टावर के लिए महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है. छात्रों ने पहले भी महाराजा कॉलेज की जमीन को विभिन्न योजनाओं के तहत अधिग्रहण करने का हवाला देते हुए कहा कि जेडीए प्रशासन और वहां के ब्यूरोक्रेट्स ने सरकार को भ्रमित कर रखा है. ये छात्रों की जमीन है. जिस पर छात्रों के हित में रेजिडेंशियल कॉलेज बनाया जाना चाहिए. जहां तक विषय सड़क को चौड़ी करने का है, तो इस पर राज्य सरकार और जेडीए प्रशासन को पुनर्विचार करना चाहिए. उधर, एनएसयूआई के छात्र नेता महेश चौधरी ने विभिन्न मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन किया और मांगों का ज्ञापन कुलपति सचिवालय में सौंपा.

NSUI ने दी आंदोलन की चेतावनी

पढ़ें: Uproar in JNVU: एबीवीपी और एनएसयूआई कार्यकर्ता भिड़े, पुलिस ने किया बीच बचाव

ये रही प्रमुख मांगें :

  • परिसर में 2018 से बंद हो चुके CCTV कैमरों को चालू किया जाए.
  • विश्वविद्यालय परिसर (विशेष रूप से छात्र-छात्राओं के हॉस्टल) और संघटक कॉलेजों में नियमित साफ-सफाई, छात्राओं के लिए ई-रिक्शा की सुविधा सुचारू रूप से शुरू की जाए.
  • नव-निर्मित केन्द्रीय पुस्तकालय को अतिशीघ्र चालू किया जाए.
  • विश्वविद्यालय परिसर में पीजी स्तर के 10 छात्रावासों का निर्माण करवाया जाए.
  • महारानी महाविद्यालय में ATM लगवाया जाए.
  • संघटक कॉलेजों के छात्रावासों में सीट वृद्धि की जाए. (प्रत्येक में 100 सीट)
  • कॉमर्स कॉलेज के B.Com के परीक्षा परिणामों में 30 फीसदी विद्यार्थियों के शून्य अंक दिए गए हैं. ऐसे में परिक्षा परिणाम का पुनर्मूल्यांकन करवाया जाए.

पढ़ें: आंदोलन कर रहे छात्रों की कलेक्टर ने ली 'क्लास', एनएसयूआई नेता को भिजवाया थाने, देखें वीडियो

वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने महाराजा महाविद्यालय की जमीन अवाप्ति मामले में जेडीए कार्यालय पहुंच प्रदर्शन (NSUI protest in JDA office) किया. यहां यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के नाम जेडीए सचिव को ज्ञापन सौंपा. इस जमीन को अवाप्त नहीं करने की मांग की. ऐसा नहीं किए जाने पर जेडीए प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

Last Updated : Jul 19, 2022, 11:00 AM IST
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