जयपुर. चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी बुधवार को है. इस दिन माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. महागौरी की उपासना से भक्तों के सभी तरह के कष्ट और पाप दूर हो जाते हैं. इस दिन मां महागौरी की उपासना बहुत ही खास होती है. महाअष्टमी के दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराना शुभ होता है. इससे विवाह संबंधित सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं.
महाअष्टमी के दिन माता महागौरी का विधि-विधान से पूजन करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है. महागौरी की उपासना से पहले घर में सभी को सफेद वस्त्र पहनने चाहिए. देवी को भी सफेद फूल, बेली, चमेली की माला अर्पित करें. इसके बाद मां को नारियल का भोग चढ़ाएं. वहीं फिर प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में बांट दें. इसके अलावा पूजन के दौरान माता की विशेष आरती करने से मां अवश्य प्रसन्न होती हैं. साथ ही प्रत्येक दिन की तरह देवी की मंत्र के साथ पूजा करें. इस दिन महिलाएं अपने पति के लिए मां को चुनरी अर्पित करती है. इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा को खुश करने का सबसे आसान उपाय है कन्या पूजन. जिस भक्त ने मां के इस पावन नवरात्रि में व्रत नहीं रखे हैं, वे भी कन्या पूजन कर मां का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. कथाओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी. जिससे इनका शरीर काला पड़ गया. जिसके बाद भगवान ने प्रसन्न होकर इन्हें स्वीकार कर लिया. फिर इनके शरीर को गंगाजल से धोया, तब देवी अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं. तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा.