जयपुर. कोविड-19 संक्रमण के बीच जहां एक ओर आमजन महंगाई से त्रस्त है तो वहीं महंगाई का बढ़ना लगातार जारी है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही है, जिसके बाद अब आमजन का दो वक्त का खाना बनाना भी महंगा होता जा रहा है. घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
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इसी बीच प्रदेश के 1 करोड़ 60 लाख एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए झटका देने वाली खबर है. केंद्र की ओर से घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है. घरेलू गैस सिलेंडर ₹25 महंगा हो गया है, जिसके बाद अब उपभोक्ताओं को घरेलू गैस सिलेंडर 838.50 रुपए की बजाए 863.50 रुपए में उपलब्ध होगा.
करीब 15 माह की बात की जाए तो केंद्र की ओर से घरेलू गैस सिलेंडर पर दी जा रही सब्सिडी भी रोक दी गई है. ऐसे में पूरा भार आम उपभोक्ताओं पर पड़ने लगा है. एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन ऑफ राजस्थान के महासचिव कार्तिकेय गौड़ ने बताया कि हाल ही में कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों पर भी बढ़ोतरी की गई थी और अब एक बार फिर घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है.
इस साल 7 महीने में 6वीं बार बढ़ाए दाम
4 फरवरी- 25 रुपए (698 से बढ़कर 723 रुपए)
15 फरवरी- 50 रुपए (723 से बढ़कर 773 रुपए)
25 फरवरी- 25 रुपए (773 से बढ़कर 798 रुपए)
1 मार्च- 25 रुपए (798 रुपए से बढ़कर 823 रुपए)
1 अप्रैल- 10 रुपए घटाए (823 रुपए से कम होकर 813 रुपए)
1 जुलाई- 25.50 रुपए बढ़ाए (813 से बढ़ाकर 838.50 रुपए)
8 अगस्त- 25 रुपए बढ़ाए ( 838.50 से बढ़कर 863.50 रुपए)
19 किलो वाले सिलेंडर के बढ़े थे दाम
बता दें, कुछ दिनों पहले 19 किलो वाले एलपीजी के सिलेंडर के दाम में 73 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई थी. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली में अब इसका रेट 1550 से बढ़कर 1623 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया था. राजस्थान की बात करें तो कॉमर्शियल सिलेंडर पर 72.50 रुपए की वृद्धि की गई थी, जिसके बाद इसकी कीमत 1644.50 रुपए पर पहुंच गई है.
वहीं, कोलकाता में अब यह 1629 रुपये के बजाय 1701.50 रुपये में मिलेगा. जहां तक मुंबई की बात है तो अब यह 1507 से बढ़कर 1579.5 रुपये और चेन्नई में 1687.50 रुपये से 1761 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है.
सब्सिडी हुई बंद
जहां एक ओर घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तो वहीं केंद्र सरकार की ओर से घरेलू गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी अघोषित रूप से बंद कर दी गई है. तकरीबन बीते 15 महीनों से घरेलू गैस पर उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिल पा रही है. राजस्थान की बात करें तो करीब एक करोड़ 60 लाख उपभोक्ता इससे प्रभावित हो रहे हैं. एक ओर कोविड-19 संक्रमण के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर घरेलू गैस के बढ़ते दामों के चलते भी आमजन त्रस्त है. इसके अलावा सब्सिडी को भी बंद कर दिया गया है तो ऐसे में दो वक्त की रोटी पकाना भी अब मुश्किल होता नजर आ रहा है.
कैसे तय होती रसोई गैस की कीमत
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले फाइनैंशल ईयर 2020-2021 में एलपीजी की खपत 276 लाख टन रही. 2021 के मार्च तक एलपीजी की खपत 7.3 प्रतिशत बढ़ी थी. भारत अपनी खपत का 50 प्रतिशत से अधिक विदेश से आयात करता है. प्राइस रिवाइजिंग पैटर्न के चलते रोज सुबह 6 बजे एलपीजी की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के रेट के हिसाब से बदलती रहती है. एलपीजी के रेट इंपोर्ट पैरिटी प्राइस (IPP) के आधार पर तय होते हैं. आईपीपी का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोलियम प्रोडक्ट की कीमतों से होता है. सऊदी अरामको की ओर से तय मानक के आधार पर रेट निर्धारित होते हैं.
सरकार लेती है सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी
जब गैस देश में आ जाती है तो एलपीजी कंपनियां देश में बॉटलिंग, स्थानीय ढुलाई, मार्केटिंग कॉस्ट, ओएमसी के लिए मार्जिन, डीलर कमीशन और जीएसटी आदि जोड़कर गैस की कीमत तय करती है. 14.2 किलो के एक सिलेंडर पर कुल डीलर डिस्ट्रीब्यूशन कमीशन 61.84 रुपये है. इसमें इस्टैब्लिशमेंट चार्ज 34.24 रुपये और डिलवरी चार्ज 27.60 रुपये शामिल है. एलपीजी ( LPG) सिलेंडर पर कुल 5 प्रतिशत जीएसटी लगती है. 2.5 पर्सेंट केंद्र सरकार और 2.5 पर्सेंट राज्य सरकार वसूलती है.
अपने बिल को ध्यान से देखें. बेस प्राइस के नीचे सीजीएसटी और एसजीएसटी के रेट लिखे होते हैं. हर शहर में एलपीजी की कीमत अलग-अलग होती है. यह कीमत सप्लाई करने वाली कंपनी पर निर्भर करती है. हर शहर में एलपीजी की कीमत अलग-अलग होती है. यह कीमत सप्लाई करने वाली कंपनी पर निर्भर करती है.