ETV Bharat / city

नहीं हुई सुनवाई, अब गुरुवार और शुक्रवार को सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा रहेगी बाधित

author img

By

Published : Oct 20, 2021, 1:03 PM IST

विभिन्न मांगों को लेकर जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों ने 21 और 22 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. नतीजन सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा की लो फ्लोर बसें के पहिए इन दो दिनों के लिए थम जाएंगे, इससे यात्रियों को परेशानी होगी.

low floor
low floor

जयपुर. शहर में 21 और 22 अक्टूबर को सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा की लो फ्लोर बसों के पहिए थम जाएंगे. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों ने हड़ताल का एलान किया था. कर्मचारियों की मांगों को लेकर अब तक प्रशासन की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई है, इसलिए हड़ताल जारी रहेगी. इससे लो-फ्लोर बसों से यात्रा करने वाले करीब एक लाख लोगों को 2 दिन अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी उठानी पड़ेगी.

राजधानी के टोडी, बगराना और विद्याधर नगर डिपो से शहर के 25 रूटों पर 225 लो-फ्लोर बसें संचालित होती हैं. इनमें 47 मिडी बसें शामिल हैं. इन बसों में हर दिन औसतन 1 लाख यात्री सवारी करते हैं. इससे जेसीटीएसएल को करीब 20 लाख रुपए की आमदनी होती है. गुरुवार और शुक्रवार को ये बसें संचालित नहीं होंगी. इससे न सिर्फ जेसीटीएसएल को करीब 40 लाख रुपए का नुकसान होगा, बल्कि इन बसों में सफर करने वाली एक लाख से ज्यादा सवारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

पढ़ें: महेश जोशी ने खत्म करवाया उपेन यादव व अन्य पांच बेरोजगारों का अनशन, बची हुई मांगों पर आज बनाएंगे रणनीति

दरअसल, जेसीटीएसएल के कर्मचारी 4 अक्टूबर से सातवें वेतनमान को लागू करने, नॉन-रेगुलर कर्मचारियों को नियमित करने और एरियर के भुगतान जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. उसी दिन कर्मचारियों ने 21 और 22 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी थी. लेकिन कर्मचारियों की मांगे पूरी करना तो दूर, उनकी सुनवाई के लिए भी प्रशासन आगे नहीं आया. नतीजन कर्मचारियों ने इस हड़ताल को आगे बढ़ाने की चेतावनी दी है.

ये हैं प्रमुख मांगें.

राजस्व संग्रहण सप्ताह की आड़ में बनाए गए अव्यवहारिक और विधि विरुद्ध नियमों सहित नियुक्ति की शर्त संख्या 10 को निरस्त किया जाए, साथ ही राजस्व मूलक निरीक्षण प्रणाली बनाई जाए. मुख्यालय में लगे परिचालकों को तुरन्त हटाकर रुट पर ड्यूटी लगाई जाए. सातवें वेतमान को लागू किया जाए. बकाया एरियर का एकमुश्त भुगतान किया जाए. नॉन-रेगुलर को रेगुलर, अपील सुनवाई और अपील से बहाल हुए कर्मचारियों का पदस्थापन किया जाए. बकाया बोनस-एक्सग्रेसिया का भुगतान किया जाए. ऑफिसियल कार्मिकों और परिचालकों की नई भर्ती की जाए. नवनिर्मित बगराना आगार के शिड्यूलों का 8 घंटे की ड्यूटी के आधार दोबारा निर्धारण कर समय सारणी बनाई जाए. सभी रूटों के प्रारंभिक और अंतिम स्टॉपेज पर महिला परिचालकों के लिए सुलभ शौचालय की व्यवस्था की जाए.

पढ़ें: रेल पटरी क्रॉस करते मालगाड़ी की चपेट में आने से राजस्थान पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत

बीते दिनों परिवहन विभाग ने 15 साल से पुरानी मिनी बसों पर रोक लगाने के संबंध में 260 मिनी बस संचालकों को नोटिस भेजा था. इसके बाद राजधानी के 33 रूटों पर चल रही इन बसों की संख्या में भी कमी आई है. ऐसे में जब शहर में लो फ्लोर बसें संचालित नहीं होंगी, उस दौरान इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों को ऑटो, ई-रिक्शा और कैब पर अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी.

जयपुर. शहर में 21 और 22 अक्टूबर को सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा की लो फ्लोर बसों के पहिए थम जाएंगे. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों ने हड़ताल का एलान किया था. कर्मचारियों की मांगों को लेकर अब तक प्रशासन की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई है, इसलिए हड़ताल जारी रहेगी. इससे लो-फ्लोर बसों से यात्रा करने वाले करीब एक लाख लोगों को 2 दिन अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी उठानी पड़ेगी.

राजधानी के टोडी, बगराना और विद्याधर नगर डिपो से शहर के 25 रूटों पर 225 लो-फ्लोर बसें संचालित होती हैं. इनमें 47 मिडी बसें शामिल हैं. इन बसों में हर दिन औसतन 1 लाख यात्री सवारी करते हैं. इससे जेसीटीएसएल को करीब 20 लाख रुपए की आमदनी होती है. गुरुवार और शुक्रवार को ये बसें संचालित नहीं होंगी. इससे न सिर्फ जेसीटीएसएल को करीब 40 लाख रुपए का नुकसान होगा, बल्कि इन बसों में सफर करने वाली एक लाख से ज्यादा सवारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

पढ़ें: महेश जोशी ने खत्म करवाया उपेन यादव व अन्य पांच बेरोजगारों का अनशन, बची हुई मांगों पर आज बनाएंगे रणनीति

दरअसल, जेसीटीएसएल के कर्मचारी 4 अक्टूबर से सातवें वेतनमान को लागू करने, नॉन-रेगुलर कर्मचारियों को नियमित करने और एरियर के भुगतान जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. उसी दिन कर्मचारियों ने 21 और 22 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी थी. लेकिन कर्मचारियों की मांगे पूरी करना तो दूर, उनकी सुनवाई के लिए भी प्रशासन आगे नहीं आया. नतीजन कर्मचारियों ने इस हड़ताल को आगे बढ़ाने की चेतावनी दी है.

ये हैं प्रमुख मांगें.

राजस्व संग्रहण सप्ताह की आड़ में बनाए गए अव्यवहारिक और विधि विरुद्ध नियमों सहित नियुक्ति की शर्त संख्या 10 को निरस्त किया जाए, साथ ही राजस्व मूलक निरीक्षण प्रणाली बनाई जाए. मुख्यालय में लगे परिचालकों को तुरन्त हटाकर रुट पर ड्यूटी लगाई जाए. सातवें वेतमान को लागू किया जाए. बकाया एरियर का एकमुश्त भुगतान किया जाए. नॉन-रेगुलर को रेगुलर, अपील सुनवाई और अपील से बहाल हुए कर्मचारियों का पदस्थापन किया जाए. बकाया बोनस-एक्सग्रेसिया का भुगतान किया जाए. ऑफिसियल कार्मिकों और परिचालकों की नई भर्ती की जाए. नवनिर्मित बगराना आगार के शिड्यूलों का 8 घंटे की ड्यूटी के आधार दोबारा निर्धारण कर समय सारणी बनाई जाए. सभी रूटों के प्रारंभिक और अंतिम स्टॉपेज पर महिला परिचालकों के लिए सुलभ शौचालय की व्यवस्था की जाए.

पढ़ें: रेल पटरी क्रॉस करते मालगाड़ी की चपेट में आने से राजस्थान पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत

बीते दिनों परिवहन विभाग ने 15 साल से पुरानी मिनी बसों पर रोक लगाने के संबंध में 260 मिनी बस संचालकों को नोटिस भेजा था. इसके बाद राजधानी के 33 रूटों पर चल रही इन बसों की संख्या में भी कमी आई है. ऐसे में जब शहर में लो फ्लोर बसें संचालित नहीं होंगी, उस दौरान इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों को ऑटो, ई-रिक्शा और कैब पर अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.