जयपुर. शासन सचिवालय जहां पर प्रदेश की सरकार अपना कामकाज करती है. ब्यूरोक्रेसी के टॉप मुखिया इसी सचिवालय में बैठते हैं. इसी सचिवालय से प्रदेश के लिए नियम कानून और योजनाएं बनती है. सचिवालय के मुख्य द्वार के ठीक सामने प्रथम पूज्य गणेश जी का मंदिर है. पिछले कुछ वक्त से इस मंदिर में घंटी की धुन सुनाई देना बंद हो गई थी. लेकिन अब एक बार फिर नवरात्रि में यहां पर आने वाले कर्मचारी और अधिकारियों को प्रथम पूजनीय गणेश जी के मंदिर की घंटी की मधुर धुन सुनाई देने लगी है.
दरअसल कोरोना संक्रमण के बीच फिजिकल कांटेक्ट को रोकने के लिए मंदिर की घंटी को छूने पर रोक लगा दी थी. लेकिन अब यह आस्था की घंटी बंद नहीं होगी. क्योंकि मंदिर परिसर में लगे इस घंटी को सेंसर युक्त कर दिया गया है. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ फिजिकल कांटेक्ट की गाइडलाइन की भी पालना होगी. साथ ही फिजिकल कांटेक्ट की वजह से फैलने वाले संक्रमण का खतरा भी खत्म होगा.
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ऐसा नहीं है कि सचिवालय में एकमात्र गणेश जी का ही मंदिर है. दूसरे छोर पर राज राजेश्वर महादेव मंदिर भी है, जहां पर भी इसी तरह से मंदिर में सेंसर घंटी लगाई गई है. सचिवालय कर्मचारियों की माने तो इस ऑटोमेटिक सेंसर घंटी से कर्मचारी बिना छूए घंटी बजा सकते हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते असर को देखते हुए दोनों ही मंदिरों में घंटी को ना छूने की हिदायत दी गई थी. इसके बाद कर्मचारी मंदिर की चौखट पर अपना सिर तो जरूर टेकते थे. लेकिन घंटी नहीं बजा सकते थे. अब सेंसर युक्त घंटी लगने से कर्मचारी काफी खुश है. कर्मचारियों को लगता है कि नवरात्रि में भगवान शिव और गणेश की मंदिर से मधुर घंटी की धूनी भी अब कानों तक पहुंचेगी और सभी को आनंदित करेगी.