जयपुर. राजधानी जयपुर में रविवार को हुए हादसे के बाद उसी दिन देर रात तक करीब 30 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया था. जिनमें से 11 मृतक और डेढ़ दर्जन से अधिक घायल थे. सोमवार अलसुबह से फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया.
एसडीआरएफ (SDRF) का सर्च ऑपरेशन करीब 16 घंटे से लगातार जारी है. एसडीआरएफ के जवान जंगल की झाड़ियों में घुसकर सर्च कर रहे हैं. इसके साथ ही ड्रोन से भी सर्च किया जा रहा है. हालांकि, इलाके में अभी तक कोई भी घायल व मृतक नहीं मिला है.
ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया, जहां पर देखा गया कि वॉच टावर (Watch Tower) पर बिजली गिरने से एक छोटा हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हुआ है. इसके साथ ही घायल और मृतकों के जूते-चप्पल भी ऊपर पड़े हुए हैं. पहाड़ी की चोटी पर दो वॉच टावर बने हुए हैं. दोनों वॉच टावर पर आकाशीय बिजली गिरी थी. बिजली गिरने से वॉच टावर के बाहर खड़े लोग ज्यादा झुलस गए, जिनकी मौत हुई है. वहीं वॉच टावर के अंदर मौजूद लोग घायल हुए हैं.
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एसडीआरएफ के जवानों के मुताबिक रविवार देर शाम को जब हादसा हुआ तो उस वक्त काफी भयावह स्थिति थी. दोनों वॉच टावर के आसपास चीख-पुकार मची हुई थी. घायल लोग अपनी जान बचाने के लिए पुकार रहे थे. एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद घायलों को पहाड़ी से नीचे उतारकर एंबुलेंस की सहायता से सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचाया.
2000 फीट ऊंचाई पर है वॉच टावर- पहाड़ी की ऊंचाई करीब 2000 फीट है. इतनी ऊंचाई से घायल और मृतकों को नीचे उतारना काफी चुनौतीपूर्ण रहा. यहां अकेले आदमी का चढ़ना ही काफी मुश्किल रहता है. ऐसे में एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के जवानों ने अपनी बहादुरी दिखाते हुए घायलों और मृतकों को नीचे उतारा.
वॉच टावर से आमेर महल का नजारा दिखता है अद्भुत- वॉच टावर से आमेर महल का नजारा अद्भुत दिखता है. इसी नजारे को देखने के लिए पर्यटक पहाड़ी पर स्थित वॉच टावर पर पहुंचते हैं. रविवार शाम को बारिश होने के बाद मौसम खुशनुमा हो गया था. मौसम का लुत्फ उठाने और फोटो वीडियो बनाने के लिए पर्यटक ऊपर चढ़े थे, लेकिन अचानक आकाशीय बिजली गिरने से हादसा हो गया.