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कोरोना से मौत हुई कर्मचारियों को बीमा राशि नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र - कर्मचारियों की बीमा राशि

कोरोना वायरस से मौत हुई कर्मचारियों को 50 लाख रुपए की बीमा राशि नहीं मिलने पर राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ ने नाराजगी जताई है. साथ ही महासंघ ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को भी पत्र लिखा है.

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कोरोना से मौत हुई कर्मचारियों को बीमा राशि नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
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Published : May 21, 2021, 5:18 AM IST

जयपुर. राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ ने कोरोना से मौत होने के बाद विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को 50 लाख रुपए नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है और इस संदर्भ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला को पत्र भी लिखा है. राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान अपनी ड्यूटी करते समय जिन कर्मचारियों की कोरोना से मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 50 लाख सहायता राशि दी जाएगी, लेकिन खेद का विषय है कि पिछली कोरोना महामारी के दौरान दिवंगत हुए किसी भी निगम के कर्मचारी और अधिकारियों को अभी तक राशि नहीं दी गई है.

उसके बाद भी वर्तमान समय में इस महामारी में विद्युत विभाग का कर्मचारी अधिकारी लगातार 24 घंटे विद्युत की निर्वाध आपूर्ति के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहा है. दूसरे दौर की महामारी में भी सरकार से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हुए विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. अतः संगठन आपसे मांग करता है कि शीघ्र ही उन परिवारों को 50 लाख सहायता के लिए राशि उपलब्ध कराई जाए, ताकि जिन कर्मचारियों/ अधिकारियों ने इलाज में लाखों रुपए लगाए तथा तथा निगम प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार से उनकी आर्थिक सहायता नहीं की गई, जिससे वर्तमान में उन परिवारों के आर्थिक हालात खराब हो गए हैं.

निगम प्रशासन और सरकार को इस और भी ध्यान देने की आवश्यकता है यदि उन्हें समय पर 50 लाख रुपये की सहायता राशि नहीं मिलती है तो, उन्हें बड़ी भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार और निगम प्रशासन इस पर कोई फैसला नहीं लेती है, तो बिजली के कर्मचारी और अधिकारियों को कड़ा फैसला लेना पड़ सकता है, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.

यह भी पढ़ें- Exclusive: प्रधानमंत्री के साथ VC में बीकानेर के ऑक्सीजन मॉडल की चर्चा

इसके अलावा राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को कोरोन से बीमार हुए कर्मचारियों और अधिकारियों को विशेष छुट्टियां देने की भी मांग की और इस संबंध में उन्हें पत्र भी लिखा है. महासंघ ने कहा कि बिजली का कर्मचारी निरंतर अपनी और अपने परिवार की जान को जोखिम में डालकर भी सरकार से कंधे से कंधा मिलकर हॉस्पिटल, ऑक्सीजन प्लांट, वैक्सीन संग्रह तथा आम उपभोक्ताओं को निरंतर 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. संगठन आपसे मांग करता है कि जो भी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसे अलग से कोरोना के इलाज के दौरान तथा जो कर्मचारी कोरोना महामारी से दिवंगत हुए हैं, उन कर्मचारियों की मेडिकल और अन्य तरह की छुट्टियां नहीं काटकर कर्मचारियों को अलग विशेष छुट्टियों को दिलवाने की मांग की है.

जयपुर. राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ ने कोरोना से मौत होने के बाद विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को 50 लाख रुपए नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है और इस संदर्भ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला को पत्र भी लिखा है. राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान अपनी ड्यूटी करते समय जिन कर्मचारियों की कोरोना से मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 50 लाख सहायता राशि दी जाएगी, लेकिन खेद का विषय है कि पिछली कोरोना महामारी के दौरान दिवंगत हुए किसी भी निगम के कर्मचारी और अधिकारियों को अभी तक राशि नहीं दी गई है.

उसके बाद भी वर्तमान समय में इस महामारी में विद्युत विभाग का कर्मचारी अधिकारी लगातार 24 घंटे विद्युत की निर्वाध आपूर्ति के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहा है. दूसरे दौर की महामारी में भी सरकार से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हुए विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. अतः संगठन आपसे मांग करता है कि शीघ्र ही उन परिवारों को 50 लाख सहायता के लिए राशि उपलब्ध कराई जाए, ताकि जिन कर्मचारियों/ अधिकारियों ने इलाज में लाखों रुपए लगाए तथा तथा निगम प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार से उनकी आर्थिक सहायता नहीं की गई, जिससे वर्तमान में उन परिवारों के आर्थिक हालात खराब हो गए हैं.

निगम प्रशासन और सरकार को इस और भी ध्यान देने की आवश्यकता है यदि उन्हें समय पर 50 लाख रुपये की सहायता राशि नहीं मिलती है तो, उन्हें बड़ी भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार और निगम प्रशासन इस पर कोई फैसला नहीं लेती है, तो बिजली के कर्मचारी और अधिकारियों को कड़ा फैसला लेना पड़ सकता है, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.

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इसके अलावा राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को कोरोन से बीमार हुए कर्मचारियों और अधिकारियों को विशेष छुट्टियां देने की भी मांग की और इस संबंध में उन्हें पत्र भी लिखा है. महासंघ ने कहा कि बिजली का कर्मचारी निरंतर अपनी और अपने परिवार की जान को जोखिम में डालकर भी सरकार से कंधे से कंधा मिलकर हॉस्पिटल, ऑक्सीजन प्लांट, वैक्सीन संग्रह तथा आम उपभोक्ताओं को निरंतर 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. संगठन आपसे मांग करता है कि जो भी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसे अलग से कोरोना के इलाज के दौरान तथा जो कर्मचारी कोरोना महामारी से दिवंगत हुए हैं, उन कर्मचारियों की मेडिकल और अन्य तरह की छुट्टियां नहीं काटकर कर्मचारियों को अलग विशेष छुट्टियों को दिलवाने की मांग की है.

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