जयपुर. वामपंथी दलों की ओर से मंगलवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर महंगाई और बेरोजगारी के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला (Left parties protest against inflation and unemployment) है. इस दौरान वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं की पुलिस से नोकझोक भी देखने को मिली. इसे लेकर वामपंथी दलों ने पुलिस और सरकार के खिलाफ नाराजगी भी जताई.
दरअसल वामपंथी दलों की ओर से राष्ट्रीय आह्वान पर 25 से 31 मई तक बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. अंतिम दिन जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर वामपंथी दलों की ओर से प्रदर्शन का कार्यक्रम भी रखा गया. वामपंथी दलों के कार्यकर्ता खासाकोठी सर्किल से जिला कलेक्ट्रेट तक रैली के रूप में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पहुंचे. जब रैली जिला कलेक्ट्रेट पहुंची तो पुलिस अधिकारियों ने वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं से तय स्थान पर प्रदर्शन करने की अपील की, लेकिन वामपंथी दलों ने इनकार कर दिया. वे जिला कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर प्रदर्शन करने की जिद करने लगे. इस दौरान रोकने पर वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं और पुलिस में नोकझोक भी देखने को मिली. पुलिस को गच्चा देकर आखिरकार वामपंथी दलों के कार्यकर्ता जिला कलेक्ट्रेट के गेट नंबर एक पर पहुंच गए और महंगाई और बेरोजगारी के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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पुलिस ने एहतियात के तौर पर जिला कलेक्ट्रेट का गेट बंद कर दिया. गेट पर वामपंथी दलों ने करीब 45 मिनट तक तक प्रदर्शन किया. वामपंथी दलों के इस प्रदर्शन का ट्रैफिक व्यवस्था पर भी असर देखने को मिला. कलेक्ट्रेट के गेट नंबर एक के सामने दो तरफा यातायात चलता है, लेकिन वामपंथी दलों के प्रदर्शन के कारण करने 45 मिनट तक ट्रैफिक रेंग रेंग कर चला. इसके कारण गर्मी में आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. वामपंथी दलों के नेताओं ने मुख्य गेट पर ही कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. प्रदर्शन करने के बाद 5 कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम अतिरिक जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया.
वामपंथी दलों के नेताओं ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों में 70 फीसदी बढ़ोतरी के साथ ही अन्य खाद्य सामग्रियों के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जिसकी वजह से आम जन अपना घर खर्च भी नहीं चला पा रही. लगातार पेट्रोल उत्पादों के दाम और महंगाई बढ़ने से मुद्रास्फीति भी लगातार बढ़ रही है. वामपंथी दलों की केन्द्र सरकार से मांग की कि सरकार सभी पेट्रोलियम उत्पादों पर सभी उपकर अधिभार तुरंत वापस लें और कीमत बढ़ोतरी विशेष रूप से रसोई गैस सिलेंडरों की कीमतों में बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेकर जनता को राहत दें. गैस सिलेंडरों पर बन्द सब्सिडी को फिर से शुरू करने की भी मांग की. इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से गेहूं की आपूर्ति बहाल करने, सभी आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर दालों और खाद्य तेल का वितरण करके पीडीएस को मजबूत करने, मनरेगा के लिए बजट आवंटन में वृद्धि करने, बेरोजगारी भत्ता योजना के लिए केन्द्रीय कानून बनाने की भी मांग की.