जयपुर. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों से मारपीट करने और उन पर गोली चलाने के विरोध में सोमवार को हाईकोर्ट सहित शहर की निचली अदालतों में वकीलों ने न्यायिक कार्यो का बहिष्कार किया. इस दौरान वकीलों ने मुकदमों में पैरवी नहीं की. हालांकि, हाईकोर्ट में पक्षकारों की सुविधा के लिए बार एसोसिएशन की ओर से हर कोर्ट में दो-दो वकील प्रॉक्सी अधिवक्ता के तौर पर नियुक्त किए गए.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव मान सिंह मीणा ने बताया कि वकीलों पर हुई कार्रवाई के विरोध में जहां वकीलों ने न्यायिक कार्यो का बहिष्कार किया. वहीं, पक्षकारों के प्रति अपनी जिम्मेदारी दर्शाते हुए एसोसिएशन की ओर से हर कोर्ट में 2 वकील प्रॉक्सी अधिवक्ता के तौर पर नियुक्त किए गए. इन प्रॉक्सी वकीलों ने मुकदमों की सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष पक्ष रखने में पक्षकारों की मदद की.
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वकीलों पर गोली चलाने के विरोध में दी बार एसोसिएशन और डिस्ट्रीक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन की ओर से भी अधीनस्थ और राजस्व अदालतों में पैरवी नहीं की गई. वकीलों ने अदालत परिसर में रैली निकाल कर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर मामले में कठोर कार्रवाई करने की मांग की है.
वकीलों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में दी बार एसोसिएशन जयपुर और दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जयपुर के बैनर तले बड़ी संख्या में वकील नारेबाजी करते हुए पहुंचे. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में इन वकीलों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष अनिल चौधरी और दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा के नेतृत्व में वकीलों ने जयपुर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव को दिल्ली के हजारी कोर्ट में हुई मारपीट के विरोध में ज्ञापन सौंपा.
बता दें कि वकीलों ने राजस्थान में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर यह ज्ञापन दिया. वहीं, वकीलों ने कलेक्टर के सामने दिल्ली में वकीलों के साथ ही मारपीट पर नाराजगी जाहिर की. डिस्ट्रिक्ट एडवोकेटस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि दोबारा हजारी कोर्ट जैसी घटना नहीं हो इसलिए वकीलों की ओर से एडवोकट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की जा रही है.
अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बताया कि जयपुर समेत इस तरह की घटनाएं कई राज्यों में वकीलों के साथ हो चुकी है. इसलिए हम लोग एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं. चौधरी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि एडवोकेटस प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होता है तो वकील कोई उग्र आंदोलन भी कर सकते हैं. वकीलों के आक्रोश को शांत करने के लिए वे सरकार से मांग करते हैं कि एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट जल्द से जल्द लागू किया जाए.