जयपुर. सोमवार को साल 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण है. कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह चंद्रग्रहण उपच्छाया ग्रहण है. अर्थात इसका कोई सूतक काल नहीं होगा. चंद्रग्रहण ब्रह्मांड की एक खगोलीय घटना है और यह पृथ्वी से मिलों दूर घटित होती है. लेकिन इसके बावजूद इसका मानव जीवन पर असर होता है. ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 1.02 बजे एक छाया से पहला स्पर्श दिखेगा और फिर दोपहर 3.11 बजे पर परमग्रास चंद्रग्रहण होगा. वहीं शाम 5.24 बजे पर उपच्छाया से अंतिम स्पर्श होगा.
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हालांकि राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में ये खगोलीय घटना दिखाई नहीं देगी और इसका प्रभाव भी विशेष नहीं है. किसी भी ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर देखा जाता है, लेकिन इस ग्रहण का कोई सूतक काजल नहीं होगा. ऐसे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस ग्रहण का कोई सूतक काल नहीं होता, वह ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता. लेकिन फिर भी चंद्रग्रहण की समयावधि में इष्टदेव की उपासना करें और ॐ श्रीकृष्णाय नमः का जप श्रेष्ठ रहेगा.