जयपुर . राजस्थान विधानसभा में जब से चुनाव में 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए देने का संकल्प पारित हुआ है. उसके बाद से हर किसी की नजर इस पर टिकी हुई है कि इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कितने महिलाओं को टिकट देती है. राज्य की विभिन्न लोकसभा सीटों से दावेदारी ठोक रही महिलाओं को भी पार्टी से अधिक टिकट मिलने की आस लगी हुई है. हालांकि, 2014 में कांग्रेस ने अब तक की सबसे ज्यादा 6 टिकट महिलाओं को दिया था, लेकिन, उनमें से कोई भी चुनाव नहीं जीत सका.
कांग्रेस की ओर से संकल्प पारित होने के बाद से बड़ी संख्या में महिला दावेदार टिकट की लाइन में लग गई हैं. राज्य में 25 में से 21 सीटों पर महिला दावेदारों ने टिकट को लेकर दावेदारी ठोकी है. हालांकि, चार सीटें ऐसी हैं जहां से महिलाओं की गंभीर दावेदारी सामने नहीं आई है. इन सीटों में अलवर, जालौर, सिरोही भरतपुर, धौलपुर- करौली की सीट शामिल है. बाकी बची की सीटों पर महिलाएं मजबूती से अपना दावा ठोकती नजर आ रही हैं. राजस्थान में लोकसभा चुनाव के इतिहास को देखें तो पहली महिला जिन्होंने जीत दर्ज की थी. वह कांग्रेस या भाजपा की प्रत्याशी नहीं थी. पहली मिहला के तौर पर पूर्व राजमाता स्व. गायत्री देवी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने ये जीत स्वतंत्रता पार्टी के टिकट पर हासिल की थी.
उनके अलावा बिना किसी पार्टी के टिकट पर जीतने वाली महिला जोधपुर की पूर्व राजमाता कृष्णा कुमारी थी. उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था. इन दोनों के अलावा जितने भी महिलाओं ने आज तक राजस्थान के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है, वह या तो कांग्रेस पार्टी से रही या फिर भाजपा से. कांग्रेस की ओर से पहली बार टिकट साल 1962 में जयपुर की शारदा देवी को दिया गया था. लेकिन वह स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ रही पूर्व राजमाता गायत्री देवी से हार गई थी. 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो महिलाओं को कांग्रेस का टिकट दिया इनमें से चित्तौड़गढ़ से निर्मला कुमारी ने जीत दर्ज की थी. इसी तरीके से भाजपा ने पहली बार महिला उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव का टिकट पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को दिया था.
कांग्रेस के टिकट के लिए इन महिलाओं ने ठोकी दावेदारी
- गंगानगर सीट से मंत्री मास्टर भंवरलाल की बेटी बनारसी मेघवाल.
- बीकानेर लोकसभा सीट से गोविंद मेघवाल की बेटी सरिता मेघवाल और मास्टर भंवर लाल की बेटी बनारसी मेघवाल.
- सीकर लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नारायण सिंह की पुत्र वधू रीटा सिंह.
- झुंझुनू लोकसभा सीट से राजबाला ओला और रीटा चौधरी.
- चूरू लोकसभा सीट से रिहाना रियाद चिश्ती, कृष्णा पूनिया, हमीदा बेगम, सुचित्रा आर्य.
- बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से सुनीता भाटी और चित्रा सिंह अगर मानवेंद्र सिंह अपनी पत्नी चित्रा सिंह का नाम आगे करें तो.
- पाली लोकसभा सीट से मुन्नी देवी गोदारा, लीला मदेरणा, बीना काक और सुमित्रा जैन.
- दौसा लोकसभा सीट से सविता मीणा यह विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी हैं.
- जोधपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद चंद्रेश कुमारी और विजयलक्ष्मी विश्नोई.
- चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट से पूर्व सांसद गिरिजा व्यास.
- कोटा लोकसभा सीट से एकता धारीवाल , डॉ रत्ना जैन और पूनम गोयल, एकता धारीवाल शांति धारीवाल की पुत्रवधू हैं.
- नागौर लोकसभा सीट से ज्योति मिर्धा, सुनीता चौधरी, बिंदु चौधरी, सुनीता चौधरी विधानसभा में उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी की पत्नी हैं और वर्तमान में नागौर की जिला प्रमुख भी.
- टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से पूर्व विधायक जकिया.
- उदयपुर लोकसभा सीट से बसंती मीणा यह रघुवीर मीणा की पत्नी हैं.
- बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट से रेशमा मालवीय यह पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय की पत्नी हैं.
- बारां झालावाड़ लोकसभा सीट से उर्मिला जैन भाया यह कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी हैं.
- अजमेर लोकसभा सीट से प्रभा ठाकुर और नसीम अख्तर इंसाफ.
- जयपुर लोकसभा सीट से अर्चना शर्मा, ज्योति खंडेलवाल, मंजू शर्मा. वहीं जयपुर लोकसभा सीट से यह चर्चा भी चल रही है कि भाजपा की पूर्व विधायक दीया कुमारी भी कांग्रेस के संपर्क में है हालांकि दिया ने इन बातों को नकारा है.
- जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से दिव्या सिंह और रेखा कटारिया. दिव्या सिंह कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की पत्नी है और रेखा कटारिया कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया के भाई की पत्नी हैं.
- राजसमंद हेमलता जोशी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की पत्नी हैं. हालांकि इनका नाम अभी तक केवल सीपी जोशी के समर्थक ही आगे कर रहे हैं खुद सीपी जोशी नहीं.
- भीलवाड़ा से गिरिजा व्यास, वंदना माथुर और मोना शर्मा. मोना शर्मा भीलवाड़ा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा की पत्नी हैं.